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28 असरदार वास्तु टिप्स से पाएं सौभाग्य व समृद्धि (28 Effective Vastu Tips for Good Luck & Prosperity )

a_ss102 यदि आप जीवन में सौभाग्य व समृद्धि चाहते हैं, तो वास्तु से जुड़ीं इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें. * तुलसी के गमले में दूसरा और कोई पौधा न लगाएं, ऐसा करने से धनहानि हो सकती है या बनते काम बिगड़ सकते हैं. * पूर्व या उत्तर में तुलसी अवश्य लगाएं. इससे घर में शारीरिक, मानसिक, आर्थिक लाभ बना रहता है. * पलंग पर स्टील के बर्तन न रखें, इससे स्वास्थ्य लाभ में कमी आ सकती है. * चलते हुए आभूषण पहनने से उनकी वृद्धि में कमी आती है. अतः ऐसा न करें. * पूर्व या उत्तरमुखी होकर आभूषण पहनना सौभाग्यशाली होता है. इससे प्रतिष्ठा बढ़ती है और अपयश से बचाव भी होता है. * मकान बनवाते समय सबसे पहले बोरिंग, फिर चौकीदार का कमरा और बाद में बाहरी दीवार बनवाएं. इससे काम समय पर पूरा होता है. * एक्सपायर्ड दवाएं रात को ही फेंकनी चाहिए. इससे घर में दवाओं का आना बंद हो जाता है. * बिजली के स्विचेज़, बिजली का मुख्य मीटर, टीवी आदि कमरे में आग्नेय कोण अथवा वायव्य कोण पर रखने से धन में वृद्धि होती है. * मकान की सब दिशाओं की तुलना में उत्तरी व पूर्वी भाग में खाली स्थान अधिक हो तो आर्थिक उन्नति के साथ व्यापार में भी विशेष वृद्धि होगी. * छत की ढलान उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में रखें. इससे आर्थिक उन्नति होती है. * घर में कन्याओं का स्थान उत्तर-पश्‍चिम क्षेत्र में ही बनाना चाहिए. ऐसा करने से कन्याओें से संबंधित कार्य जल्दी होते हैं. * भूलकर भी दर्पण पश्‍चिम या दक्षिण की दीवार पर न लगाएं. दर्पण पूर्व या उत्तर की दीवार पर लगाएं. ऐसा करने से प्रगति जल्दी होती है. * भवन की ऊंचाई दक्षिण व पश्‍चिम भाग में अधिक तथा उत्तर व पूर्व भाग में कम हो. इससे कार्यों में आसानी होती है. यह भी पढ़ें: हैप्पी मैरिड लाइफ के लिए आज़माएं ये असरदार फेंगशुई टिप्स vastu tips * सूर्य की किरणों तथा शुद्ध वायु से वंचित मकान अच्छा नहीं होता तथा मध्याह्न के पश्‍चात् की सूर्य किरणें भी घर में स्थित कूप या जलस्थान आदि  पर पड़ें तो भी अच्छा नहीं होता. तात्पर्य यह है कि प्रातःकालीन सूर्य की किरणों का प्रवेश घर में अवश्य ही होना चाहिए, जो कि श्रेष्ठ है. * भवन निर्माण इस प्रकार से किया जाए कि भूखण्ड में भवन के चारों ओर खुला स्थान रहे. इससे यशवृद्धि होती है. * वास्तु की दृष्टि से पश्‍चिम तथा दक्षिण की तुलना में उत्तर तथा पूर्व में अधिक खुला हुआ भाग होना चाहिए. फ्लैट्स में इस सूत्र का उपयोग करके लाभ  लिया जा सकता है. ऐसा करने से जीवन में स्थायित्व भी आता है. * मकान की नींव खोदने का काम आग्नेय कोण से शुरू करके नैऋत्य कोण की तरफ़बढ़े. कंस्ट्रक्शन नैऋत्य कोण की तरफ़ से आरंभ करके आग्नेय  कोण की तरफ़ बढ़े. ऐसा करने से वास्तुदोष का प्रभाव कम होता है. * उत्तर या पूर्व में लॉन, सुंदर वृक्ष या फुलवारी होनी चाहिए. * बिल्डिंग प्लॉट के नैऋत्य कोण में बनवाएं. ऐसा करने से सरकारी विभाग परेशान नहीं करता. * भूखण्ड व वास्तु की चार दीवारें उत्तर व पूर्व की ओर की अपेक्षा दक्षिण व पश्‍चिम की ओर अधिक मोटी तथा ऊंचाई लिए हों. * सदा पूर्व की ओर मुख करके ही ब्रश करना चाहिए. * क्षौरकर्म (बाल कटवाना) पूर्व अथवा उत्तर की ओर मुख करके ही कराना चाहिए. * तोते का आना शुभ माना जाता है. इनके आवागमन से कोई हानि नहीं है. * बेसमेंट में दुकान या ऑफ़िस लेना आवश्यक हो तो पूर्व या उत्तर की दिशा में ही लें. * प्लॉट के तीनों तरफ़ रास्तों का होना शुभ होता है. * घर के दक्षिण या पश्‍चिमी भाग में फर्नीचर होना अत्यंत लाभदायक है. फर्नीचर को उत्तर या पूर्वी दीवार से सटा कर कभी नहीं रखना चाहिए. * गृह-प्रवेश के समय वास्तुशांति हवन, वास्तु जाप, कुलदेवी-देवताओं की पूजा, बड़ों को सम्मान, ब्राह्मणों एवं परिजनों को भोजन कराना चाहिए. * पानी का निकास वायव्य कोण, उत्तर व ईशान कोण में रखने से कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं. [amazon_link asins='B01J7HYLUG,8120795369,B019H46JP4,8174764895,B019XJHVBE' template='ProductCarousel' store='pbc02-21' marketplace='IN' link_id='44c1b567-fcf2-11e7-a10a-f9cb87523915']

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