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10 चार्जेज़ जो बैंक आपसे वसूल करते हैं (10 Charges Levied By Banks On Your Account)

बैंक (Bank) हमारे वित्तीय लेन-देन का अहम् हिस्सा हैं. हम अपने अधिकतर लेन-देन बैंक के ज़रिए करते हैं. इसी लेन-देन के चलते कई बार बैंक अपने उपभोक्ताओं से ऐसे चार्जेस (Charges) वसूल करते हैं, जिनके बारे में ग्राहकों को बिल्कुल भी जानकारी नहीं होती है. हम यहां पर बता रहे हैं बैंक द्वारा लगाए जानेवाले कुछ शुल्कों के बारे में, जिन्हें बैंक आपसे वसूल करता है.
1. मंथली स्टेटमेंट चार्ज
यदि आप चाहते हैं कि आपका बैंक हर महीने आपके घर आपका मंथली स्टेटमेंट भेजे, तो बैंक हर महीने आपका स्टेटमेंट आपके घर भेज देगा, लेकिन बदले में आपसे शुल्क वसूल करेगा. कुछ बैंक मंथली स्टेटमेंट भेजने का चार्ज 200 रुपए वसूल करते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि ईमेल द्वारा स्टेटेमेंट मंगवाने पर बैंक आपसे कोई शुल्क वसूल नहीं कर सकता. रिज़र्व बैंक के नियमों के अनुसार, बैंकों को हर तीन महीने में अपने ग्राहकों को स्टेटमेंट भेजना पड़ता है, जिस पर बैंक उनसे कोई चार्ज वसूल नहीं कर सकता.
2. मिनिमम बैलेंस न होने पर लगता है चार्ज
कुछ निजी बैंक ऐसे होते हैं, जो खाता खुलवाते समय आपके सामने मिनिमम बैलेंस होने की शर्त रखते हैं, लेकिन किसी कारणवश अकाउंट में मिनिमम बैलेंस न होने पर बैंक आपसे जुर्माना वसूल करते हैं. इसके अलावा कुछ बैंक ऐसे भी होते हैं, जो आपके खाते में क्वाटर्ली मिनिमम बैलेंस मेंटेन न करने पर आपसे अलग से 750-1500 रुपए तक का शुल्क वसूल करते हैं.
3. अन्य ब्रांचों से लेन-देन करने पर लगता है शुल्क
जिस ब्रांच में आपका खाता है, अगर आप उससे भिन्न किसी अन्य ब्रांच से कोई लेन-देन करते हैं, तो बैंक आपसे चार्ज वसूल करता है. कुछ निजी बैंक ऐसे हैं, जो आपके द्वारा पहली बार ट्रांज़ैक्शन करने पर आपसे कोई शुल्क वसूल नहीं करते हैं, लेकिन उसके बाद हर ट्रांज़ैक्शन पर प्रति हज़ार 5 रुपए शुल्क वसूल करते हैं.

4. दूसरे बैंक के एटीएम से 5 से अधिक बार रक़म निकालने पर लगता है चार्ज
बैंकों ने बेशक अपने उपभोक्ताओं को एटीएम से पैसा निकालने की सुविधा दी है, लेकिन ज़रूरी नहीं है कि जिस बैंक में आपका खाता है, उसका एटीएम आपके घर-ऑफिस के आसपास हो. दूसरे शब्दों में कहें तो ज़रूरी नहीं कि जिस बैंक में आपका खाता है, उसका एटीएम आपको हर जगह मिले. ऐसी स्थिति में दूसरे बैंकों के एटीएम से पैसा निकालना आपको महंगा पड़ सकता है. यदि आप पैसा निकालने के लिए दूसरे एटीएम का इस्तेमाल 5 से अधिक बार करते हैं, तो ऐसी स्थिति में बैंक आपसे 20 रुपए का शुल्क वसूल करता है. नए नियमों के अनुसार, अब जिस बैंक में आपका खाता है, उस बैंक के एटीएम का इस्तेमाल 5 से अधिक बार करने पर भी आप पर चार्ज लगेगा.
5. चेक का स्टेटस जानना है, तो लगेगा शुल्क
अगर आप अपने चेक का स्टेटस जानना चाहते हैं, तो भी कुछ प्राइवेट बैंक आपसे चार्ज वसूल करते हैं. इस सर्विस के लिए प्राइवेट बैंक कम से कम 25 रुपए तक वसूल करते हैं. बैंक अधिकारियों के अनुसार, यह शुल्क रनिंग चेक (2-3 महीने पुराना चेक) का स्टेटस जानने के लिए नहीं वसूला जाता है, अगर चेक 8-12 महीने पुराना है और आप उसका स्टेटस जानना चाहते हैं, तो बैंक आपसे चार्ज वसूल करेगा.

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6. अकाउंट बंद कराने पर बैंक लगाते हैं शुल्क
यदि आपके खाते 5-6 बैंकों में हैं और आप उनमें से कुछ खाते बंद करना चाहते हैं, तो ध्यान रहे कि ऐसी स्थिति में भी बैंक आपसे शुल्क वसूल कर सकता है. आमतौर पर उपभोक्ताओं को इस बात का पता भी नहीं होता है. ऐसा भी हो सकता है कि अकाउंट खोलेे हुए अभी आपको 6-8 महीने ही हुए हों और आप किसी कारणवश अपना खाता बंद करना चाहते हैैं, तो बैंक अपनी नीतियों के तहत आपसे 50 रुपए से लेकर 200 रुपए तक शुल्क वसूल कर सकता है. कुछ प्राइवेट बैंक ऐसे भी होते हैं कि यदि आपने
अकाउंट से छह महीने तक कोई ट्रांज़ैक्शन नहीं किया है, तो भी वह आप पर जुर्माना लगा सकता है.
ध्यान देने योग्य बात यह है कि हर बैंक की अपनी नीतियां होती हैं, इसलिए कुछ बैंक सेविंग अकाउंट को बंद करने का कोई चार्ज नहीं लेते हैं. कुछ बैंक तो करंट अकाउंट को क्लोज़ करने का 500-1000 रुपए तक लेते हैं. दरअसल, बैंक्स अकाउंट क्लोज़िंग चार्ज इसलिए वसूल करते हैं, ताकि किसी भी खाते को खोलने में आई लागत, जैसे- चेकबुक, डेबिट कार्ड आदि वसूल कर सकें.

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7. 12 बार बैंक जाकर किया ट्रांज़ैक्शन, तो बैंक वसूलेगा शुल्क
निजी बैंकों की अपनी नीतियां होती हैं. इन्हीं नीतियों के तहत उनकी एक नीति यह भी है कि अगर आप ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन करने और एटीएम का इस्तेमाल करने की बजाय ख़ुद बैंक में जाकर ट्रांज़ैक्शन करते हैं, तो भी बैंक आपसे शुल्क वसूल करता है और आपको इस बात का एहसास भी नहीं होता है कि बैंक ने आपके खाते से एक छोटी-सी रकम डेबिट की है, उदाहरण के लिए- अगर आप तीने महीने के दौरान अपनी ब्रांच में जाकर 12 से अधिक बार ट्रांज़ैक्शन करते हैं, तो निजी बैंक आपके खाते से 50 रुपए प्रति ट्रांज़ैक्शन के हिसाब से शुल्क वसूल कर सकता है.
8. एसएमएस अलर्ट की सूचना लेने पर भी लगता है चार्ज
अब तो अमूमन सभी बैंक अपने उपभोक्ताओं को एसएमएस बैंकिंग की सुविधा मुहैया कराते हैं, लेकिन बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी भी नहीं होगी कि बैंक इस अलर्ट सुविधा के लिए एक निश्‍चित राशि अपने ग्राहकों से वसूल करता है. ज़्यादातर बैंक अपने उपभोक्ताओं से सालाना 60-100 रुपए तक वसूल करते हैं. ध्यान देने योग्य बात यह है कि केवल निजी बैंक ही नहीं, सरकारी बैंक भी एसएमएस अलर्ट की सुविधा का चार्ज वसूल करते हैं.
9. नॉन बेस ब्रांच से एक महीने में दूसरी बार पैसे निकालना और जमा कराना
अगर आप नॉन बेस ब्रांच से एक महीने में दो बार या उससे अधिक बार पैसे निकालते हैं या जमा कराते हैं, तो भी बैंक अपने ग्राहकों से शुल्क वसूल करता है. इसके लिए हर बैंक ने अलग-अलग राशि निर्धारित की हुई है.
10. कंफर्मेशन में भी लगता है शुल्क 
यदि आप बैंक से किसी तरह का डॉक्युमेंट- एड्रेस कंफर्मेशन, बैलेंस सर्टिफिकेट, इंटरेस्ट सर्टिफिकेट, अटेस्टेड सिग्नेचर आदि लेते हैं, तो भी बैंक आपसे शुल्क वसूल करता है. बैंकों का मानना है कि उनके द्वारा लगाए ये सभी शुल्क सही हैं, क्योंकि उपभोक्ता इनके लिए वकील के पास जाएंगे, तो वह भी आपसे शुल्क वसूल करेगा.
कुछ अन्य शुल्क, जो बैंक आपसे वसूल करते हैं


लॉस्ट कार्ड फी: अगर आपका डेबिट कार्ड खो जाता है और आप बैंक से नया कार्ड इश्यू करने के लिए आवेदन करते हैं, तो भी बैंक आपसे शुल्क वसूल करता है.
डिसऑनर्ड चेक: अगर आपका कोई चेक डिसऑनर हो जाता है, तो बैंक आपसे चार्ज वसूल करता है.
डुप्लीकेट स्टेटमेंट: यदि आप बैंक से कोई डुप्लीकेट स्टेटमेंट लेने के लिए आवेदन करते हैं, तब भी बैंक आपसे चार्ज वसूल करता है. इसके अलावा अगर आप ऑनलाइन डुप्लीकेट स्टेटमेंट लेते हैं, तो बैंक आप से कम चार्ज वसूल करता है.
ईसीएस ट्रांज़ैक्शन: बैंक में जब भी आपका कोई ईसीएस ट्रांज़ैक्शन रिजेक्ट हो जाता है, तो भी बैंक उपभोक्ताओं से शुल्क वसूल करता है.
नोट: सरकारी और निजी, हर बैंक की अपनी नीतियां होेती हैं, जिनके अनुसार वह शुल्क की राशि तय करता है, उपरोक्त बताई गई शुल्क की रक़म अनुमानित आधार पर लिखी गई हैं, जो साल दर साल बदलती रहती हैं. यदि आप किसी ट्रांज़ैक्शन से जुड़े शुल्क के बारे में जानना चाहते हैं, तो अपने नज़दीकी बैंक से संपर्क करें.
लॉन्ग टाइम कस्टमर प्रिविलेज
लॉन्ग टाइम कस्टमर प्रिविलेज के अंतर्गत कुछ पुराने उपभोक्ता ऐसे होते हैं, जो बैंक के प्रति सभी दायित्वों व ज़िम्मेदारियों को अच्छी तरह से निभाते हैं. ऐसे पुराने उपभोक्ता लॉयल कस्टमर्स की श्रेणी में आते हैं. बैंक अपनेे ऐसे लॉयल कस्टमर्स को फीस वेवर (बैंक द्वारा लगाए जानेवाले चार्जेस) में छूट देता है, लेकिन अधिक ग्राहकों को इस बात की जानकारी नहीं होती. अगर आप सजग बैंक उपभोक्ता हैं, तो बैंक द्वारा शुल्कों में दिए जानेवाले इस छूट के बारे में बैंक कर्मचारियों से ज़रूर पूछें.

और भी पढ़ें: बैंक लॉकर लेने से पहले जानें 21 बातें (21 Things Every Bank Locker Holder Should Know)

– पूनम नागेंद्र शर्मा

Poonam Sharma

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