राज कपूर का नाम कुछ और था!
राज कपूर का पूरा नाम रणबीर राज कपूर है.
ऐक्टर और डायरेक्टर नहीं, बल्कि कुछ और बनना चाहते थे राज कपूर!
अभिनय और निर्देशन का लोहा मनवानेवाले शो मैन राज कपूर का लक्ष्य ऐक्टर बनना नहीं था, बल्कि वो तो किसी और विधा के मास्टर बनना चाहते थे. जी हां, राज कपूर म्यूज़िक डायरेक्टर बनना चाहते थे.
थप्पड़ से शुरू हुआ राज कपूर का करियर!
केदार शर्मा की फिल्म से राज कपूर ने बतौर क्लैपर बॉय फिल्मी पारी की शुरुआत की. इस फिल्म में राज कपूर ने इतनी तेज़ से क्लैपिंग की कि ऐक्टर की नकली दाढ़ी क्लैप में फंसकर गिर गई. इस पर केदार शर्मा ने राज कपूर को एक थप्पड़ मारा था.
किस उम्र में पहली फिल्म डायरेक्ट की?
अभिनय तो राज कपूर को अपने पिता से विरासत में मिली थी, लेकिन निर्देशन की कला पर किसी की मुहर नहीं. महज़ 24 साल की उम्र में ही राज कपूर फिल्म निर्देशक बन गए थे. आग उनकी पहली निर्देशित फिल्म थी. इस फिल्म में उन्होंने अभिनय भी किया था.
तो क्या पाकिस्तानी थे राज कपूर!
राज कपूर हिंदुस्तान नहीं, बल्कि पाकिस्तान में पैदा हुए थे. जी हां, वो पेशावर में पैदा हुए थे, जो अब पाकिस्तान में है.
क्या कम उम्र में ही बनाया था RK Films?
फिल्मों में क्लैप बॉय से अपनी जर्नी शुरू करनेवाले राज कपूर ने महज़ 24 साल की उम्र में ही अपना फिल्म बैनर RK Films बनाया.
आख़िर क्यों अपनी हिरोइनों को स़फेद साड़ी पहनाते थे राज साहब?
शो मैन राज कपूर को स़फेद साड़ी बहुत पसंद थी. असल में इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है. बचपन में राज साहब ने एक महिला को स़फेद साड़ी में देखा और उस पर उनका दिल आ गया. फिर क्या था अपनी हिरोइनों को राज साहब स़फेद साड़ी ज़रूर पहनाते थे.
क्या अपनी फिल्मों में निजी ज़िंदगी के कुछ पल ज़रूर डालते थे शो मैन?
राज कपूर रियल शो मैन थे. शायद इसीलिए अपनी कई फिल्मों में वो कोई ऐसा सीन ज़रूर रख देते थे, जो उनके निजी ज़िंदगी का कभी हिस्सा रहा हो. फिल्म बॉबी का वो सीन तो आपको याद ही होगा, जब पहली बार ऋषि कपूर डिंपल कपाड़िया से उसके घर मिलते हैं. डिंपल दरवाज़ा खोलती हैं और उनके चेहरे पर आटा लगा होता है. असल में यह सीन राज कपूर और नरगिस के रियल लाइफ का हिस्सा था.
किसको टैक्सी कहकर बुलाते थे राज कपूर?
राज कपूर जब सत्यम-शिवम- सुंदरम फिल्म बना रहे थे, उस समय उनके छोटे भाई शशि कपूर दिन में 3-3 शिफ्ट में काम करते थे. इससे राज कपूर को अपनी फिल्म के लिए समय नहीं मिल पा रहा था, चूंकि शशि ही लीड रोल में थे. ऐसे में उनका काम फिल्म में ज़्यादा था, लेकिन उनके समय न दे पाने पर एक दिन राज कपूर ने शशि कपूर को कहा कि शशि टैक्सी है, जो दिनभर चलता है.
आख़िर क्यों रूस में राज कपूर की टैक्सी अचानक हवा में चलने लगी?
अब इसे राज कपूर की दीवानगी ही कहेंगे. बात उस समय की है जब राज साहब फिल्म मेरा नाम जोकर के लिए रशियन सर्कस से बात कर रहे थे. उस समय राज कपूर लंदन में थे और बिना वीज़ा के ही वो मास्को पहुंच गए. बिना किसी पूर्व सूचना के वो वहां पहुंचे थे, इसलिए उनके स्वागत के लिए कोई नहीं था. फिर राज कपूर एयरपोर्ट से बाहर निकले और टैक्सी ले लिया. टैक्सी चल ही नहीं रही थी. तब अचानक राज कपूर का ध्यान गया कि टैक्सी चलने की बजाय हवा में थी. राज कपूर के फैन्स ने टैक्सी को अपने कंधे पर उठा लिया था.
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