क्या आप अक्सर सर्दी-ज़ुकाम की शिकार हो जाती हैं या आपको इंफेक्शन बहुत जल्दी हो जाता है? इन सबका कारण कमज़ोर इम्यून सिस्टम है, जिसकी वजह से आप जल्दी बीमार हो जाती हैं. डायट से कैसे सुधारें इम्यून सिस्टम?
इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरोधक प्रणाली दुरुस्त न हो, तो हम बहुत जल्द बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. इम्यून सिस्टम के कमज़ोर होने का सबसे बड़ा कारण है डायट में न्यूट्रीएंट्स की कमी. तो आइए जानते हैं, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में, ताकि इन्हें अपनी रोज़मर्रा की डायट में शामिल कर आप हमेशा सेहतमंद बने रहें.
सब्ज़ियां खाने से कोलेस्ट्रॉल व हृदय रोग की संभावना कम होती है. इनसे शरीर को विटामिन व मिनरल्स मिलते हैं, जिनसे इम्यून सिस्टम तंदुरुस्त रहता है.
मेथी
– रोज़ाना मेथी खाने से एनीमिया से राहत मिलती है.
– मेथी डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए भी लाभदायक है.
– डिलीवरी (प्रसव) के बाद इसे खाने से मां को अच्छा दूध आता है.
पालक
– इसमें आयरन, कैल्शियम काफ़ी मात्रा में होता है, जो एनीमिया में लाभदायक है.
– पालक व अन्य हरी सब्ज़ियों में विटामिन, मिनरल, फॉलिक एसिड व फाइबर्स होते हैं.
गाजर
– गाजर विटामिन ए, कैरोटिनाइड और एंटी ऑक्सीडेंट का स्रोत है.
– गाजर के सेवन से लंग कैंसर की संभावना कम होती है.
– विटामिन ए आंखों के लिए अच्छा होता है एवं मोतियाबिंद की संभावना को भी कम करता है.
टमाटर
– टमाटर का नियमित सेवन दिल की बीमारी में आराम पहुंचाता है.
– कोलेस्ट्रॉल हाई हो, तो नियमित रूप से टमाटर का जूस पीएं.
– टमाटर एलडीएल (बैड कोलेस्ट्रॉल) का लेवल कम करने में भी सहायक होता है.
– इसमें लाइकोपेन होता है, जो शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को न्यूट्रलाइज़ कर देता है, जिससे फ्री रेडिकल्स हमारे शरीर को नुक़सान नहीं पहुंचा पाते.
– इसके नियमित सेवन से त्वचा पर पड़ने वाली झुर्रियों से लेकर हार्ट अटैक जैसी संभावित स्वास्थ्य समस्याओं का ख़तरा कम हो जाता है.
ये एंटी-ऑक्सीडेंट के भंडार होते हैं. इन्हें रोज़ खाया जाना चाहिए.
सेब
– सेब विटामिन सी व पोटैशियम का अच्छा स्रोत है.
– यदि 1 या 2 सेब रोज़ खाए जाएं, तो एनर्जी लेवल में बढ़ोतरी होती है.
– इससे इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग होता है और ब्लडप्रेशर भी कम होता है.
संतरा
– यह विटामिन ङ्गसीफ का स्रोत है.
– संतरा कैंसर से बचाव, ब्लड सर्कुलेशन (रक्तसंचार) बढ़ाने, घावों को जल्दी भरने मेें भी सहायक है.
अंगूर
– हरे व काले दोनों तरह के अंगूरों में एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं.
– ये नसों को संकीर्ण और कड़ा होने से बचाते हैं.
– अंगूर में पाए जाने वाले इलॉजिक एसिड में एंटी कैंसर गुण भी होते हैं.
– इसमें एन्थोसाएनिन्स की मात्रा अधिक होती है.
– ये शरीर में मौजूद ख़राब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को नष्ट करता है और ख़ून के थक्के नहीं जमने देता.
बेरीज़
– सभी बेरीज़, जैसे- स्ट्रॅाबेरी, ब्लूबेरी, केनबेरी आदि विटामिन एवं फाइटोकेमिकल्स के अच्छे स्रोत हैं.
– फाइटोकेमिकल्स ऐसे पदार्थ हैं, जो बीमारियों से बचाते हैं.
– स्ट्रॉबेरी में एंटी कैंसर गुण भी होते हैं.
– इसे खाने से कमज़ोरी और डिप्रेशन दूर होता है.
केला
– इसे ङ्गइंस्टेंट एनर्जी बूस्टरफ कहना सही होगा, क्योंकि इसे खाने पर तुरंत एनर्जी मिलती है.
– इसमें 3 प्रकार की प्राकृतिक शर्करा होती है- ग्लूकोज़, सूक्रोज़ और फ्रक्टोज़.
– इसमें पाए जानेवाले हाई फाइबर कब्ज़ दूर करने में सहायक होते हैं.
– इसके अलावा केले का सेेवन अल्सर, एनीमिया, ब्लडप्रेशर, डिप्रेशन आदि में भी उपयोगी होता है.
नाशपाती
– यह पेक्टीन फाइबर व पोटैशियम का स्रोत है.
– पेक्टीन कोलेस्ट्रॉल कम करता है, शरीर को टॉक्सीन से मुक्त रखता है.
– इसमें सोडियम, फॉस्फोरस, कॉपर, विटामिन ए, सी भी होता है. यह व्हाइट सेल्स को इंफेक्शन से लड़ने के लिए उत्तेजित करता है और फ्री रेडिकल्स से होनेवाले नुक़सान से बचाता है.
तरबूज़
– इसमें प्रचुर मात्रा में लाइकोपेन पाया जाता है.
– ये प्रोस्टेट कैंसर के ख़तरे को कम करता है.
आड़ू
– इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइट्रेट विटामिन सी, ए और फाइबर होते हैं.
– मेनोपॉज़ के बाद की समस्याओं से बचने के लिए रोज़ 2 पीचेज़ खाना लाभदायक है, क्योंकि इसमें पाया जानेवाला ङ्गबोरोनफ एस्ट्रोजन हार्मोन लेवल को बढ़ाता है.
आंवला
– आंवले में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो इम्यून सिस्टम को बहुत मज़बूत बनाता है.
– रोज़ सुबह आंवले का रस और शहद मिलाकर खाया जाए, तो अनेक बीमारियों से बचाव होता है.
सलाद में खाए जानेवाले पदार्थ भी इम्यून सिस्टम दुरुस्त करने में सहायक होते हैं.
खीरा
– यह ठंडी प्रकृति का, डाययूरेटिक (मूत्रवर्द्धक) व त्वचा के लिए फ़ायदेमंद होता है.
– खीरे का ताज़ा रस सीने की जलन, एसिडिटी, एक्ज़िमा, आर्थराइटिस, गेस्ट्राइटिस व अल्सर में भी फ़ायदा
पहुंचाता है.
शतावरी
– इसमें कैलोरीज़ न के बराबर और विटामिन व मिनरल प्रचुर मात्रा में होते हैं, जैसे- विटामिन ए, बी, सी, बी 9 आदि.
– एस्पेरेगस में पाया जानेवाला विटामिन ए त्वचा व बालों के लिए एवं फाइबर आंतों की सफ़ाई के लिए फ़ायदेमंद होता है.
मूली
– इसमें ज़िंक काफ़ी मात्रा में होता है.
– यह मूत्रवर्द्धक होती है.
– इसकी पत्तियों में आयरन, कैल्शियम व विटामिन सी होता है.
बीटरूट
– इसमें आयरन, पोटैशियम व विटामिन सी होता है.
– यह लिवर को डिटॉक्स करता है और इम्यून सिस्टम को तंदुरुस्त रखता है.
नींबू
– इसमें इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बनाने वाला विटामिन सी व फ्लेवोनॉइड नामक कंपाउंड पाया जाता है.
– इसमें एंटी-कैंसर व एंटी-ऑक्सीडेंट के गुण भी होते हैं.
– यह त्वचा और मसूड़ों को हेल्दी बनाता है.
हरी धनिया
– इसमें आयरन होता है.
– यह भोजन का स्वाद बढ़ाता है तथा एलर्जी व अपचन से बचाता है.
दही
– दही में ज़िंक होता है, जिसकी कमी से इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता है.
– इसमें कैल्शियम, विटामिन ई व प्रोटीन होता है.
– दही खाने से मुंह से आनेवाली बदबू कम होती है.
– पाचन नली के हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने में मदद मिलती है, जिससे पाचन क्रिया ठीक रहती है.
साथ ही पेट संबंधी सारी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है.
शहद
– इसमें प्राकृतिक शर्करा व कार्बोहाइड्रेट होेता है, जो शरीर में आसानी से अवशोषित हो कर इंस्टेंट एनर्जी देते हैं, जिसका असर लंबे समय तक रहता है. अतः एथलीट व रनर्स अपनी डेली डायट में इसका उपयोग करते हैं.
– यह स्ट्रेस बूस्टर व एंटीसेप्टिक भी है.
पार्सले
– इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी, कैल्शियम, पोटैशियम, मैगनीज़, आयरन होता है.
– यह भी इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रखने में सहायक है.
तुलसी
– इसके पत्ते गैस की समस्या, मितली व पेट की समस्या से भी निजात दिलाते हैं.
– हेपेटाइटिस व टाइफ़ाइड से बचने के लिए इसके 5 पत्ते रोज खाएं.
ड्रायफ्रूट्स
– सभी ड्रायफ्रूट्स विटामिन्स, फ़ाइबर, मिनरल आयरन व कैल्शियम के स्रोत हैं.
– ये बहुत हेल्दी होते हैं. इनमें हाई प्रोटीन व फैट होता है.
– ब्रेनफूड बादाम विटामिन ई का स्रोत है, जो त्वचा की झुर्रियां व कोलेस्ट्रॉल कम करता है.
– अखरोट में ओमेगा 3 ़फैटी एसिड होता है, जो आर्थराइटिस कम करता है.
विभिन्न अनाजों में मौजूद उपयोगी पदार्थ भी इम्यून सिस्टम बढ़ाते हैं, जिससे हम बने रहते हैं सेहतमंद.
दालें (सभी तरह की)
– इनमें सभी आवश्यक एमीनो एसिड्स होते हैं.
– इनमें 20-25% प्रोटीन होता है, जो गेहूं में पाए जाने वाले प्रोटीन से दुगुना और चावल के प्रोटीन से तिगुना होता है.
सोयाबीन
– इसमें ओमेगा 3 व ओमेगा 6 फैटी एसिड्स होते हैं, जो हेल्थ के लिए अच्छे हैं.
– मेनोपॉज़ व ऑस्टियोपोरोसिस में इसका उपयोग बहुत फ़ायदा पहुंचाता है.
बीन्स
– बीन्स में विटामिन बी व पोटैशियम होता है.
– ये कोलेस्ट्रॉल कम करने, ब्लड शुगर नियंत्रित करने और ब्लडप्रेशर, कैंसर व मोटापे का रिस्क कम करने में
सहायक हैं.
ओट्स (जई)
– इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, सिलिकॉन, विटामिन बी व ई होते हैं. नाश्ते में इनका सेवन सेहतमंद होता है.
ये पाचन में भी मदद करते हैं.
– कोलेस्ट्रॉल कम करने व डायबिटीज़ के लिए फ़ायदेमंद हैं.
फ्लेक्स सीड्स (अलसी)
– फ्लेक्स सीड्स में ओमेगा 3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में होता है, अतः इसके सेवन से हृदय रोग, कैंसर, आर्थराइटिस जैसी बीमारियों से बचाव होता है.
– इसमें मैगनीज़, फ़ॉलिक एसिड, कॉपर, फ़ॉस्फ़ोरस व विटामिन बी 6 होता है.
– यदि रोज़ इसका सेवन किया जाए तो सोरायसिस, ऑस्टियोपोरोसिस, डायबिटीज़ व एलर्जी में फ़ायदा
होता है.
तिल
– इसमें विटामिन ए, बी, ई के अलावा कैल्शियम, कॉपर, फ़ॉस्फ़ोरस, मैगनीज़, पोटैशियम व ज़िंक भी होता है.
पॉपी सीड्स (खसखस)
– यह गर्भवती व दूध पिलाने वाली मांओं के लिए बहुत फ़ायदेमंद है.
– इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस होता है.
– यह शरीर के पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है.
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