व्हाइट डिस्चार्ज (White Discharge) यानी स़फेद पानी आने की बीमारी स्त्रियों को होने वाला सामान्य रोग है, जो उन्हें पीड़ादाई स्थिति में पहुंचा देता है. व्हाइट डिस्चार्ज (White Discharge) के कई कारण हैं, जैसे- गुप्तांगों की सफ़ाई न करना, ख़ून की कमी, ज़्यादा सेक्स, तेल, मसाले, चटपटे व तीखे पदार्थों का ज़्यादा सेवन, कामुक विचार, वेजाइना में इंफेक्शन, वेजाइना या यूटरस के मुंह पर छाले, पीरियड की विकृति, ज़्यादा संतान होना, मूत्र स्थान में संक्रमण आदि.
व्हाइट डिस्चार्ज (White Discharge) के लक्षण
सफ़ेद पानी आना शुरू होने पर स्त्री को कमज़ोरी महसूस करती है. ख़ून कम होने से चक्कर आना, आंखों के सामने अंधेरा छा जाना, भूख न लगना, पेट साफ़ न होना, बार-बार पेशाब, पेट में भारीपन, कमर दर्द, वेजाइना में खुजली आदि लक्षण पाए जाते हैं. पीरियड से पहले या बाद में श्वतप्रदर स़फेद लसदार होता है. इसमें रोगी का चेहरा पीला पड़ जाता है.
व्हाइट डिस्चार्ज (White Discharge) से छुटकारा पाने के आसान घरेलू नुस्ख़े
* रोज़ाना दो-तीन केला खाने से श्वेतप्रदर की समस्या दूर होती है.
* 3 ग्राम आंवले का पाउडर शहद के साथ दिन में तीन बार चाटने से लाभ होता है.
* गूलर का फूल पीसकर और उसमें मिश्री व शहद मिलाकर दो-तीन बार सेवन करने से फ़ायदा मिलता है.
* स़फेद मूसली पाउडर या ईसबगोल को सुबह- शाम शर्बत के साथ पीने से आराम मिलता है.
* हरे आंवले को पीस कर उसे जौ के आटे में मिलाकर उसकी रोटी एक महीने तक खाने से श्वेतप्रदर से आराम मिलता है.
* टमाटर का रोज़ाना सेवन करने से भी फ़ायदा मिलता है.
* फालसे का शर्बत पीने से श्वेत प्रदर में आराम मिलता है.
* कच्ची भिंडी रोज़ सुबह खाने से लाभ होता है.
* मुलहठी 10 ग्राम, मिश्री 20 ग्राम, जीरा 5 ग्राम, अशोक की छाल 10 ग्राम- इन सभी का चूर्ण बनाकर रख लें. इसमें 3 से 4 ग्राम चूर्ण दिन में तीन बार खाएं.
* कच्चे केले को सुखाकर चूर्ण बना लें. उसमें समान मात्रा में गुड़ मिलाकर दिन में तीन बार कुछ दिन तक लेने से आराम मिलता है.
* सिंघाड़ा, गोखरू, बड़ी इलायची, बबूल की गोंद, शक्कर, सेमल की गोंद समान मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम लें.
व्हाइट डिस्चार्ज (White Discharge) की समस्या से छुटकारा पाने के 5 आसान घरेलू उपाय जानने के लिए देखें वीडियो:
व्हाइट डिस्चार्ज (White Discharge) होने पर इन चीज़ों से परहेज़ करें
* श्वेतप्रदर में स्त्रियों को खाने-पीने में विशेष सावधानी रखनी चाहिए.
* खट्टी-मीठी चीज़ें, तेल-मिर्च, ज़्यादा मसालेदार चीज़ों से परहेज़ करें.
* गुप्तांगों को नियमित साफ़ करें.
* ख़ून की कमी को पूरा करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें.
* बंदगोभी, पालक, टमाटर, सिंघाड़ा, गूलर आदि फलों का नियमित सेवन करें.
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