लोगों को लगता है कि कैंसर स़िर्फ शराब, सिगरेट और तम्बाकू से ही होता है. जो इन तीनों चीज़ों का सेवन नहीं करता, उन्हें कैंसर कभी नहीं हो सकता. आपको बता दें ऐसा कुछ भी नहीं है. इन तीनों चीज़ों के अलावा भी ऐसी कई चीज़ें (Cancer Causing Foods) हैं, जिन्हें खाने से कैंसर हो सकता है. ख़ास बात यह कि आप इन चीज़ों को रोज़ाना खा रहे हैं.
माइक्रोवेव पॉपकॉर्न
पहले लोग रेत में भुने हुए पॉपकॉर्न खाया करते थे या फिर मक्खन में मिक्स करके घर में ही कुकर या पैन में बनाया करते थे. लेकिन आजकल व़क्त बचाने के लिए पैकेट पॉपकॉर्न आ गए हैं. इसे बस माइक्रोवेव में रखें और कुछ ही मिनटों में गरम-गरम पॉपकॉर्न तैयार. लेकिन ये पैकेट वाले पॉपकॉर्न फेफड़ों के कैंसर का कारण बनते हैं. माइक्रोवेव में जब ये पैकेट गरम होता है तो कई तरह के केमिकल्स छोड़ता है, जो पैकेट में अंदर मौजूद ऑयल या मक्खन और पॉपकॉर्न में मिलकर फेफड़ों को कमज़ोर करते हैं.
डिब्बों में पैक खाना
आजकल व़क्त बचाने के चक्कर में हम ताज़े फल और सब्ज़ियों की जगह डिब्बों वाले खाने की तरह आकर्षित होते जा रहे हैं. कई तरह के पैक्ड फूड्स मिलने लगे हैं जो स़िर्फ 2 मिनट में तैयार हो जाते हैं. आपको बता दें स्टील या प्लास्टिक के डिब्बों में बिस्फेनॉल मौजूद होता है, जो आगे चलकर कैंसर की वजह बनता है.
रिफाइंड शक्कर
कैंसर का सबसे बड़ा कारण है रिफांइड शक्कर और हाई-फ्रुटोज़ कॉर्न सीरप. अगर आपको लगता है कि ब्राउन शुगर सेहत के लिए अच्छी है तो ऐसा नहीं है, क्योंकि उसमें भी कलर और फ्लेवर मिलाए जाते हैं जिससे ये और भी खतरनाक हो जाती है. ये रिफाइंड शक्कर कैंसर सेल्स को पालने का काम करती है. इसलिए कहा जाता है कि शक्कर की जगह शहद का सेवन करना चाहिए और मीठा कम खाना चाहिए.
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कार्बोनेटेड ड्रिंक्स
जितने भी बॉटल में भरे ड्रिंक्स आप पीते हैं सबमें कार्बोहाइड्रेट होता है. इस गैस से बने झाग देखने में बेशक बहुत अच्छे लगें, लेकिन आपकी सेहत के लिए ये बिल्कुल भी अच्छे नहीं होते. वहीं, इसमें मौजूद हाई-फ्रुटोज़ कॉर्न सीरप, केमिकल्स और कलर्स इसे और भी ख़तरनाक बनाते हैं.
वेजिटेबल ऑयल्स
यदि आपको लगता है कि बाज़ारों में आने वाले वेजिटेबल ऑयल्स सेहत के लिए बहुत अच्छे होते हैं तो आप ग़लत हैं. ये तेल कई केमिकल्स से भरे होते हैं. इन ऑयल्स को कैमिकली प्रोसेस से गुज़ारा जाता है. इसी से ऑयल की खूशबू और स्वाद को बदला जाता है.
डायट फूड
अपनी सेहत को लेकर सतर्क लोग खाने-पीने के सामानों को डायट शब्द देखकर उठाते हैं. इसी वजह से आजकल मार्केट में डायट ड्रिंक्स और डायट फूड्स आ गए हैं. इनका ज़रूरत से ज़्यादा सेवन भी कैंसर सेल्स को बढ़ा सकता है.
फ्रायड फूड
खाने से ज़्यादा आजकल लोग फ्रायड फूड खाते हैं. छोटी-छोटी भूख को लोग इन्हीं फ्रायड फूड से शांत करते हैं. ये फूड्स खाने में ज़रूर स्वादिष्ट हों लेकिन इनमें मौजूद कई तत्व कैंसर का कारण बनते हैं.
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