जैसे-जैसे वित्तीय वर्ष समाप्त होने लगता है, वैसे-वैसे हम टैक्स प्लानिंग करने के लिए सक्रिय होने लगते हैं, जो सही नहीं है. फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर वित्तीय वर्ष के आरंभ से ही टैक्स प्लानिंग कर लें, तो साल के अंत में आपको परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा और आप विभिन्न विकल्पों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करके उनमें निवेश कर सकेंगे. आयकर नियमों के अनुसार ऐसे कई स्मार्ट तरी़के हैं, जिनमें निवेश करके आप टैक्स का भुगतान करने से बच सकते हैं.
पीपीएफ
अगर टैक्स बचाना चाहते हैं, तो पीपीएफ आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है. पब्लिक प्रॉविडेंट फंड का सबसे बड़ा लाभ यह है कि टैक्स में लाभ मिलने के साथ-साथ यह लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट के लिए बेहतरीन विकल्प है. अगर आपने अभी तक पीपीएफ अकांउट नहीं खुलवाया है, तो उपरोक्त फ़ायदों को ध्यान में रखते हुए तुरंत पीपीएफ अकांउट खुलवा लें. इसमें ब्याज़ की दर 8.7 है. इस योजना के तहत आप कम से कम पांच सौ रुपए से लेकर ज़्यादा से ज़्यादा 1 लाख रुपए तक जमा कर सकते हैं. कुल मिलाकर पीपीएफ सेफ्टी, रिटर्न, टैक्सेबिलिटी और इंवेस्टमेंट के लिहाज़ से बेस्ट ऑप्शन है. पीपीएफ अकाउंट किसी भी पोस्ट ऑफिस और सरकारी बैंकों में खोला जा सकता है. अब तो कुछ प्राइवेट बैंक भी पीपीएफ अकाउंट खोलने की सुविधा देते हैं.
स्मार्ट आइडिया: अपना ही नहीं, बल्कि नाबालिग बच्चे या पत्नी के नाम से भी पीपीएफ अकांउट खुलवा सकते हैं. ऐसी स्थिति में टैक्स बेनीफिट्स सभी अकांउट्स में जमा रक़म को मिलाकर छूट केवल 1 लाख रुपए पर ही मिलेगी.
नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस)
आप इस स्कीम में निवेश करके न केवल अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग कर सकते हैं, बल्कि टैक्स में भी लाभ ले सकते हैं. यदि आप सरकारी कर्मचारी हैं और नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश करना चाहते हैं, तो आप अपने बजट के अनुसार कितनी भी राशि जमा कर सकते हैं, लेकिन आपको केवल 10% राशि पर ही टैक्स का लाभ मिलेगा. यहां पर सैलरी का मतलब बेसिक सेलरी और डीए से है. अगर आप प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं और एनपीएस में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो आप अपनी इच्छानुसार कितनी भी राशि जमा कर सकते हैं. लेकिन टैक्स का लाभ आपको टोटल ग्रॉस सैलरी के 10% राशि का ही मिलेगा. यहां पर टोटल ग्रॉस सैलरी का अर्थ सालभर में होनेवाली कुल आमदनी से.
स्मार्ट आइडिया: आप सरकारी या प्राइवेट सेक्टर के आधार पर एनपीएस का चुनाव कर सकते हैं.
अगर आप अपनी बेटी का भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं, तो सुकन्या समृद्धि योजना आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है. इस योजना के अंतर्गत आप अपनी 10 साल से कम उम्र की बेटी के लिए निवेश कर सकते हैं. यह योजना बैंक डिपॉज़िट, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड और अन्य चाइल्ड प्लान्स की तुलना में बेस्ट है, क्योंकि इस योजना में अन्य बैंक योजनाओं, पीपीएफ व दूसरे चाइल्ड प्लान्स में मिलनेवाले ब्याज़ की दर से अधिक है. इस योजना को आप पोस्ट ऑफिस या पब्लिक सेक्टर की किसी भी ब्रांच में खोल सकते हैं. यह योजना टैक्स फ्री है, जिसमें आप न्यूनतम राशि 1 हज़ार से लेकर डेढ़ लाख तक जमा कर सकते हैं. बेटी के 14 साल की होने तक इसमें निवेश कर सकते हैं और उसके 21 साल के होने पर यह योजना मैच्योर हो जाएगी. अगर आपको बेटी की पढ़ाई, करियर आदि के लिए पैसों की ज़रूरत है, तो 18 साल के होने के बाद आप 50% विड्रॉ भी कर सकते हैं.
स्मार्ट आइडिया: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड में जमा करने की बजाय सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करें, क्योंकि इस योजना में आप 50 रुपए से लेकर अधिकतम कितनी भी राशि जमा कर सकते हैं.
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नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स
(एनएससी)टैक्स बचाने के लिए एनएससी भी बढ़िया विकल्प है, इसमें फिक्स्ड डिपॉज़िट्स की तुलना में अधिक ब्याज़ मिलता है, इसलिए लोग एनएससी में निवेश करना पसंद करते हैं. इसमें आयकर की धारा 80सी के तहत टैक्स बेनीफिट मिलता है.
स्मार्ट आइडिया: अगर आपके पास अन्य विकल्पों का आकलन करने का समय नहीं है, तो एनएससी बेस्ट ऑप्शन है.
सीनियर सिटीज़न सेविंग्स
टैक्स बचाने के लिए निवेश का यह ऑप्शन केवल 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए है, जो सेवानिवृत (रिटायर्ड) हो चुके हैं. उनके लिए यह बेस्ट टैक्स सेविंग्स स्कीम है. इस स्कीम की अवधि पांच साल की है, लेकिन इसे 3 साल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है. इस स्कीम की यह विशेषता है कि इसमें डाकघर की सभी योजनाओं की तुलना में अधिक ब्याज़ मिलता है. इस योजना में आप 15 लाख रुपए तक निवेश कर सकते हैं. इस योजना के तहत एक निश्चित तारीख़ पर ब्याज़ का त्रैमासिक भुगतान किया जाता है.
स्मार्ट आइडिया: सेवानिवृति के बाद इस योजना में निवेश करके आप अपना और अपने पार्टनर के बुढ़ापे को सुरक्षित बना सकते हैं. इस स्कीम को अपने पार्टनर के नाम पर निवेश करके उन्हें सरप्राइज़ गिफ्ट भी दे सकते हैं.
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी भी टैक्स सेविंग्स के बेहतरीन विकल्पों में से एक है. लेकिन टैक्स सेविंग के लिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में निवेश करते समय लोग एक अहम् भूल कर बैठते हैं कि दिसंबर-जनवरी के महीने में एक्चुअल इंवेस्टमेंट की तारीख़ आने पर जल्दी-जल्दी में बिना सोचे-समझे पॉलिसी ख़रीदने लगते हैं. यहां पर यह बात ध्यान देने योग्य है कि पॉलिसी ख़रीदने का उद्देश्य केवल टैक्स बचाना ही नहीं होना चाहिए, बल्कि लाइफ कवर करना भी होना चाहिए.
स्मार्ट आइडिया: यह टैक्स बचाने का पारंपरिक तरीक़ा है. इसमें ट्रिपल बेनीफिट्स- लाइफ इंश्योरेंस कवर, लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट और टैक्स बेनीफिट्स मिलता है. अगर प्रीमियम का भुगतान नहीं कर सकते हैं, तो बीमा योजना को पेड-अप पॉलिसी में बदल सकते हैं.
क्या आप जानते हैं कि मेडिकल इंश्योरेंस पर टैक्स में छूट मिलती है. इसमें जमा की गई प्रीमियम की राशि पर सेक्शन 80डी के तहत अधिकतम 15 हज़ार रुपए की कर छूट मिलती है.अगर आप अपनी फैमिली के अलावा पैरेंट्स की इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम भरते हैं, तो यह छूट 30 हज़ार रुपए तक मिलती है.
स्मार्ट आइडिया: कंपनी की ओर से दी जानेवाली इंश्योरेंस पॉलिसी के अलावा अपनी पर्सनल इंश्योरेंस पॉलिसी ज़रूर लें. आप टैक्स बचाने के लिए उपरोक्त विकल्पों के अलावा फंड्स (म्युचुअल फंड और स्टॉक मार्केट) में भी निवेश कर सकते हैं, लेकिन इन फंड्स में निवेश करने से पहले वित्तीय सलाहकारों की सलाह ज़रूर लें.
कुछ अन्य विकल्प, जिनमें निवेश करके आप टैक्स बचा सकते हैं
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– पूनम नागेंद्र शर्मा
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