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जानें कालीमिर्च के 17 फ़ायदे (17 Amazing Black Pepper Benefits: More Than Just A Spice)

कालीमिर्च (Black Pepper) वातनाशक व पित्तकारक है. इसमें पेपराइन नामक केमिकल होता है, जिसके कारण इसका स्वाद तीखा होता है. इसी कारण यह पाचन क्रिया में भी उपयोगी होता है. इससे पाचन क्षमता बढ़ती है. कालीमिर्च में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो कैंसर से लड़ते हैं, ख़ासकर ब्रेस्ट कैंसर से. कालीमिर्च का उपयोग कफ़, खांसी, फोड़े-फुंसी, पेट संबंधी समस्या आदि के इलाज में भी किया जाता है.

* ज़ुकाम के साथ हल्का बुख़ार भी हो, तो 5-6 साबूत कालीमिर्च, 7-8 तुलसी के पत्ते, 2-3 लौंग, एक इंच अदरक का टुकड़ा, एक इलायची- इन सभी को पानी में उबाल लें. फिर इसमें दूध डालकर चाय की तरह गरम-गरम दिन में तीन बार पीएं. इससे पसीना आकर शरीर हल्का होता है और बुख़ार उतर जाता है.

* आधा टीस्पून कालीमिर्च पाउडर और आधा टीस्पून शहद मिलाकर दिन में तीन-चार बार चाटें. इससे खांसी ठीक हो जाती है.

* पाचनशक्ति कमज़ोर हो और भोजन डायजेस्ट न होता हो, तो जीरा, सोंठ, सेंधा नमक, पीपरि, कालीमिर्च- सब समान मात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर रख लें. भोजन के बाद एक चम्मच चूर्ण पानी से लें. भोजन शीघ्र पचने लगेगा.

* गैस की शिकायत होने पर एक कप पानी में आधे नींबू का रस, आधा चम्मच कालीमिर्च का चूर्ण व आधा चम्मच काला नमक मिलाकर नियमित रूप से कुछ दिनों तक सेवन करने से गैस की शिकायत दूर हो जाती है.

* कालीमिर्च पाउडर को घी और मिश्री के साथ मिलाकर चाटने से बंद गला खुल जाता है और आवाज़ सुरीली होती है.

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* कालीमिर्च को घी में बारीक़ पीसकर लेप करने से दाद, खाज, फोड़े-फुंसी आदि चर्म रोग दूर हो जाते हैं. छोटी फुंसियां भी दिन में दो बार लेप करने से तुरंत बैठ जाती हैं.

* 8-10 कालीमिर्च पानी में उबालकर इस पानी से गरारे करें. इससे गले का संक्रमण ठीक हो जाता है.

* मस्तिष्क में ताज़गी लाने तथा स्मरणशक्ति बढ़ाने के लिए कालीमिर्च का प्रयोग ब्राह्मी की पत्तियों के साथ मिलाकर किया जाता है. थोड़े-से घी में 3-4 ग्राम ब्राह्मी की पत्ती उबाल लें. इसमें पिसी कालीमिर्च तथा शक्कर मिलाकर चाटें.

* आधा चम्मच घी, आधा चम्मच पिसी हुई कालीमिर्च और आधा चम्मच मिश्री, तीनों को मिलाकर सुबह चाटें. इससे आंखों की कमज़ोरी दूर होती है व रोशनी भी बढ़ती है.

* बदहज़मी की शिकायत होने पर एक नींबू काटकर कालीमिर्च और काला नमक लगाएं. और उसे गरम करके चूसें.

* कालीमिर्च को उबालकर उसके पानी से गरारा करने से मसूड़ों की सूजन कम हो जाती है. मसूड़े स्वस्थ तथा मज़बूत होते हैं.

* कालीमिर्च का चूर्ण तुलसी के रस और शहद में मिलाकर सेवन करने से मलेरिया दूर हो जाता है.

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* अदरक और नींबू के रस में एक टीस्पून कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर पीने से पेटदर्द दूर होता है.

* कालीमिर्च का बारीक़ चूर्ण शहद के साथ चाटकर ऊपर से छाछ पीने से दीर्घकालीन पेचिश मिटता है. इस नुस्ख़े का सेवन दिन में तीन बार करें.

* कालीमिर्च का चूर्ण, शक्कर और घी एक साथ मिलाकर सेवन करने से सिर का चकराना दूर होता है.

* कालीमिर्च को दही और पुराने गुड़ में मिलाकर पीने से नकसीर (नाक में से ख़ून गिरना) बंद होता है.

सुपर टिप

पाचन क्रिया ठीक करने के लिए कालीमिर्च व सेंधा नमक पीसकर इसे भुनी हुई अदरक के बारीक़ टुकड़ों के साथ मिलाकर खाएं.

– ऊषा गुप्ता

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Usha Gupta

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