दर्दे जिगर मुझे चाशनी में डुबोना था मैं कल ख़्वाब में तेरे दामन से लिपटकर रोया नींद और बेहोशी के…
उस दिन मैंने मशहूर होने की ख़्वाहिश छोड़ दी जिस दिन मैंने ख़्वाब को धरती पे सिमटते देखा… उस दिन…
बरखा रानी लगता है तुम, युगों के बाद आई हो धरती की प्यास बुझाने, कितनी ठंडक लाई हो मीठी यादें,…
वृक्षों से ही वन बनते हैं, धरती हरी-भरी करते हैं। वर्षा के कारण हैं जंगल, जिससे होता सबका मंगल। वृक्षों…
मैं ख्वाब देखता थातुम ख्वाब हो गए उम्मीद के शहर में तुम प्यास हो गए उम्र मेरी एक दिन लौट…
लो बीत गया दिन एक और चाहे जैसा गुज़रा यह दिन अब बंद हो चुका है मेरी स्मृति की क़ैद…
चित्र में रंग भर, मंत्रमुग्ध-सादेख रहा था, कैनवास कोअंदर ही अंदर मेरा दंभमुझे शाबाशी दे रहा थाऔर जैसे पूछ रहा…
मेरे प्रेम की सीमा कितनी है, क्या है तुम्हें क्या पता है? बहुत छोटी हैं वो मन की रेखाएं नाराज़…
जब ज़िक्र फूलों का आया, याद तुम आए बहुत चांद जब बदली से निकला, याद तुम आए बहुत कुछ न…
मैं तुम्हारी हर चीज़ से प्यार करती हूं न चाहते हुए भी जैसे तुम्हारे सिगार की महक बिस्तर पर फेंकी…