Geet / Gazal

ग़ज़ल (Gazal)

दर्दे जिगर मुझे चाशनी में डुबोना था मैं कल ख़्वाब में तेरे दामन से लिपटकर रोया नींद और बेहोशी के…

July 3, 2020

काव्य- मशहूर होने की ख़्वाहिश… (Kavya- Mashhur Hone Ki Khwahish…)

उस दिन मैंने मशहूर होने की ख़्वाहिश छोड़ दी जिस दिन मैंने ख़्वाब को धरती पे सिमटते देखा… उस दिन…

June 17, 2020

कविता- बरखा रानी (Kavita- Barkha Rani)

बरखा रानी लगता है तुम, युगों के बाद आई हो धरती की प्यास बुझाने, कितनी ठंडक लाई हो मीठी यादें,…

June 14, 2020

#विश्‍व पर्यावरण दिवस: कविता- वन संरक्षण (#WorldEnvironmentDay: Kavita- Van Sarakshan)

वृक्षों से ही वन बनते हैं, धरती हरी-भरी करते हैं। वर्षा के कारण हैं जंगल, जिससे होता सबका मंगल। वृक्षों…

June 5, 2020

काव्य- आईने के एहसास (Kavya- Aaine Ke Ehsaas)

मैं ख्वाब देखता थातुम ख्वाब हो गए उम्मीद के शहर में तुम प्यास हो गए उम्र मेरी एक दिन लौट…

June 2, 2020

काव्य- क़ैद (Kavya- Qaid)

लो बीत गया दिन एक और चाहे जैसा गुज़रा यह दिन अब बंद हो चुका है मेरी स्मृति की क़ैद…

May 12, 2020

काव्य- कैनवास के रंग (Kavay- Canvas Ke Rang)

चित्र में रंग भर, मंत्रमुग्ध-सादेख रहा था, कैनवास कोअंदर ही अंदर मेरा दंभमुझे शाबाशी दे रहा थाऔर जैसे पूछ रहा…

April 11, 2020

कविता- सीमा (Kavita- Seema)

मेरे प्रेम की सीमा कितनी है, क्या है तुम्हें क्या पता है? बहुत छोटी हैं वो मन की रेखाएं नाराज़…

February 23, 2020

ग़ज़ल- याद तुम आए बहुत… (Gazal- Yaad Tum Aaye Bahut…)

जब ज़िक्र फूलों का आया, याद तुम आए बहुत चांद जब बदली से निकला, याद तुम आए बहुत कुछ न…

February 22, 2020

काव्य- तुम्हारी मैं… (Kavay- Tumhari Main…)

मैं तुम्हारी हर चीज़ से प्यार करती हूं न चाहते हुए भी जैसे तुम्हारे सिगार की महक बिस्तर पर फेंकी…

February 8, 2020
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