उसकी आंखें देखकर एक पल के लिए मुझे लगा कि वो आंखें मना कर रही हैं- 'मत जाओ. जाना ही…
सुबह-सुबह लगातार बज रही डोरबेल की आवाज़ से आंख खुली, तो दरवाज़ा खुलते ही समाने पापा थे. "पापा…" कहती हुई…
बेशक प्रेम का तूफ़ान और भावनाओं का ज्वार-भाटा औरत और मर्द दोनों के लिए बराबर होता है. किंतु औरत धीरज…
“मैं तुम्हारे लिए पानी लाती हूं.” उठते हुए मैंने कहा. पर आगे बढ़ नहीं पाई. उसने मेरी साड़ी के पल्लू…
भारती वीनू के जाने के बाद स्वयं निढाल सी बैठ गई. स्वयं उसके अंदर इतनी उदासी भर गई थी कि…
शादी के पांच साल बीत जाने के बाद अब भी ऐसा लगता है मानो वह कोई अजनबी हो. पूर्वा जितना…
क्यों देना चाहते हो उसके मासूम इंतज़ार को अपने प्यार की पीड़ा. तुम तो रह सकते नीलेश मेरे बिना. तुम्हें…
मुरली मनोहर श्रीवास्तव उन्हें याद आया ख़त भेजने से पहले वे इस काग़ज़ में गुलाब का फूल भी तो छुपा…
दीप्ति मित्तल “एक बात मुझे समझ आ गई है. भले ही रिश्ते दिल से बनते हों, मगर निभते दिमाग़ से…
मेरे बहुत कहने पर उसने कहा, "पता नहीं." और चाय बनाने चल दी. मैं शायद ख़ामोशी की भाषा समझने में…