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पेट फूलने की समस्या के कारण व उपचार (Bloating: Causes and Prevention Tips)

पेट (Stomach) फूलना यानी ब्लोटिंग (Bloating) एक बेहद आम समस्या (Problem) है. यह समस्या होने पर पेट फूला हुआ और टाइट लगता है. ऐसा सामान्यतौर पर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (Gastrointestinal) ट्रैक्ट में गैस भरने के कारण होता है. ऐसा होने पर पेट सामान्य से बड़ा दिखाई देता है और कभी-कभी पेट में दर्द भी होता है. फ्लूइड रिटेंशन के कारण भी ब्लोटिंग की समस्या  होती है.


कारण जानना है ज़रूरी
पाचन संबंधी समस्या- कब्ज़, फूड एलर्जी इत्यादि कारणों से पेट फूल जाता है. जब मल बड़ी आंत में एकत्रित हो जाता है तो ब्लोटिंग और बेचैनी की समस्या होती है. इसके अलावा मल के साथ पेट में ज़्यादा गैस एकत्रित हो जाने पर भी ब्लोटिंग की समस्या होती है. खान-पान- सॉफ्ट ड्रिंक्स, सोडा, चाय, कैफीन या खाने में बहुत ज़्यादा नमक व शक्कर या फाइबर की कमी के कारण भी ब्लोटिंग की समस्या होती है. इसके अलावा कुछ महिलाओं को माहवारी शुरू होने से पहले व बाद में भी हार्मोन संबंधी बदलाव व वॉटर रिटेंशन के कारण ब्लोटिंग की समस्या  होती है.  हम आपको आम लेकिन इस बेहद कॉमन समस्या से निजात पाने के उपाय बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप पेट फूलने की समस्या से तुरंत आराम पा सकते हैं.
तुरंत आराम के लिए
पेट फूलने की समस्या से तुरंत आराम के लिए निम्न उपाय आज़माएं.
टहलें
जो लोग शारीरिक रूप से सक्रिय रहते हैं, उनकी आंतें भी सक्रिय रहती हैं, जिसके कारण उनके पेट से अतिरिक्त गैस व मल आसानी से बाहर आ जाता है. अगर कब्ज़ की समस्या हो तो आंतों को मूव करते रहना बहुत ज़रूरी होता है. अतः गैस की समस्या होने पर टहलें. इससे आपको गैस से तुरंत आराम मिलेगा.
योगासन ट्राई करें
कुछ योगासन पेट की मांसपेशियों पर इस तरह से प्रेशर डालते हैं कि अतिरिक्त गैस आसानी से बाहर निकल जाता है. इससे ब्लोटिंग से आराम मिल जाता है. इसके अलावा स्वॉट्स (एक प्रकार का एक्सरसाइज़) करने से भी गैस निकलने में आसानी होती है.
पिपरमिंट ऑयल कैप्सूल्स खाएं
पिपरमिंट ऑयल कैप्सूल्स का सेवन करने से भी अपच और गैस से राहत मिलती है. आमतौर पर इसका प्रयोग इरेटेबल बाउल सिंड्रोम के इलाज के लिए किया जाता है, पर ब्लोटिंग की समस्या होने पर भी आप इसका सेवन कर सकते हैं. पिपरमिंट आंतों की मांसपेशियों को रिलैक्स कर देता है, जिससे गैस व मल आसानी से बाहर निकल आता है. इसका सेवन करने के लिए पैकेट पर दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़ना चाहिए. जिन लोगों को सीने में जलन की समस्या होती है, उन्हें पिपरमिंट का सेवन करने से परहेज़ करना चाहिए. पिपरमिंट कैप्सूल्स मेडिकल की दुकान या ऑनलाइन उपलब्ध है.
पेट की मालिश करें
पेट की मालिश करने से आंतों में सक्रियता आती है. ख़ासतौर पर बड़ी आंत की मालिश से काफ़ी फ़ायदा होता है. इसके लिए राइट हिप बोन के ठीक ऊपर हाथ रखें और हल्का दबाव देते हुए सर्कुलर मोशन में मालिश करें.
एसेंशियल ऑयल्स हैं फ़ायदेमंद
वर्ष 2016 में हुए एक अध्ययन में 116 लोगों को, जिन्हें पेट संबंधी समस्या थीं, उन्हें सौंफ और करक्यूमिन एसेंशियल ऑयल्स वाले सप्लिमेंट्स का सेवन करने को कहा गया. अध्ययन में पाया गया कि 30 दिनों तक इसका सेवन करने पर उन्हें काफ़ी फ़ायदा मिला. लेकिन एक बात ध्यान देने योग्य है कि डॉक्टर की सलाह के बिना एसेंशियल ऑयल सप्लिमेंट्स का सेवन नहीं करना चाहिए.
गर्म पानी से नहाएं
गर्म पानी से स्नान करने से फूले हुए पेट से आराम मिलता है. इससे शरीर रिलैक्स होता है और तनाव कम होता है, जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट अच्छी तरह से काम करता है और ब्लॉटिंग से आराम मिलता है.


लंबे समय से आराम के लिए
जिन लोगों को अक्सर पेट फूलने की समस्या होती है, उन्हें अपनी जीवनशैली में निम्न बदलाव लाने चाहिए.
नाश्ते में फाइबर की मात्रा बढ़ा देंः कब्ज़ और पेट फूलने की समस्या से निजात पाने के लिए खाने, ख़ासतौर पर नाश्ते में फाइबर की मात्रा बढ़ा दें. पुरुषों को रोज़ाना 35 ग्राम और महिलाओं को 25 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए. लेकिन एक बात ध्यान रखने योग्य है कि बहुत ज़्यादा फाइबर का सेवन या अचानक फाइबर की मात्रा बढ़ाने से भी गैस और ब्लोटिंग की समस्या होती है. दिनभर में 70 ग्राम से अधिक फाइबर का सेवन करने से पेट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. अतः यह ज़रूरी है कि फाइबर की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाई जाए, ताकि शरीर को एडजस्ट होने का समय मिले.
सोडा का सेवन कम करेंः सोडा और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स में गैस होती है, जो पेट को ब्लोट कर सकता है. सोडा में मौजूद कार्बनडाइऑक्साइड के कारण ब्लोटिंग की समस्या बढ़ सकती है. खाने में मौजूद शक्कर और आर्टिफिशियल स्वीटनर के कारण भी पेट फूलने की समस्या होती है. इससे बचने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीएं. आपकी समस्या दूर हो जाएगी.

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च्यूइंगम का सेवन न करेंः च्यूइंगम में मौजूद शक्कर के कारण भी कुछ लोगों को ब्लोटिंग की समस्या होती है. इसके अलावा च्यूइंगम चबाते समय हवा भी घोंट लेते हैं, जिससे पेट फूलने और गैस की समस्या होती है. च्यूइंगम की बजाय अदरक या पिपरमिंट गोली का सेवन करें.
शारीरिक रूप से सक्रिय रहेंः एक्सरसाइज़ करने से मल व गैस कोलोन से बाहर निकल जाता है और पेट भी साफ़ रहता है. एक्सरसाइज़ करने से पसीने के माध्यम से शरीर से अतिरिक्त सोडियम निकल जाता है, जिससे वॉटर रिटेंशन कम हो जाता है. ज़रूरी है कि एक्सरसाइज़ के पहले और बाद में पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो.
नियमित अंतराल पर खाएंः बहुत से लोगों को ज़्यादा खाना खाने के बाद ब्लोटिंग की समस्या होती है. इससे बचने के लिए नियमित अंतराल पर खाते रहें. ऐसा करने से पाचन तंत्र सुचारु तरी़के से काम करेगा. इसके अलावा जल्दी-जल्दी खाना घोंटने या स्ट्रॉ से पानी पीने से भी पेट में हवा चली जाती है, जिससे गैस बनती है और पेट फूल जाता है. इससे बचने के लिए धीरे-धीरे खाना खाएं और खाने के बीच में पानी न पीएं.
प्रोबायोटिक्स का सेवनः प्रोबायोटिक्स गुड बैक्टीरिया होते हैं, जो आंत में रहते हैं. प्रोबायोटिक्स सप्लिमेंट्स का सेवन करने से पेट में गैस पैदा करनेवाले बैक्टीरिया को नियंत्रित करने में मदद मिलती है.
नमक की मात्रा घटा देंः ज़्यादा नमक का सेवन करने से शरीर में वॉटर रिटेंशन बढ़ जाता है. जिससे पेट और शरीर के अन्य हिस्से फूल जाते हैं. अतः खाने में नमक की मात्रा घटा दें.
जांच करा लेंः कभी-कभी किसी बीमारी के कारण भी पेट फूलने की समस्या होती है. अगर सारे उपाय करने के बाद भी पेट फूलने की समस्या बनी रहे तो डॉक्टर से मिलकर जांच करा लें.
फूड डायरी बनाएंः कभी-कभी किसी विशेष प्रकार के खाने से एलर्जी के कारण भी ब्लोटिंग और गैस की समस्या होती है. इसलिए अगर आपको किसी तरह के खाने से एलर्जी हो तो जैसे ही पता चले डायरी में नोट कर लें. उदाहरण के लिए जिन लोगों को दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स में मौजूद लैक्टोज़ से एलर्जी होती है. उन्हें ब्लोटिंग की समस्या होती है, क्योंकि उनका पेट डेयरी प्रोडक्ट्स में मौजूद शुगर को डायजेस्ट नहीं कर पाता है. इसके अलावा जिन लोगों को ग्लूटेन से एलर्जी होती है, उन्हें भी ब्लोटिंग की समस्या होती है. अतः जिन लोगों को खाने के तुरंत बाद किसी तरह की समस्या हो तो एक डायरी बनाकर खाने को ट्रैक रखें. इससे आपको इस बात का पता लगाने में आसानी होगी कि ब्लोटिंग की समस्या किस कारण से हो रही है.
दवाओं पर ध्यान देंः कुछ दवाओं और सप्लिमेंट्स, जैसे आयरन इत्यादि के कारण भी कब्ज़ और अपच की समस्या होती है. इसके ठीक विपरीत पोटैशियम शरीर में सोडियम की मात्रा को संतुलित करके ब्लोटिंग की समस्या से निजात दिलाने में मदद करता है. कुछ दवाओं के साइडइफेक्ट के कारण भी पेट फूलने की समस्या होती है. अगर दवा खाने के बाद आपको भी ऐसी समस्या होती है तो डॉक्टर से डिस्कस करें. वे आपको दूसरे विकल्प बताएंगे.

ये भी पढ़ेंः पेट का मानसिक स्वास्थ्य से कनेक्शन (Is There A Connection Between The Stomach And Mental Disorders?)

Shilpi Sharma

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