Health & Fitness

कंप्लीट थायरॉइड केयर गाइड(Complete Thyroid care guide)

थायरॉइड (Thyroid) क्या है, इससे क्या हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं और इसका इलाज कैसे करें… थायरॉइड के बारे में अगर पूरी कंप्लीट जानकारी हो तो उपचार ज़्यादा मुश्किल नहीं. बस कुछ बातों का ध्यान रखें.

 

हमारे गले में मौजूद थायरॉइड ग्लांड्स थायरॉइड हार्मोंस का निर्माण करते हैं. थायरॉइड हार्मोंस के अधिक निर्माण (ओवरप्रोडक्शन) या कम निर्माण (अंडरप्रोडक्शन) की वजह से थायरॉइड की समस्या होती है. थायरॉइड हार्मोंस हमारे शरीर के तापमान, मेटाबॉलिज़्म और हार्टबीट को नियंत्रित करते हैं.

 

थायरॉइड के असंतुलन के कारण:

निश्‍चित कारण का तो पता नहीं, लेकिन तनाव, पोषण की कमी, आनुवांशिकता, ऑटोइम्यून अटैक, प्रेग्नेंसी, वातावरण में मौजूद टॉक्सिन्स आदि इसकी वजह हो सकते हैं.

लक्षण

चूंकि ये हार्मोंस बड़े स्तर पर काम करते हैं, तो इसका पता लगाना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन इन लक्षणों के आधार पर पता लगाया जा सकता है-
थकान: अगर आप दिनभर थकान महसूस करते हैं और रातभर अच्छी नींद लेने के बाद भी सुबह ख़ुद को थका हुआ महसूस करते हैं, तो हो सकता है आपके थायरॉइड ग्लांड्स हार्मोंस का कम निर्माण कर रहे हों.
डिप्रेशन: दरअसल, डिप्रेशन भी हार्मोंस के कम स्तर का संकेत हो सकता है, क्योंकि थायरॉइड हार्मोंस का संबंध मस्तिष्क के
सेरोटोनिन नामक तत्व (मोनोअमाइन न्यूरोट्रांसमीटर) से होता है. सेरोटोनिन एक बायोकेमिकल है, जो हमें अच्छा महसूस कराता है और ख़ुश रखने में सहायता करता है. थायरॉइड के कम निर्माण से सेरोटोनिन के स्तर पर भी प्रभाव पड़ता है, जिससे हम डिप्रेशन में जा सकते हैं.
चिंता: बहुत अधिक चिंतित रहना या अजीब-सी घबराहट महसूस होना हाइपरथायरॉइडिज़्म (अधिक निर्माण) से संबंधित हो सकता है. थायरॉइड हार्मोंस का स्तर जब बहुत अधिक बढ़ जाता है, तब आप रिलैक्स महसूस न करके हाइपर रहते हैं, क्योंकि आपके मेटाबॉलिज़्म को इसी तरह के सिग्नल्स मिलते हैं.
भूख, स्वाद और वज़न में परिवर्तन: हाइपरथायरॉइडिज़्म से बहुत अधिक भूख लगने लगती है, लेकिन वज़न बढ़ने की बजाय कम होता जाता है. जबकि हाइपोथायरॉइडिज़्म से स्वाद और गंध में बदलाव आता है और वज़न बढ़ सकता है.
मस्तिष्क पर प्रभाव: थायरॉइड के अधिक होने से एकाग्रता की कमी हो सकती है और इसके कम होने से याददाश्त पर विपरीत प्रभाव पड़ता है यानी आप भूलने की समस्या से परेशान हो सकते हैं और मस्तिष्क में एक रुकावट व असमंजस की स्थिति बनी रहती है. अक्सर थायरॉइड के इलाज के बाद मरीज़ काफ़ी हैरान हो जाते हैं क्योंकि पहले की अपेक्षा उनका मस्तिष्क इतना तेज़ हो जाता है, उन्हें यह अंदाज़ा ही नहीं होता कि थायरॉइड की वजह से भी ऐसा हो सकता है.
सेक्स लाइफ: थायरॉइड हार्मोंस के कम होने पर सेक्स में दिलचस्पी कम होने लगती है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसका सीधा संबंध थायरॉइड से न होकर इसकी वजह से हो रही थकान, बढ़ता वज़न, ऊर्जा की कमी व शरीर में दर्द आदि से हो सकता है.
स्पंदन महसूस होना: हार्ट पल्पिटेशन यानी धड़कनें आप अपने गले व सीने में महसूस कर सकते हो. दिल या तो ज़ोर-ज़ोर से धड़कता हो या बीट्स मिस हो रही हों, तो यह थायरॉइड के कारण हो सकता है.
त्वचा में बदलाव: थायरॉइड के कम होने पर त्वचा ड्राई व उसमें खुजली भी हो सकती है. हार्मोंस की कमी से मेटाबॉलिज़्म धीमा हो सकता है, जिससे त्वचा पर भी प्रभाव पड़ता है. पसीना कम आता है, जिसकी वजह से त्वचा का मॉइश्‍चर कम हो जाता है.
कब्ज़: मेटाबॉलिज़्म प्रभावित होने से कब्ज़ की शिकायत भी हो सकती है. जबकि थायरॉइड के बढ़ जाने से दस्त की शिकायत हो सकती है.
महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता: थायरॉइड की कमी से पीरियड्स के बीच का अंतर बढ़ जाता है, दर्द अधिक होता है और हैवी ब्लीडिंग भी होती है. जबकि थायरॉइड की अधिकता से पीरियड्स जल्दी-जल्दी होने लगते हैं. हैवी ब्लीडिंग होती है.
मसल्स में दर्द: हाथ-पैरों में दर्द और सुन्नता थायरॉइड की कमी के कारण हो सकता है.
हाई ब्लडप्रेशर: जिन्हें थायरॉइड (कम या ज़्यादा) की समस्या है, उन्हें ब्लडप्रेशर की संभावना अपेक्षाकृत अधिक होती है. थायरॉइड की कमी से ब्लडप्रेशर बढ़ने की संभावना और भी अधिक हो जाती है.
बहुत ठंड या गर्मी लगना: बहुत अधिक ठंड लगना, जल्दी सर्दी होना थायरॉइड की कमी की निशानी भी हो सकती है. जबकि थायरॉइड की अधिकता से गर्मी व पसीने की समस्या हो सकती है.
आवाज़ में बदलाव: थायरॉइड में सूजन की वजह से आवाज़ में बदलाव आ सकता है.
नींद में बदलाव: हमेशा नींद आना थायरॉइड की कमी का संकेत हो सकता है, जबकि नींद न आना इसकी अधिकता की निशानी हो सकती है.
कंसीव करने में समस्या: प्रेग्नेंसी में समस्या हो रही है, तो थायरॉइड भी इसकी वजह हो सकती है, क्योंकि थायरॉइड का असंतुलन ओव्यूलेशन को प्रभावित करता है.
बालों का झड़ना: न स़िर्फ सिर के बाल बल्कि आईब्रो व अन्य हिस्सों के बाल भी थायरॉइड की कमी से कम हो सकते हैं. जबकि थायरॉइड की अधिकता स़िर्फ सिर के बालों को प्रभावित करती है.
हृदय रोग व हाई कोलेस्ट्रॉल: थायरॉइड की कमी से बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है और हृदय रोग भी हो सकता है.

 

इलाज

हाइपरथायरॉइडिज़्म: थायरॉइड की अधिकता होने पर रेडियोआयोडीन ट्रीटमेंट (रेडियोथेरेपी का एक प्रकार), एंटी थायरॉइड मेडिकेशन और सर्जरी की जा सकती है. रेडियोआयोडीन ट्रीटमेंट में डॉक्टर आपको टैबलेट या लिक्विड दे सकते हैं, जिसमें रेडियोएक्टिव आयोडीन की भरपूर मात्रा होगी. यह टैबलेट (या लिक्विड) थायरॉइड ग्लांड्स के सेल्स को नष्ट करके और हार्मोंस के निर्माण की क्रिया को कम करके थायरॉइड को नियंत्रित करती है.
कभी-कभी एक से अधिक ट्रीटमेंट की भी ज़रूरत पड़ती है. रेडियोआयोडीन ट्रीटमेंट गर्भवती व फीड करा रही महिलाओं को नहीं करवाना चाहिए. जो लोग यह ट्रीटमेंट लेते हैं, उनमें भी महिलाओं को इलाज के बाद अगले छह महीनों के लिए कंसीव नहीं करना चाहिए और पुरुषों को भी चार महीने तक इससे बचना चाहिए. कई मरीज़ इस ट्रीटमेंट के बाद हाइपोथायरॉइडिज़्म (थायरॉइड की कमी) का शिकार हो जाते हैं, इसलिए बेहतर होगा कि सतर्क रहें और अपना थायरॉइड टेस्ट समय-समय पर करवाते रहें.
इस ट्रीटमेंट के वैसे कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स नहीं होते, लेकिन एक साइड इफेक्ट बेहद गंभीर होता है, जिसमें व्हाइट ब्लड सेल्स का बोनमैरो निर्माण कम हो जाता है. इसका एक लक्षण होता है गले में सूजन. यदि आपको भी इलाज के बाद यह लक्षण नज़र आए, तो बेहतर है डॉक्टरी सलाह लेकर अपना व्हाइट ब्लड सेल्स चेक करवाएं.
सर्जरी की सलाह 45 वर्ष से कम आयुवाले ऐसे लोगों को दी जाती है, जहां उनका हाइपरथायरॉइडिज़्म टॉक्सिक ट्यूमर
(एडेनोमाज़- इन्हें हॉट नॉड्यूल्स भी कहते हैं) के कारण होता है. ये नॉड्यूल्स रेडियोआयोडीन ट्रीटमेंट से ठीक नहीं होते, इसलिए सर्जरी का सहारा लिया जाता है. सर्जरी के कुछ ही हफ़्तों बाद हार्मोंस का स्तर सामान्य हो जाता है, लेकिन यहां भी हार्मोंस का स्तर सामान्य से भी कम हो जाने की संभावना रहती है, तो नियमित टेस्ट ज़रूरी है.
कभी-कभी अस्थायी तौर पर भी थायरॉइड हो जाता है, जो बिना दवा के या पेनकिलर्स से ठीक हो जाता है.
हाइपोथायरॉइडिज़्म: थायरॉइड की कमी में थायरॉइड हार्मोन रिप्लेसमेंट द्वारा इलाज किया जाता है. हालांकि एनिमल एक्स्ट्रैक्ट से
हार्मोंस उपलब्ध होते हैं, लेकिन डॉक्टर्स सामान्यत: सिंथेटिक थायरॉइड हार्मोंस को अधिक महत्ता देते हैं. इसके साइड इफेक्ट्स न के बराबर हैं, लेकिन कुछ लोग घबराहट और सीने में दर्द का अनुभव कर सकते हैं.

घरेलू उपाय

हाइपरथायरॉइडिज़्म के लिए

– ब्रोकोली में गॉइट्रोजेन्स और आइसोथायोसाइनेट्स नामक तत्व होते हैं, जो थायरॉइड के निर्माण पर अंकुश लगाते हैं. अपने थायरॉइड हार्मोंस को नियंत्रित रखने के लिए जितना अधिक हो सके, सलाद के रूप में ब्रोकोली का कच्चा ही सेवन करें.
– सोया प्रोडक्ट्स भी फ़ायदेमंद हैं, क्योंकि यह प्रोटीन से भरपूर होते हैं. प्रोटीन थायरॉइड हार्मोंस को दूसरे बॉडी टिश्यूज़ में ट्रांसपोर्ट कर देते हैं.
– अगर आपको सोया प्रोडक्ट्स पसंद नहीं, तो नट्स, अंडे और फलियों को डायट में शामिल करें.
– ओमेगा 3 फैटी एसिड्स ज़रूरी है. यदि आपके शरीर को यह नहीं मिल रहा, तो हार्मोंस में असंतुलन होगा. आप फ्लैक्स सीड्स, अखरोट और मछलियों के सेवन से इसे प्राप्त कर सकते हैं.
– पत्तागोभी में भी भरपूर मात्रा में गॉइट्रोजेन्स होते हैं. पत्तागोभी का सलाद यानी पत्तागोभी को कच्चा खाने से अधिक लाभ मिलेगा.
– बेरीज़ को अपने डायट में शामिल करें, क्योंकि सभी प्रकार की बेरीज़- ब्लू बेरीज़, स्ट्रॉबेरीज़, ब्लैक बेरीज़ और चेरी आदि थायरॉइड ग्लांड्स को हेल्दी रखती हैं.
– आंवला थायरॉइड को कंट्रोल करने में बेहद कारगर है. आंवला पाउडर में शहद मिलाकर रोज़ सुबह नाश्ते से पहले लें.
– प्रीज़र्वेटिव्स युक्त, अधिक शक्कर व मैदा से बने पदार्थ न खाएं, जैसे- पास्ता, व्हाइट ब्रेड आदि.

हाइपोथायरॉइडिज़्म के लिए

– कोकोनट ऑयल थायरॉइड ग्लांड्स को क्रियाशील करके हार्मोंस के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है. खाना पकाने के लिए एक्स्ट्रा वर्जिन ऑर्गैनिक कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल करें.
– रोज़ नाश्ता करते समय दूध में 2 टेबलस्पून कोकोनट ऑयल मिक्स करके पीएं.
– एप्पल साइडर विनेगर भी थायरॉइड के असंतुलन को पूरा करने में सहायक है. यह डीटॉक्सीफाइ करता है, एसिड-एल्कलाइन बैलेंस को बनाए रखता है, हार्मोंस को संतुलित करके मेटाबॉलिज़्म को बेहतर बनाता है, वज़न नियंत्रण में रखता है.
– 2 टेबलस्पून ऑर्गैनिक एप्पल साइडर विनेगर को एक ग्लास गर्म पानी में मिलाएं. थोड़ा शहद भी मिला लें. नियमित रूप से इसका सेवन करें.
– फिश ऑयल भी थायरॉइड हार्मोंस के निर्माण में सहायक होता है.
– विटामिन डी की कमी से ऑटोइम्यून डिसीज़ हो सकती हैं, जिनमें थायरॉइड भी एक है. रोज़ सुबह 15 मिनट तक धूप का सेवन करें.
– अदरक ज़िंक, मैग्नीशियम और पोटैशियम से भरपूर होता है. यह थायरॉइड ग्लांड्स की कार्यशैली को बेहतर बनाता है. अपने खाने में या सूप में अदरक के टुकड़े डालकर इसे अपने डायट में शामिल करें या फिर अदरक को पानी में उबालकर गर्म जिंजर टी का सेवन करें. इसमें आप शहद भी मिला सकते हैं.
– विटामिन बी थायरॉइड ग्लांड्स को हेल्दी रखता है. शोधों में पाया गया है कि जो लोग हाइपोथायरॉइडिज़्म से ग्रसित हैं, उनमें विटामिन बी12 की कमी भी पाई जाती है.
– योग व प्राणायाम से थायरॉइड हार्मोंस का स्तर सामान्य बना रहता है. हाइपर व हाइपो दोनों ही थायरॉइड में योग से फ़ायदा है, लेकिन दोनों के लिए पोज़ अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए किसी योग गुरु से पूछकर उनकी देखरेख में ही यह करें.
– हाइपरथायरॉइडिज़्म के लिए सेतुबंधासन, शिशु आसन, शवासन, मार्जारि आसन और सूर्य नमस्कार फ़ायदेमंद हैं.
– हाइपोथायरॉइडिज़्म के लिए प्राणायाम- शीतली प्राणायाम, उज्जयी और नाड़ी शोधन, हर तरह की ब्रीदिंग एक्सरसाइज़, योग निद्रा व ध्यान लाभदायक हैं.
– लेकिन किसी भी तरह के थायरॉइड में योग व एक्सरसाइज़ बिना डॉक्टरी सलाह व बिना एक्सपर्ट की देखरेख के शुरू न करें.

– गीता शर्मा

Meri Saheli Team

Share
Published by
Meri Saheli Team

Recent Posts

अजय-अतुलच्या लाइव्ह कॉन्सर्टमध्ये थिरकल्या नीता अंबानी, ‘झिंगाट’वर केला डान्स, पाहा व्हिडीओ (Nita Ambani Dance On Zingaat In Ajay Atul Live Concert In Nmacc)

मुंबईतील बीकेसी येथे उभारण्यात आलेल्या नीता अंबानी कल्चरल सेंटरला नुकताच एक वर्ष पूर्ण झाले आहे.…

April 15, 2024

जान्हवी कपूरने शेअर केले राधिका मर्चंटच्या ब्रायडल शॉवरचे फोटो, पज्जामा पार्टींत मजा करताना दिसली तरुणाई (Janhvi Kapoor Shares Photos From Radhika Merchant Bridal Shower Party)

सोशल मीडियावर खूप सक्रिय असलेल्या जान्हवी कपूरने पुन्हा एकदा तिच्या चाहत्यांना सोमवारची सकाळची ट्रीट दिली…

April 15, 2024

A Strange Connection

The loneliness does not stop.It begins with the first splash of cold water on my…

April 15, 2024

‘गुलाबी साडी’च्या भरघोस प्रतिसादानंतर संजू राठोडच्या ‘Bride नवरी तुझी’ गाण्याचीही क्रेझ ( Sanju Rathod New Song Bride Tuzi Navari Release )

सध्या सर्वत्र लगीनघाई सुरू असलेली पाहायला मिळत आहे. सर्वत्र लग्नाचे वारे वाहत असतानाच हळदी समारंभात…

April 15, 2024

कहानी- वेल डन नमिता…‌(Short Story- Well Done Namita…)

“कोई अपना हाथ-पैर दान करता है भला, फिर अपना बच्चा अपने जिगर का टुकड़ा. नमिता…

April 15, 2024
© Merisaheli