Parenting

एग्ज़ाम टाइमः ताकि टेंशन रहे दूर (Exam Time: So that tension stays away)


एग्ज़ाम के समय बच्चे बहुत ज़्यादा स्ट्रेस में रहते हैं. ऐसे में स्टडी शेड्यूल के साथ ही उनके डायट, उनके इमोशनल हेल्थ का ख़्याल रखना भी ज़रूरी है. परीक्षा के तनाव से बच्चे को कैसे दूर रखा सकता है? आइए, जानते हैं.

मार्च का महीना आते ही बच्चों से लेकर पैरेंट्स तक की दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं. ऐसे में एग्ज़ाम की टेंशन दूर रखने के लिए इन बातों का
ध्यान रखें.

क्या करें पैरेंट्स?
* घर का माहौल ख़ुशनुमा व शांत बनाए रखने की कोशिश करें.

  • बच्चे को हमेशा सही टाइम पर पढ़ने, पढ़ाई से ब्रेक लेने और सोने के लिए प्रोत्साहित करें. बिना ब्रेक के लगातार पढ़ते रहने से वो तनावग्रस्त हो सकते हैं.
    * बच्चे की मदद के लिए हमेशा तैयार रहें. उससे पूछती रहें कि क्या उसे आपकी कोई मदद चाहिए?
  • उस पर किसी तरह का दबाव न डालें. बेटा तुम्हें 90 परसेंट मार्क्स लाने ही होंगे… जैसे वाक्य ग़लती से भी न दोहराएं.
  •   यदि परीक्षा के दौरान बच्चे का व्यवहार सही नहीं है, तो ग़ुस्सा होने की बजाय ख़ुद पर क़ाबू रखें और प्यार से उसे समझाने की कोशिश करें.
  • एग्ज़ाम पीरियड में उसे किसी भी तरह का घर का काम न दें और न ही कोई ऐसी बात कहें जिससे उसका ध्यान पढ़ाई
    से हटे.
  •    पढ़ाई को लेकर बच्चे के पीछे न पड़ी रहीं. रिलैक्स व फ्रेश होने के लिए उन्हें थोड़ी देर खेलने व टीवी देखने की छूट दें.
  •     एग्ज़ाम का हौव्वा न बनाएं. उसे सामान्य तरी़के से लें.
  •     बच्चे के सामने ये कभी न ज़ाहिर करें कि आप उनकी परीक्षा को लेकर चिंतित हैं.

क्या करें छात्र?

–    एग्ज़ाम को लेकर घबराए नहीं, इसे सामान्य तरी़के से लें. घबराने से कई बार आप आती हुई चीज़ भी भूल सकते हैं.
–    यदि आपको परीक्षा का डर सता रहा है, तो अपने दोस्तों या पैरेंट्स से बात करें. डर की भावना को अंदर ही अंदर न समेटें.
–    एग्ज़ाम को लेकर अपना दृष्टिकोण बदलें, माना कि ये आपकी ज़िंदगी का अहम् हिस्सा है, लेकिन ये ज़िंदगी नहीं.
–   कई क़ामयाब लोग परीक्षा में अच्छा नहीं कर पाए, लेकिन ज़िंदगी में सफल हुए. अतः अपना बेस्ट देने की कोशिश ज़रूर करें, लेकिन नतीजे के बारे में सोचकर परेशान न हों.
–    पढ़ाई के लिए टाइम टेबल बना लें. कितनी देर पढ़ना है? कब ब्रेक लेना है? कौन-सा सब्जेक्ट पहले पढ़ना है? आदि.

–    लगातार पढ़ने की बजाय बीच-बीच में ब्रेक लेकर ख़ुद को फ्रेश करते रहें.
–    एग्ज़ाम के पहले अच्छी तरह रिविज़न
कर लें.

यह भी पढ़ें: कैसे करें एग्जाम की तैयारी? (Exams Preparation Tips)

एक्ज़ाम से ठीक पहले
–    रिलैक्स रहें. जो टॉपिक्स रिवाइज़ नहीं कर पाए या जो छूट गया, उसको लेकर परेशान न हों. वरना जो कुछ पढा है, घबराहट में उसे भी भूल जाएंगे.
–    एक्ज़ाम के ऐन व़क्त पर बच्चों को अक्सर लगता है कि उन्हें पढा हुआ कुछ याद नहीं आ रहा है. लेकिन घबराएं नहीं. मन को रिलैक्स रखें और ये यक़ीन भी कि पेपर लिखते व़क्त सब याद आ जाएगा.
–    ज़्यादा पढने के चक्कर में रातभर जागने की ग़लती न करें. 7-8 घंटे की नींद भी ज़रूरी है.  

–  एक्ज़ाम सेंटर पर समय से 10-15 मिनट पहले ही पहुंच जाएं. रिलैक्स रहें. हो सके तो एक बार डीप ब्रीदिंग कर लें.
–    एक्ज़ाम सेंटर पर पहुंचने के बाद फ्रेंड्स से डिस्कस न करें कि आपने क्या पढा और उन्होंने क्या पढा. इससे कॉन्फीडेंस कम हो सकता है.
–    पेपर मिलते ही ध्यान से पढें और ये तय कर लें कि ऑप्शन में किन प्रश्नों को छोड़ना है और किस प्रश्न को कितना समय देना है. इससे आप समय पर पेपर पूरा कर पाएंगे.
–    घर लौटने पर जो पेपर हो गया, उस पर डिस्कस करने की बजाय अगले पेपर की तैयारी करें.

एग्ज़ाम टाइम में कैसी हो बच्चों की डायट?
परीक्षा के दौरान बच्चों को स्ट्रेस फ्री और हेल्दी रखने में डायट की भी अहम् भूमिका होती है. एग्ज़ाम टाइम में बच्चों की डायट कैसी होनी चाहिए? आइए जानें.

*    बच्चे के दिन की अच्छी शुरूआत के लिए ब्रेकफास्ट बहुत ज़रूरी है, इसे स्किप करने की ग़लती न करें. ये बच्चे को कॉन्सन्ट्रेट करने और चीज़ों को याद रखने में मदद करता है. ब्रेकफास्ट में स्टार्च से भरपूर व मीठी चीज़ें जैसे- शीरा (हल्वा) और व्हाइट ब्रेड की जगह फाइबर युक्त चीज़ें जैसे- दलिया, पोहा, उपमा और होल वीट ब्रेड सैंडविच दें.
*    रोज़ाना कम से कम दो लीटर पानी पीना चाहिए.
*    बच्चे के खाने में ताज़े फल व हरी पत्तेदार सब्ज़ियों की मात्रा ज़्यादा रखें.
*    कैलोरीज़ की मात्रा कम रखने के लिए कोल्ड ड्रिंक, जंक फूड, फ्राइड स्नैक्स, एनर्जी ड्रिंक आदि से बच्चे को दूर रखें.
*    बच्चे के लिए प्रोटीन भी बेहद ज़रूरी है. अतः खाने में दाल, स्प्राउट्स (अंकुरित मूंग, चना), सोया, दूध से बनी चीज़ें,
सी फूड, लीन मीट, अंडा आदि को शामिल करें.
*    अच्छी तरह से पढ़ने के लिए फिज़िकल व मेंटल एनर्जी ज़रूरी है, जिसे मेंटेन रखने के लिए बच्चे को आयरन से भरपूर चीज़ें जैसे- रेड मीट, रागी, पालक आदि दें. साथ ही विटामिन बी युक्त होल ग्रेन (साबूत अनाज), अंकुरित गेहूं, अंडे, बादाम आदि को भी उनकी डायट में शामिल करें. फिश और सोया भी बच्चों की ब्रेन पावर को बढ़ाते हैं.
*    यदि आपका बच्चा लाइब्रेरी या फ्रेंड के यहां स्टडी के लिए जा रहा है, तो उसके टिफिन में सेब, केला, संतरा, गाजर और एप्रीकॉट रखें. ये चीज़ें फाइबर, बीटा कैरोटीन और मिनरल्स की अन्य ज़रूरतों को पूरा करके बच्चे को एनर्जेटिक रखेगी.
*    एक ही बार ज़्यादा खाना देने की बजाय दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा करके खाना दें. इससे शरीर और मस्तिष्क दोनों को ज़रूरी पोषक तत्व मिलते रहेंगे. बच्चे को स्नैक्स के तौर पर समोसा, बर्गर, नमकीन और पेटीस आदि खाने से मना करें, इसकी जगह बादाम, काजू, पिस्ता या सूखा भेल व चना चाट का विकल्प बेहतर है.
*    बच्चे के शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए रस वाले फल व सब्ज़ियों को खाने में शामिल करें, इसे खाने के बाद उन्हें नींद नहीं आएगी. उनके लिए तरबूज़, खरबूज़, स्ट्रॉबेरी, संतरा और मौसंबी जैसे फल अच्छे रहेंगे.
*    बादम, अखरोट, कद्दू का बीज और तरबूज़ का बीज स्मरण शक्ति बढ़ाने के साथ ही कॉन्सन्ट्रेशन बढ़ाने में भी मदद करता है.
*    बच्चे को बहुत ज़्यादा स्टार्च युक्त सब्ज़ियां जैसे- आलू, शकरकंद आदि खाने से रोकें, क्योंकि ये खाने से उन्हें नींद आ सकती है. साथ ही कॉन्स्टीपेशन की समस्या भी हो
सकती है.
*    परीक्षा के समय बच्चों के दिमाग़ पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, ऐसे में मस्तिष्क की क्षमता बढ़ाने के लिए एंटी ऑक्सीटेंड जैसे- विटामिन ए, सी और ई से भरपूर अंडा, फिश, गाजर, कद्दू, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां और ताज़े फल को उनकी डायट में शामिल करें. ये न स़िर्फ मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाते हैं, बल्कि इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाकर बच्चों को बीमारियों से भी बचाते हैं.
*    नियमित एक्सरसाइज़ खासकर प्राणायाम और ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है, जिससे तनाव कम हो जाता है.
*    ज़िंदगी के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाएं.
*    रात को ज़्यादा देर तक पढ़ने के लिए बच्चे अक्सर चाय/कॉफी का सहारा लेते हैं, ये उनकी सेहत के लिए ठीक नहीं है. अतः उन्हें बहुत ज़्यादा चाय/कॉफी पीने से रोके.
*    थकान, चिंता और डिप्रेशन से बचने के लिए नींद पूरी होना ज़रूरी है. अतः परीक्षा के दौरान इस बात का ख़ास ध्यान रखें कि आपका बच्चा पर्याप्त नींद ले, वरना वो रिलैक्स होकर एग्ज़ाम नहीं दे पाएगा.

यह भी पढ़ें: एग्ज़ाम टाइम को न बनाएं स्ट्रेस टाइम (How To Deal With Exam Stress?) 

फेंगशुई टिप्स
फेंगशुई के ज़रिए भीे आप अपने बच्चे की पढ़ाई में दिलचस्पी बढ़ाकर बुद्धिमान बना सकती हैं.

बच्चों का बेडरूम
बच्चों का बेडरूम उत्तर-पूर्व दिशा में बनवाएं. फेंगशुई के अनुसार, उत्तर-पूर्व दिशा का संबंध बल, बुद्धि और शौर्य से होता है. शिक्षा की दृष्टि से यह दिशा अत्यंत शुभ मानी जाती है.

स्टडी टेबल
बच्चों के कमरे में स्टडी टेबल ऐसी जगह रखें, जिससे कि बच्चों का मुख उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ़ हो. इस दिशा में बैठने से बच्चे अपना लक्ष्य जल्दी प्राप्त करते हैं.

ग्लोब
अपने बच्चों को पढ़ाई में होशियार बनाने के लिए घर के उत्तर-पूर्व दिशा में ग्लोब रखें. फेंगशुई के अनुसार, इस क्षेत्र का तत्व पृथ्वी है. अतः इस दिशा में पृथ्वी की प्रतिमा रखने से शिक्षा एवं ज्ञान का संचार होता है.

एज्युकेशन टॉवर
फेंगशुई के अनुसार, घर में एज्युकेशन टावर रखने से बच्चे मन लगाकर पढ़ाई करते हैं और अच्छे नंबर से पास होते हैं.

इन फेंगशुई आइटम्स को भी घर में रखने से बच्चे पढ़ाई में तेज़ होते हैंः
* ड्रैगन कार्प
* कॉन्च शैल
* क्रिस्टल ग्लोब
* क्वान यिन गॉडेन
* ग्रीन क्रिस्टल लोटस

अभी सबस्क्राइब करें मेरी सहेली का एक साल का डिजिटल एडिशन सिर्फ़ ₹599 और पाएं ₹1000 गिफ्ट वाउचर.

Usha Gupta

Recent Posts

‘पीकू’ की दोबारा रिलीज़ पर इमोशनल नोट के साथ दीपिका पादुकोण ने इरफान खान को याद किया… (Deepika Padukone remembers Irrfan Khan with an emotional note on the re-release of ‘Piku’…)

अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण, इरफान खान स्टारर फिल्म ‘पीकू’ साल 2015 में आई थी. पिता-पुत्री…

April 19, 2025

कहानी- आसमान साफ़ है (Short Story- Aasman Saaf Hai)

"हमेशा अपने बच्चों की मां बनकर जीने के अलावा नारी को कभी-कभी अपने पति की…

April 19, 2025
© Merisaheli