जब ज़ुबां ख़ामोश होती है, तब ये बात करती हैं… दिल के हर राज़ खोलती हैं… जी हां, हमारी आंखें बहुत महत्वपूर्ण हैं और हम अपनी नज़रों को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते, पर आज की लाइफस्टाइल में समय व उम्र से पहले ही आंखों की रोशनी कमज़ोर होने लगी है. ऐसे में ज़रूरत है आंखों से जुड़ी सही जानकारी, कुछ योगा, एक्सरसाइज़ व सही खान-पान की, ताकि बेनूर न हों ये ख़ूबसूरत आंखें.
– आमतौर पर कंप्यूटर पर काम करनेवाले व टीवी देखनेवाले सामान्य की बजाय कम पलकें झपकाते हैं. इससे आंखों पर स्ट्रेस पड़ता है और ड्रायनेस आ जाती है. पलकों के झपकने से आंखें फ्रेश और हाइड्रेटेड रहती हैं, साथ ही हम ज़्यादा देर तक फोकस कर पाते हैं. यह आसान-सी एक्सरसाइज़ करें-
– 2 मिनट में हर 3-4 सेकंड में पलकें झपकाएं. काम के दौरान थोड़ा समय निकालकर यह एक्सरसाइज़ करें.
– आंखों के स्ट्रेस को दूर करने और उन्हें रिलैक्स करने के लिए यह एक्सरसाइज़ करें. कुर्सी पर सीधे बैठ जाएं. कोहनियों को टेबल पर टिका दें. कुछ देर तक गहरी सांसें लें. दोनों हथेलियों को आपस में रगड़ें और इनसे आंखों को ढंकें. 5-15 मिनट तक इसी तरह रहें और गहरी सांसें लें.
– रोज़ाना यह एक्सरसाइज़ कुछ मिनटों तक ज़रूर करें. इससे न स़िर्फ आंखों का स्ट्रेस दूर होगा, बल्कि दिमाग़ के साथ-साथ पूरा शरीर भी रिलैक्स होगा. साथ ही इससे आंखों की रोशनी भी तेज़ होगी.
– इससे आंखों के मसल्स की एक्सरसाइज़ होती है और वे फ्लेक्सिबल बनती हैं. इसके लिए एक दीवार के सामने खड़े हो जाएं. कल्पना करें कि दीवार पर एक बड़ा-सा अंक 8 बना हुआ है. पहले कुछ मिनट तक अंक पर 8 आकार बनाते हुए ऊपर से नीचे देखें और फिर नीचे से ऊपर.
– इस एक्सरसाइज़ से आपकी आंखों के मसल्स मज़बूत होते हैं और साथ ही आंखों की रोशनी भी बढ़ती है. अगर आप अपने चश्मे के बढ़ रहे नंबर से परेशान हैं, तो यह एक्सरसाइज़ ट्राई करें. यह एक्सरसाइज़ आप कहीं भी और कभी भी कर सकते हैं. इसके लिए आप अपनी इच्छानुसार खड़े रहें या बैठ जाएं. अपने हाथ के अंगूठे को चेहरे से 10 इंच की दूरी पर रखें. सामने 10-20 फीट की दूरी पर किसी चीज़ पर फोकस करें. अब पहले अंगूठे को देखें, फिर 10-20 फीट दूर उस चीज़ पर. इस दौरान गहरी सांसें लें.
इस एक्सरसाइज़ से आपकी फोकसिंग पावर बेहतर होती है. आंखों के मसल्स की एक्सरसाइज़ होती है और वे मज़बूत बनती हैं. कंफर्टेबल पोज़ीशन में बैठ जाएं. अपना हाथ चेहरे के सामने सीधा फैलाएं. अंगूठा ऊपर रखें. अब अंगूठे पर फोकस करें. अंगूठे पर फोकस बनाए रखें और उसे धीरे-धीरे चेहरे के पास लाएं और फिर धीरे-धीरे दूर ले जाएं. रोज़ाना 10 बार ये एक्सरसाइज़ करें. अंगूठे की बजाय आप पेन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.
– आंखों को पहले 10 बार क्लॉकवाइज़ और 10 बार एंटी-क्लॉकवाइज़ घुमाएं. आंखों की बेहतर रोशनी के लिए यह एक बढ़िया एक्सरसाइज़ है.
कुर्सी पर आराम से बैठें और सिर पीछे करके आंखें बंद कर लें. 3 मिनट तक इसी पोज़ीशन
में रहें. दिन में कम से कम एक बार यह एक्सरसाइज़ करें.
– पीठ के बल लेट जाएं. पैर आपस में सटे हुए हों.
– हाथों को दोनों ओर बगल में सटाकर रखें.
– हथेलियां ज़मीन की ओर रखें.
– श्वास भरकर पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं.
– पैरों को उठाते समय हाथ की सहायता भी ले सकते हैं.
– पैरों को 90 डिग्री या 120 डिग्री पर ले जाकर हाथों सेे कमर को सपोर्ट दें.
– कोहनी को न उठने दें. पैरों को मिलाकर सीधा करें.
– कुछ पल रुकें. धीरे-धीरे पूर्वावस्था में आ जाएं.
– आंखों को बंद कर ध्यान दोनों भौहों के बीच (तीसरे नेत्र) पर केंद्रित करें.
– इसे 1 मिनट से आरंभ कर 3 मिनट तक या अधिक भी किया जा सकता है.
नोट- इसे हाई ब्लड प्रेशरवाले, माइग्रेन से पीड़ित लोग व प्रेग्नेन्ट महिलाएं न करें.
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– पीठ के बल लेट जाएं.
– दोनों पैरों के बीच लगभग 1 फीट की दूरी रखें.
– कमर व हाथों के बीच 6 इंच की दूरी रखें. हथेलियां खुली हुई हों.
– पैरों के पंजों की तरफ़ से शरीर को धीरे-धीरे ढीला छोड़ते जाएं.
– पूरे शरीर को पूरी तरह से ढीला छोड़ दें.
– श्वास के अलावा पूरा तन और मन बिल्कुल शांत हो.
– अवधि: 3-10 मिनट.
– स्वस्थ आंखों व बेहतर रोशनी के लिए रोज़ाना 6-8 घंटे की नींद ज़रूरी है.
– नियमित रूप से आंखों का चेकअप करवाते रहें.
– धूप में निकलते समय हमेशा सनग्लासेस का इस्तेमाल करें.
– अगर आप स्पोर्ट्स के लिए जाते हैं, तो खेलते व़क्त आंखों की सुरक्षा का ध्यान रखें.
– कंप्यूटर पर काम करते समय हर 50 मिनट में 10 मिनट का ब्रेक लें. इससे आंखों को आराम मिलेगा.
– अगर आपके विज़न में ज़रा भी बदलाव आया है या फिर आपको लगातार सिरदर्द हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर को मिलें.
– ब्रेक के दौरान आंखों पर ठंडे पानी के छींटे मारें.
– अच्छी क्वालिटी का आई मेकअप इस्तेमाल करें.
-प विटामिन ए, सी, ई और कॉपर व ज़िंक जैसे मिनरल्स बेहतर दृष्टि के लिए बहुत ज़रूरी हैं.
– इसके लिए आप विटामिन ए युक्त चीज़ें, जैसे- गाजर, पालक, टमाटर, तरबूज, एप्रीकोट, शकरकंद, अंगूर आदि लें.
– विटामिन सी युक्त पदार्थ, जैसे- पार्सले, ब्रोकोली, पालक, फूलगोभी, पत्तागोभी, सेलेरी, स्ट्रॉबेरी, संतरा, पपीता, अंगूर, रसबेरी,
पाइनेप्पल, अमरूद आदि व विटामिन ई युक्त पदार्थ, जैसे- सूरजमुखी के बीज, बादाम, मूंगफली, पालक, सोयाबीन, कीवी, आम, शलगम आदि को अपने डायट में शामिल करें.
– बीटा कैरोटीन व ल्यूटिन युक्त एंटी-ऑक्सीडेंट्स मैक्यूला को सूरज की ख़तरनाक किरणों से बचाता है. एंटी-ऑक्सीडेंट युक्त हरी सब्ज़ियां, अंडे की ज़र्दी, पीली शिमला मिर्च, कद्दू, शकरकंद और गाजर का सेवन करें.
– सल्फर, किस्टाइन और लैसिथिन आंखों को मोतियाबिंद से बचाते हैं और लहसुन व प्याज़ में ये भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.
– डीएचए एक फैटी एसिड है, जिससे आंखों के सेल्स मज़बूत होते हैं और आंखें भी स्वस्थ रहती हैं. वाइल्ड साल्मन, सार्डाइन, मैकरेल, कॉड आदि मछलियों में यह पाया जाता है.
– संतारा सिंह
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