संजय दत्त की बेटी (Sanjay Dutt’s Daughter) त्रिशाला (Trishala) ने सोशल मीडिया पर अपनी मां ऋचा शर्मा की प्यारी-सी पुरानी फोटो शेयर करते हुए उन्हें याद किया. यह एक क्लासरूम का फोटो है, जिसमें ऋचा बेइंतहा ख़ूबसूरत लग रही हैं.
त्रिशाला ने मां को याद करते हुए ऋचा का लिखा हुआ बरसों पुराना नोट्स भी शेयर किया. उनके अनुसार, यह नोट्स मॉम ने तब लिखी थीं, जब वे धीरे-धीरे कैंसर के कारण मौत के क़रीब जा रही थीं. यह लगभग 21 साल पुराना नोट्स है. अब मुझे यह एहसास हो रहा है कि मुझमें लिखने की प्रतिभा कहां से आई. ज़िंदगी बहुत छोटी है. आई मिस हर… इस तरह उन्होंने अपनी मां की पुण्यतिथि (दस दिसंबर) के पहले मां को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी.
ऋचा शर्मा का नोट…
हम सब साथ चलते हैं. हर कोई अपना रास्ता चुनता है. मैंने भी अपना चुना है. लेकिन मैं मौत के अंतिम छोर पर हूं. मैं वापस कैसा जाऊं? क्या मुझे एक और मौक़ा मिलेगा? यह तो व़क्त ही बता पाएगा. मैं फिर भी इसका इंतज़ार करूंगी. वैसे मैं इस बात को गहराई से जानती हूं कि अब कुछ भी नहीं हो सकता. फिर भी मैं उम्मीद कर रही हूं. मेरे मसीहा मझे ऐसी जगह पर ले जाएंगे, जहां पर मेरे सपने पूरे होंगे. वे अपनी बांहों में भरकर न केवल मेरा स्वागत करेंगे, बल्कि मेरा ख़्याल भी रखेंगे…
मां की तरह लेखनी का हुनर त्रिशाला में भी है, जिसका उदारहण उनके द्वारा मदर्स डे पर मां को याद करते हुए लिखा गया नोट है. त्रिशाला ने मदर्स डे पर मां ऋचा की एक तस्वीर शेयर करते हुए एक इमोशनल नोट लिखा था, जिसमें उन्होंने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया था. 21 साल पहले अंतिम बार जब मैंने आपके लिए कुछ किया था. काश जन्नत का फोन नंबर होता. काश, मैं आपको और देख पाती, आपसे बात कर पाती, सच मैंने हमेशा आपको अपने क़रीब होने की ख़्वाहिश की है. हैप्पी मदर्स डे…
फ़िलहाल त्रिशाला अपने नाना-नानी के साथ न्यूयॉर्क में रह रही हैं. यह अफ़वाह फैलने पर की वे फिल्मों में आ रही है, उन्होंने खारिज किया कि उनका बॉलीवुड में आने का कोई इरादा नहीं है. अपने पिता संजय दत्त व मान्यता दत्त के संबंधों को लेकर उड़ती अफ़वाहों पर भी उन्होंने विराम लगाया. बकौल त्रिशाला पिता और मान्यता के साथ उनके संबंध अच्छे हैं. यह और बात है कि पहले त्रिशाला मान्यता को आंटी बुलाती थीं, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपने संबंधों को सुधारा.
त्रिशाला की मां और संजय दत्त की पहली पत्नी ऋचा शर्मा ने देव आनंद की फिल्म हम नौजवान से अपने करियर की शुरुआत की थी. अनुभव, इंसाफ़ की आवाज़, सड़कछाप फिल्मों से उन्हें अलग पहचान मिली. 1987 में उन्होंने संजय दत्त से शादी कर ली, लेकिन शादी के दो साल के अंदर ही उन्हें ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित होने का पता चला और 32 साल की छोटी उम्र में साल 1996 में न्यूयॉर्क में उनका देहांत हो गया, जहां वे अंतिम समय में अपने माता-पिता के साथ रह रही थीं.
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