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Birthday Special: रजनीकांत कुली से बन गए सुपरस्टार (Happy Birthday Rajinikanth)

अपने अनोखे अंदाज़ और बेहतरीन अभिनय से फिल्म जगत में अलग मुकाम हासिल कर चुके सुपरस्टार रजनीकांत एक ऐसा नाम है, जो सभी की जुबां पर चढ़कर बोलता है. उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए काफ़ी संघर्ष किया है.the-hindu (1) (1) [wp_colorbox_media url="https://www.merisaheli.com/wp-content/uploads/2017/11/almond-ads.jpg" type="image" hyperlink="https://www.merisaheli.com/wp-content/uploads/2017/11/Arrow-California-Almonds-up.png" class="lightbox-text"]रजनीकांत इतने बड़े सुपरस्टार हैं, लेकिन फिर भी ज़मीन से जुड़े हुए हैं. वह फिल्मों के बाहर असल जिंदगी में एक सामान्य व्यक्ति की तरह ही दिखते हैं और उनके प्रशंसक उन्हें प्यार ही नहीं करते, बल्कि पूजते हैं. उनका संघर्ष हर किसी के लिए इंस्पीरेशन है कि कैसे एक कारपेंटर और बैंगलुरू परिवहन सेवा (बीटीएस) का मामूली-सा बस कंडक्टर व कुली से सुपरस्टार बन गया. उनका जन्म 12 दिसंबर, 1950 को बैंगलुरू में हुआ. उनका असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है. उनके पिता रामोजी राव गायकवाड़ एक हवलदार थे. मां जीजाबाई की मौत के बाद चार भाई-बहनों में सबसे छोटे रजनीकांत को एहसास हुआ कि घर की माली हालत ठीक नहीं है. बाद में उन्होंने परिवार को सहारा देने के लिए कुली का भी काम किया.[wp_colorbox_media url="https://www.merisaheli.com/wp-content/uploads/2017/11/123.jpg" type="image" hyperlink="https://www.merisaheli.com/wp-content/uploads/2017/11/Arrow-California-Almonds-Down.png" class="lightbox-text"] एक कंडक्टर के तौर पर भी उनका अंदाज़ निराला था. वह अलग तरह से टिकट काटने और सीटी मारने के अपने स्टाइल की वजह से यात्रियों और दूसरे बस कंडक्टरों के बीच मशहूर थे. रजनी स्टेज पर नाटक करते थे, उन्हें फिल्मों और ऐक्टिंग का शौक तो हमेशा से ही था. धीरे-धीरे ये शौक जुनून में तब्दील हो गया. [wp_colorbox_media url="market://details?id=com.ayurvedichomeremedies" type="url" class="lightbox-text" hyperlink="https://www.gstatic.com/android/market_images/web/favicon_v2.ico"]उन्होंने अपना काम छोड़कर चेन्नई के अद्यार फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया. वहां एक नाटक के दौरान निर्देशक के. बालाचंदर की नजर रजनीकांत पर पड़ी और वो रजनीकांत से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने रजनीकांत को तमिल फिल्म अपूर्वा रागंगाल ऑफर की, जिसमें वो खलनायक की भूमिका में थे. रोल भले ही छोटा था, लेकिन इस रोल ने उन्हें दूसरी फिल्में दिलाने में काफ़ी मदद की. इस फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाज़ा गया. उनका फिल्मी करियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है. करियर की शुरुआत में तमिल फिल्मों में खलनायक की भूमिकाएं निभाने के बाद वह धीरे-धीरे एक अभिनेता की तरह उभरे. तेलुगू फिल्म छिलाकाम्मा चेप्पिनडी में उन्हें मेन लीड निभाने का मौक़ा मिला. उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. कुछ सालों में ही रजनीकांत तमिल सिनेमा के महान सितारे बन गए और तब से सिनेमा जगत में एक मिसाल बने हुए हैं. बॉलीवुड में भी उन्होंने अपनी फिल्मों- मेरी अदालत, जान जॉनी जनार्दन, भगवान दादा, दोस्ती दुश्मनी, इंसाफ कौन करेगा, असली नकली, हम, ख़ून का कर्ज, क्रांतिकारी, अंधा कानून, चालबाज, इंसानियत का देवता के माध्यम से एक ख़ास मुकाम बनाया है. साल 2014 में रजनीकांत छह तमिलनाडु स्टेट [wp_colorbox_media url="https://www.youtube.com/embed/KhWp17GpRpA" type="youtube" hyperlink="https://www.youtube.com/yts/img/favicon_32-vflOogEID.png" class=""] फिल्म अवार्डस से नवाज़े गए, जिनमें से चार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और दो स्पेशल अवार्डस सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए मिले. साल 2000 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया. इसके अलावा 45वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (2014) में रजनीकांत को सेंटेनरी अवॉर्ड फॉर इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया. पिछली फिल्म कबाली में नज़र आ चुके सुपरस्टार रजनीकांत जल्द ही तमिल साइंस-फिक्शन फिल्म 2.0 में दिखाई देंगे. मेरी सहेली (Meri Saheli) की ओर से उन्हें जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं. यह भी पढ़ें: ही मैन धर्मेंद्र हुए 82 साल के, जानें ये रोचक बातें और देखें उनके हिट गाने [amazon_link asins='B016XVCJNU,B00D21I5S8,B01KTPP5YQ' template='ProductCarousel' store='pbc02-21' marketplace='IN' link_id='5688b273-de6d-11e7-a398-9388ab9053cf']

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