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#diwali2021 हैप्पी दिवाली: सुख-समृद्धि के लिए दीपावली पर यूं करें पूजा-अर्चना…(#Diwali2021: On Diwali For Happiness And Prosperity Worship This Way)

हिंदुओं के त्योहारों में दीपावली का विशेष महत्व है. दीपावली का अर्थ है दीप की अवनी अर्थात् पंक्ति का त्योहार. दिवाली पांच दिनों का त्योहार होता है, जो धनतेरस से शुरू होकर नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन-अन्नकूट पूजा, भइया दूज तक रहता है. इन सभी दिनों में किस दिन किस तरह से पूजा की जाए, जिससे घर में सुख-समृद्धि, धन लाभ हो, इस बारे में वास्तु गुरु डॉ. मधुराज ने हमें जानकारी दी. 

 

दीपावली दीयों से जगमग करते रोशनी का सबसे बड़ा त्योहार है. जहां कई दिनों तक परिवार, सगे-संबंधियों, दोस्तों आदि का मेलजोल, सौ़ग़ात, मिठाइयों व लज़ीज व्यंजनों के लुत्फ़ उठाने आदि का ख़ूबसूरत सिलसिला-सा शुरू हो जाता है. वैसे भी भारतीय संस्कृति की झलक यहां के त्योहारों में दिखाई देती है. हमारा देश अनेक धर्मों, संप्रदायों तथा संस्कृतियों का अद्भुत संगम है, इसलिए विभिन्न धर्मों से जुड़े अनेक त्योहार यहां पर धूमधाम से मनाए जाते हैं. दीपावली में धनतेरस से लेकर भइया दूज तक विधिवत पूजा की जाए, तो घर में सुख, शांति, धन-वैभव आदि बना रहता है.

धनतेरस- धन की वर्षा

यूं तो दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, लेकिन इसके दो दिन पूर्व धनतेरसवाले दिन से ख़रीददारी का सिलसिला शुरू हो जाता है.

* इस दिन लोग नए बर्तन ख़रीदना शुभ मानते हैं.

* धनतेरस के दिन चांदी के बर्तन, ज्वेलरी, सिक्के की ख़रीददारी करें.

* साबूत धनिया ख़रीदें.

* कमलगट्टे की माला ख़रीदना शुभ होता है.

* गोमती चक्र व पीली कौड़ी ख़रीदना लाभकारी रहता है.

* कुबेर यंत्र और कुबेर मूर्ति ख़रीदना ज़रूरी है.

* एक चांदी का कलश-प्लेट और तांबे का कलश-प्लेट लें.

* गाय का देसी घी ख़रीदें.

* उत्तर की दिशा में एक साफ़ स्थान पर चांदी के कलश में गंगाजल भर दें.

* इसके ऊपर प्लेट रख दें.

* इस प्लेट में अक्षत यानी चावल रख दें.

* इसके बगल में कुबेर की मूर्ति या कुबेर यंत्र रख दें.

* उस पर हल्दी, कुमकुम व फूल-माला चढ़ाएं.

* आग्नेय दिशा में तांबे के कलश में घी भर दें.

* इसे प्लेट से ढंककर इसके ऊपर हल्दी, कुमकुम, फूल और माला चढ़ाएं.

नरक चतुर्दशी- छोटी दिवाली

इसे नरक चौदस या छोटी दिवाली भी कहते हैं. इस दिन कृष्ण भगवान ने नरकासुर का वध किया था तथा उसके कारागार में बंद सोलह हज़ार कन्याओं का उद्धार किया था.

* नरक चौदस के दिन यमराज के लिए दीपदान किया जाता है.

* शाम के समय घर के बड़े-बुज़ुर्ग द्वारा इस दीये को जलाना चाहिए.

* इसके लिए एक पीली कौड़ी और एक तांबे का सिक्का व तिल के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए.

* इस दीये को घर के बाहर मुख्यद्वार से निकलते समय बाईं तरफ़ रखें.

* जब यह दीपक ठंडा हो जाए यानी तेल समाप्त हो जाए, तब इसमें रखा पैसा और कौड़ी को लेकर तिज़ोरी या जहां पर पैसा-धन आदि रखते हैं, वहां पर रखें.

दिवाली- प्रकाश पर्व

दीपावली के दिन घर को साफ़ करके रंगबिरंगे तोरण-कंदील, दीये से सजाते हैं. लक्ष्मी पूजन होता है. बच्चे-बड़े आतिशबाज़ी करके आनंदित होते हैं. व्यापारी इस दिन अपना नया व्यापार शुरू करते हैं.

* यूं तो सभी पहले से ही पूरे घर की साफ़-सफ़ाई कर देते हैं, पर दिवाली के दिन एक बार फिर घर की अच्छी तरह से सफ़ार्ई करें.

* पूरे घर में नमक के पानी से पोंछा लगाएं.

* घर में गंगाजल का छिड़काव करें.

* मुख्यद्वार को गाय के गोबर से लीप दें या फिर रंगोली से सजाएं.

* यदि आप रंगोली बनाते हैं, तो इसमें रंगों के इस्तेमाल में दिशाओं का भी ध्यान रखें, जैसे- पूर्व दिशा में हरे रंग से, पश्‍चिम में स़फेद, उत्तर में नीले और दक्षिण में लाल रंग से रंगोली बनाएं.

* इसके अलावा तोरण व कैंडल का रंग भी दिशा के अनुसार सिलेक्ट करें.

* पूजा के लिए गणेशजी की मूर्ति लेते समय जिस मूर्ति में गणेश भगवान की सूंड उनके बाएं हाथ की तरफ़ हो, वही लें. साथ ही लक्ष्मीजी की मूर्ति बैठी हुई लें.

* मंगल कलश की स्थापना करें. इसके लिए एक लोटे में चांदी का सिक्का, हल्दी, कुमकुम, चावल व फूल डालकर उसके ऊपर नारियल रखकर घर के ईशान कोण में रखें.

* एक चांदी या स्टील की प्लेट लें. इसमें पांच गोमती चक्र, तीन पीली कौड़ी और एक छोटा मोती शंख रखकर उसकी पूजा करें.

गोवर्धन व अन्नकूट

दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र के क्रोध से बृजवासियों की रक्षा करने के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था. इसी दिन अन्नकूट भी मनाया जाता है.

* इस दिन मां अन्नपूर्णा की पूजा-अर्चना की जाती है.

* साथ ही गाय की सेवा व पूजा करते हैं.

* सुगंधित द्रव्य या इत्र लगाकर स्नान करें.

* एक इंद्रजाल लेकर शाम को उसकी विधिवत पूजा-अर्चना करें.

* फिर भइया दूज के बाद इस इंद्रजाल को फ्रेम कराकर अपने घर या ऑफिस के दक्षिण दिशा की दीवार पर लगा दें.

 

भइया दूज- रिश्तों की मिठास

दीपावली के पांचवें यानी अंतिम दिन भइया दूज का पर्व मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों को टीका लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं.

* इस दिन भाई के माथे पर बहन तिलक लगाकर अक्षत यानी चावल लगाएं.

* भाई की कपूर से आरती करें.

* फिर मिठाई खिलाएं.

* भाई बहन को अपनी क्षमता अनुसार उपहार दें.

यह भी पढ़ेसीखें दिवाली सेलिब्रेशन के 10 मॉडर्न अंदाज़ (10 Different Ways To Celebrate Diwali)

दीपावली के दिन निम्न स्थानों पर दीये जलाने से लक्ष्मीजी की विशेष कृपा हमेशा बनी रहती है-

* दिवाली के दिन घर के पास किसी चौराहे पर रात के समय दीये जलाएं.

* किसी सुनसान जगह पर स्थित मंदिर में दीपक जलाएं.

* लक्ष्मी पूजा के स्थान का दीपक पूरी रात जलता रहे, इसका ख़्याल रखें.

* घर के मुख्यद्वार के दोनों तरफ़ दीये जलाएं.

* दिवाली की शाम किसी बिल्व के पेड़ के नीचे दीप प्रज्ज्वलित करें.

* घर के क़रीब जितने भी मंदिर हों, वहां पर दीये जलाएं.

* घर के आंगन में भी दीपक ज़रूर प्रज्जवलित करें.

* दिवाली की रात को पीपल के पेड़ के नीचे एक दीया ज़रूर जलाएं.

सुपर दिवाली के मास्टर स्ट्रोक

* दीपावली के दिन घर का मुख्यद्वार व सभी खिड़कियां खुली रखें.

* भगवान कुबेर की मूर्ति की पूजा करें.

* गणेशजी की मूर्ति लक्ष्मीजी की दाईं तरफ़ रखें.

* इस दिन काले रंग के कपड़े न पहनें.

* घर के मुख्य दरवाज़े के बाहर रंगोली ज़रूर बनाएं.

* मुख्यद्वार के उत्तर दिशा में कुमकुम से स्वस्तिक बनाकर, उसके आसपास शुभ-लाभ लिखें.

दिवाली में पूजा-आराधना के समय वास्तु के अनुसार दिशाओं पर अधिक ध्यान देने की ज़रूरत होती है-

* घर की धन-संपत्ति व लॉकर, तिज़ोरी आदि को पूर्व दिशा में रखें.

* पश्‍चिम दिशा में धन-आभूषण रखना ठीक-ठाक रहता है, पर ऐसे में घर के मुखिया को सभी का साथ मिलने के बावजूद पैसे कमाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

* यदि आप आलमारी के अंदर के लॉकर में रुपए-पैसे, ज्वेलरी आदि रखते हैं, तो इस आलमारी को घर के उत्तर दिशा के कमरे में दक्षिण की दीवार से लगाकर रखें. इससे धन-आभूषण में बढ़ोत्तरी होती है.

* ईशान कोण का भी बेहद महत्व है. उत्तर ईशान में धन रखा हो, तो पुत्री बुद्धिमान व मशहूर होती है और पूर्व ईशान में रखने से पुत्र.

* दक्षिण दिशा में कभी भी अपने रुपए-पैसे, गहने आदि न रखें.

* आग्नेय, वायव्य व नैऋत्य कोण में भी धन न रखें, वरना कर्ज़, धन हानि की परेशानियां हो सकती हैं.

* घर में रखे गए लॉकर या तिज़ोरी के दरवाज़े पर लक्ष्मीजी की ऐसी फोटो, जिसमें दो हाथी सूंड उठाए खड़े हों लगाएं. साथ ही इस कमरे का रंग क्रीम या ब्राउन होना फलदायी रहता है

– ऊषा गुप्ता

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