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कितने सुरक्षित हैं बैंक लॉकर? (How Bank locker is safe?)

How Bank locker is safe? bank locker अपने क़ीमती गहनों और महत्वपूर्ण दस्तावेजों की हिफाज़त के लिए लोग अक्सर बैंक लॉकर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या ये लॉकर पूरी तरह सुरक्षित और किफ़ायती होते हैं? आइए, जानते हैं बैंक लॉकर से जुड़ी कुछ अहम बातें. किसे मिल सकती है लॉकर सुविधा? आमतौर पर बैंक अपने वर्तमान ग्राहकों को लॉकर सुविधा देता है लेकिन आप अगर सेविंग अकाउंट खोले बिना ही लॉकर सुविधा चाहते हैं, तो इसके लिए आपको उस बैंक में एक निश्‍चित राशि का फिक्सड डिपॉज़िट (एफडी) करना होगा. इसकी राशि लॉकर के साइज़ पर निर्भर करती है. साथ ही अलग-अलग बैंकों में भी एफडी की राशि अलग-अलग होती है. इस सुविधा के लिए बैंक क्या लेते हैं? सभी बैंक लॉकर सुविधा के लिए ग्राहक से हर महीने एक निश्‍चित किराया वसूलते हैं. हर बैंक की किराये की राशि अलग-अलग होती है. जैसे- मेट्रो सिटीज़ में एचडीएफसी बैंक लॉकर फैसिलिटी के लिए हर साल क़रीब 20,000 रुपए वसूलता है जबकि कोटक महिंद्रा बैंक तक़रीबन 12,000 रुपए लेता है. शहरों की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में लॉकर का किराया कम होता है. बैंक ये राशि वित्त वर्ष (फ़ायनेंशियल ईयर) की शुरुआत में ही एडवांस के रूप में ले लेता है. ऐसे में आप अगर बीच में ही ये सुविधा लौटाना चाहते हैं, तो बैंक आपको बाकी पैसे नहीं लौटाएगा. इसलिए जानकार पूरे साल के लिए लॉकर सुविधा लेने की सलाह देते हैं. सुरक्षा का सवाल वैसे तो लॉकर में रखा आपका सामान पूरी तरह सुरक्षित रहता है. बैंक अच्छी क्वालिटी के ताले, स्ट्रॉन्ग रूम, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी, अलार्म सिस्टम, पुलिस व्यवस्था और इंटर्नल सिक्योरिटी के ज़रिए लॉकर को पूरी तरह सेफ़ रखने की कोशिश करता है, लेकिन इसके बावजूद चोरी-डकैती या प्राकृतिक आपदाओं से यदि किसी तरह का नुक़सान होता है, तो उसकी भरपाई के लिए बैंक ज़िम्मेदार नहीं होता. वैसे चोरी, आग, बाढ़, तूफ़ान या अन्य किसी कारण से होने वाले नुक़सान से बचने के लिए सामान का इंश्योरेंस करवाया जा सकता है. सुरक्षा के लिए सतर्कता बैंक के साथ ही आपको ख़ुद भी अपने लॉकर की सुरक्षा के लिए सतर्क रहने की ज़रूरत है. विशेषज्ञों की राय में पूरे सामान की डिटेल लिखकर उसकी एक कॉपी घर में और एक लॉकर में रखनी चाहिए. साथ ही लॉकर में रखे जाने वाले काग़ज़ातों को लैमिनेट कराकर रखें. लॉकर खोलते समय ये देख लें कि आपके आस-पास कोई न हो. आपने कितनी बार लॉकर खोला इसकी डिटेल भी रखें और वहां से निकलने से पहले ये सुनिश्‍चित कर लें कि आपने लॉकर ठीक से बंद किया है या नहीं. विशेषज्ञों का कहना है कि लॉकर को साल में कम-से-कम एक बार अवश्य खोलना चाहिए. आरबीआई ने बैकों को ये अधिकार दे रखा है कि हाई-रिस्क वाले लॉकर को अगर एक साल तक नहीं खोला जाता है, तो बैंक ताला तोड़कर लॉकर खोल सकता है. लॉकर से जुड़े कुछ सवाल-जवाब क्या लॉकर सुविधा के लिए सेविंग अकाउंट खोलना या फिर बैंक में बड़ी राशि जमा करना आवश्यक है? हालांकि आमतौर पर सभी बैंकों में ऐसा ही किया जाता है, लेकिन आरबीआई ने बैंकों को ऐसा न करने की सलाह दी है. ज़्यादा से ज़्यादा बैंक कस्टमर ये कह सकता है कि वो एक ऐसा सेविंग अकाउंट खोले जिसमें लॉकर के तीन साल के किराये और ब्रेकेज चार्ज के बराबर राशि हो. ऐसा तभी कहा जा सकता है जब कस्टमर से लंबे समय तक संपर्क करना संभव न हो. क्या लॉकर सुविधा बहुत महंगी होती है? नहीं, मेट्रो सिटीज़ में लॉकर का सालाना किराया 1000 रुपए तक हो सकता है. अगर आपको ज़्यादा सामान रखना है तो मध्यम लॉकार के लॉकर ले सकती हैं. इसका किराया 2000 से 4000 रुपए तक हो सकता है. क्या लॉकर सौ फीसदी सुरक्षित होते हैं? लॉकर उतना ही सेफ़ है जितना की बैंक. अगर बैंक में लूट, चोरी होती है या आग व बाढ़ आती है, तो आपका लॉकर सुरक्षित नहीं रह सकता. वैसे लॉकर घर की अपेक्षा ज़्यादा सुरक्षित होते हैं क्योंकि बैंक इसकी सेफ़्टी के लिए पुख्ता इंतज़ामात करता है. वैसे तो बैंक आपके लॉकर को अपनी मर्ज़ी से नहीं खोल सकता लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से उच्च-जोख़िम (हाई रिस्क) वाले लॉकर अगर एक साल तक नहीं खोले जाते, तो बैंक ग्राहक को नोटिस भेजकर ताला तोड़ सकता है और ग्राहक से लॉकर को हुए नुक़सान की भरपाई करने के लिए कह सकता है. लॉकर की कैटेगरी
  • उच्च जोख़िम (हाई रिस्क)
  • मध्यम जोख़िम (मिडियम रिस्क)
  • निम्न जोख़िम (लो रिस्क)

- कंचन सिंह

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