चिकनगुनिया (Chikungunya) और डेंगू (Dengue) के मरीज़ों की संख्या बढ़ती जा रही है. देशभर में अब तक इससे कई मौतें हो चुकी हैं. इसलिए बेहतर होगा कि आप समय रहते इस बीमारी की एबीसी जान लें और ज़रूरी एहतियात बरतकर ख़ुद को व अपने परिवार को इससे सुरक्षित रखें.
चिकनगुनिया मच्छर के काटने से होनेवाली बेहद पीड़ादायक संक्रामक बीमारी है. इसमें तेज़ बुखार के साथ रोगी के जोड़ों में इतना भयंकर दर्द होता है कि एक हफ्ते के अंदर ही रोगी एकदम कमज़ोर हो जाता है.
ये एक वायरस है, जो एडिस मच्छर के काटने से होता है. मच्छर काटने के 2-7 दिनों के अंदर मरीज़ को चिकनगुनिया के लक्षण नज़र आने लगते हैं.
– ठंड लगकर तेज़ बुखार. बुखार 100 डिग्री के आसपास होता है.
– सिरदर्द
– मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द. ये दर्द कई बार 6 महीने तक रहता है.
– जी मिचलाना
– भूख न लगना
– थकान महसूस होना
– स्किन पर रैशेज़ आना
उपरोक्त लक्षण नज़र आने पर डॉक्टर कुछ ब्लड टेस्ट्स करवाते हैं, जिनमें CBC, RT-PCR, ELISA Tests आदि शामिल हैं. इससे पता चल जाता है कि पीड़ित व्यक्ति को डेंगू या चिकनगुनिया है या नहीं.
– सबसे चिंता की बात ये है कि चिकनगुनिया से बचने के लिए कोई दवा या टीका अब तक उपलब्ध नहीं है.
– डॉक्टर्स सिर्फ लक्षण के आधार पर दवाएं देते हैं.
– बुखार और दर्द के लिए पैरासिटामोल या पेनकिलर दिया जाता है.
– बेहतर होगा कि चिकनगुनिया से पीड़ित व्यक्ति ज़्यादा से ज़्यादा आराम करे.
– डायट का ख़ास ख़्याल रखे. लिक्विड फूड ज़्यादा ले.
– बाहर का खाने या पानी पीने से बचें.
– डॉक्टर के संपर्क में लगातार रहे. ख़ुद डॉक्टर बनने की ग़लती न करें.
– कोई भी असामान्यता नज़र आते ही तुरंत डॉक्टर के पास जाए.
– ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर हॉस्पिटल में एडमिट करने की सलाह भी दे सकते हैं.
चूंकि चिकनगुनिया के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है और ये रोग मच्छर काटने से फैलता है, इसलिए बेहतर होगा कि कुछ ज़रूरी एहतियात बरते जाएं, ताकि इसके मच्छर आप पर हमला न कर सकें.
– आमतौर पर चिकनगुनिया के मच्छर दिन में काटते हैं. इसलिए दिन में भी मच्छरों से ख़ुद को सुरक्षित रखें.
– अपने घर के अंदर और आसपास सफाई रखें.
– घर में कहीं भी पानी एकत्रित न होने दें.
– कूलर इस्तेमाल करते हों तो उसका पानी रोज़ बदलें. इस्तेमाल न करते हों तो उसका पानी निकालकर उसे अच्छी तरह सुखाकर रख दें.
– घर में और आसपास कीटनाशक का छिड़काव करें.
– ख़ूब पानी पीएं. इससे शरीर का इम्यून सिस्टम मज़बूत रहता है.
– सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.
– ऐसे कपड़े पहनें कि पूरा शरीर ढंका रहे.
– खिड़की और दरवाज़े पर जाली लगाकर रखें.
– अपने आसपास के लोगों को भी मच्छर को फैलने से रोकने के उपाय करने के लिए प्रोत्साहित करें.
– अगर आपके घर में या आसपास चिकनगुनिया, मलेरिया या डेंगू के किसी मरीज़ का पता चलता है तो इसकी जानकारी तुरंत स्वास्थ्य विभाग को दें, ताकि तुरंत मच्छर रोकने के उपाय किया जा सकें और बीमारी को फैलने से रोका जा सके.
कुछ घरेलू नुस्ख़े भी आज़माए जा सकते हैं. ये आपको काफी राहत देंगे.
– तुलसी और अजवायन चिकनगुनिया में काफी फायदेमंद हैं.
– अजवायन, किशमिश, तुलसी की पत्तियां और नीम की पत्तियां लेकर पानी में उबाल लें. बिना छाने दिन में तीन बार पीएं. आराम आएगा.
– या सिर्फ तुलसी की पत्तियां उबालकर पीने से भी आराम मिलता है.
– पपीते की पत्तियां पीसकर उसका जूस निकाल लें. दो चम्मच जूस मरीज़ को दिन में तीन बार पिलाएं. अगर चिकनगुनिया या डेंगू के कारण प्लेटलेट्स कम हो गया है तो इसके सेवन से प्लेटलेट्स तेज़ी से नॉर्मल होने लगता है.
– चिकनगुनिया में जोड़ों में भयंकर दर्द होता है. इससे राहत पाने के लिए लहसुन को पीसकर इसमें लौंग का तेल मिलाकर जोड़ों पर लेप करें.
– कच्चा गाजर खाएं. इससे इम्यूनिटी बेहतर होगी और जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलेगा.
– गरम पानी में एप्सम सॉल्ट और नीम की पत्तियां मिलाकर इस पानी से स्नान करें. बुखार कम होगा और दर्द से भी राहत मिलेगी.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन डेंगू को बेहद संक्रामक बीमारी मानता है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक़, पूरे विश्व में हर साल क़रीब 39 करोड़ लोग डेंगू बुख़ार की चपेट में आते हैं. एशिया और अफ्रीका में सबसे ज़्यादा डेंगू से मौतें होती हैं.
डेंगू एक ट्रॉपिकल और तेज़ी से फैलने वाला बुख़ार है. चिकनगुनिया की तरह ही यह भी एडिस मच्छर के काटने से होता है. डेंगू के मच्छर आमतौर पर गंदे पानी की बजाय साफ़ पानी में पनपते हैं और दिन में ज़्यादा सक्रिय रहते हैं.
अगर इसका सही तरी़के से उपचार नहीं हुआ तो यह बुख़ार डेंगू हेमोरेजिक फीवर, डेंगू शॉक सिंड्रोम में बदल सकतस है, जिससे मरीज की जान भी जा सकती है. इसलिए बेहतर होगा कि समय रहते सही इलाज किया जाए.
डेंगू के लक्षण और उपचार चिकनगुनिया की तरह ही होते हैं. इसमें भी शुरू में तेज बुख़ार होता है और ठंड लगती है जो पांच दिन तक रह सकता है.
– सिरदर्द, कमर और जोड़ों में दर्द के अलावा थकावट और कमजोरी महसूस होती है. हल्की खांसी और गले में ख़राश के साथ उल्टी भी होती हैं. शरीर पर लाल रंग के दाने भी दिखते हैं. पूरी तरह से ठीक होने में क़रीब दो हफ़्ते लग जाते हैं. यह बुख़ार बच्चों और बुज़ुर्गों में ज़्यादा ख़तरनाक हो जाता है.
– चिकनगुनिया की तरह ही डेंगू के मरीज़ को भी पूरी तरह आराम करना चाहिए.
– उसे पानी, नारियल पानी व फलों का जूस बार-बार लेते रहना चाहिए.
– फौरन किसी डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
शाहरुख खानची प्रमुख भूमिका असलेला चक दे इंडिया हा सिनेमा खेळांवर आधारित चित्रपटांच्या यादीत सर्वोत्तम…
दिवंगत एक्टर इरफान खान (Irrfan Khan) को दुनिया से अलविदा किए हुए भले ही कई…
आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ लोगों को पैर हिलाने की आदत सी होती है.…
संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) की मच अवेटेड सीरीज 'हीरामंडी' (Heeramandi Premiere) का ग्रांड…
FROM WHINING TO KICKING TO THROWING A FIT, THE TANTRUMS CHILDREN THROW UP CAN BE…
गोविन्दा की भांजी आरती सिंह आज यानी 25 अप्रैल को दीपक चौहान संग शादी के…