वैसे तो दूध सबसे सेहतमंद पेय पदार्थों में से एक माना जाता है. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन, नियासिन, फास्फोरस और पोटैशियम पाए जाते हैं. लेकिन आज के समय में बाज़ार में मिलने वाले दूध में तरह-तरह की मिलावट की जाने लगी है, जिससे इसकी पौष्टिकता पर नकारात्मक असर तो पड़ता ही है, कई बार तो इससे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने की संभावना भी रहती है. केमिकल्स मिला होने के कारण ऐसा दूध लिवर और किडनी पर बेहद बुरा असर डालता है. फोर्टिस हॉस्पिटल, शालीमार बाग, दिल्ली की सीनियर डायटीशियन मानसी चौधरी मिलावटी दूध को पहचानने के तरी़के और इसे पीने से होने वाली परेशानियों के बारे में बता रही हैं.
डिटर्जेंट की मिलावट
कैसे करें पहचान? इसकी जांच करने के लिए दूध में पानी मिलाएं. यदि झाग आए तो दूध में डिटर्जेंट मिला हुआ है.
नुकसानः डिटर्जेट मिले दूध में बहुत अधिक मात्रा में सोडा होता है जो किडनी, लिवर और हार्मोन्स आदि को नुकसान पहुंचा सकता है.
सिंथेटिक दूध
कैसे करें पहचान? सिंथेटिक दूध को हथेलियों के बीच रगड़ें. यदि दूध साबुन जैसा चिकना लगे तो यह सिंथेटिक दूध हो सकता है. इसके अलावा इसे गर्म करने पर यह हल्का पीला हो जाता है.
नुकसानः सिंथेटिक दूध बनाने के लिए यूरिया, कपड़े धोने वाला डिटर्जेंट, सोडा स्टार्च और फॉरेमैलिन मिलाया जाता है. इससे फूड पॉयज़निंग हो सकती है, जिससे उल्टी और दस्त की शिकायत हो सकती है. इसके अलावा ये किडनी और लिवर पर भी बुरा असर डालता है.
दूध में पानी
कैसे करें पहचान? दूध की कुछ बूंदों को किसी प्लास्टिक या किसी प्लेन टुकड़े पर डालें. इसके बाद इसे थोड़ा टेढ़ा करें. यदि दूध की बूंद स़फेद लकीर छोड़ते हुए धीरे-धीरे बह रही हो तो इसका मतलब दूध में पानी की मिलावट नहीं है. वहीं अगर स़फेद निशान न छोड़े तो इसका मतलब पानी की मिलावट की गई है.
नुकसानः पानी की मिलावट करने से दूध पतला हो जाता है, जिससे यह कम फ़ायदेमंद रहता है.
दूध में स्टार्च की मिलावट
कैसे करें पहचान? दूध में स्टार्च की मिलावट की जांच करने के लिए दूध में कुछ बूदें आयोडीन टिंचर या आयोडीन सॉल्युशन डालें. यदि दूध का रंग नीला हो जाए तो इसका मतलब दूध मिलावटी है.
नुकसानः स्टार्च मिलाने पर दूध में हाइड्रोजन पैरॉक्साइड, अमोनिया, नाइट्रेट फर्टिलाइजर और न्यूट्रलाइजर आदि तत्वों की संख्या बढ जाती है, जिससे आंतें, किडनी और लिवर के अलावा कई अंगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
बच्चों और बूढ़ों के लिए ज़्यादा ख़तरनाक
1 बच्चों का लिवर बड़ों की तुलना में ज़्यादा सेंसिटिव और कमज़ोर होता है. ऐसे में मिलावटी दूध हें जल्दी और ज़्यादा नुकसान पहुंचा सकता है.
2 वृद्ध लोगों का लिवर भी एक समय के बाद कमज़ोर होने लगता है. ऐसे में मिलावटी दूध में यूरिया, अमोनिया, नाइट्रेट फर्टिलाइजर और स्टार्च जैसे कई हानिकारक तत्व होने के कारण उन्हें इसे पचाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है.
3 इसके अलावा इसमें मिले केमिकल्स शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता पर भी नकारात्मक असर डालते हैं.
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