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बच्चों की छुट्टियों को कैसे बनाएं स्पेशल? (How To Make Children’s Summer Vacations Special?)

हम सब की ज़िंदगी में गर्मी की छुट्टियों (Summer Vacations) की यादें बहुत ख़ास होती हैं. जब भी हम अपने बचपन को याद करते हैं, तो उसमें हमारी गर्मी की छुट्टियों की यादें ज़रूर शामिल होती हैं. अपनी छुट्टियों की तरह हम अपने बच्चों की छुट्टियों को कैसे ख़ास और क्रिएटिव बनाएं, आइए जानते हैं..

समर वेकेशन यानी गर्मी की छुट्टियां बच्चों के लिए जितनी ख़ास होती हैं, पैरेंट्स के लिए उतनी ही ज़िम्मेदारीभरी होती हैं. यही वो समय होता है जब आप खेल-खेल में अपने बच्चों को बहुत कुछ सिखा सकते हैं. आज के वर्किंग पैरेंट्स के पास समय की कमी है, इसलिए बच्चों की गर्मी की छुट्टियों की ज़िम्मेदारी समर कैम्प और क्लासेस ने ले ली है, लेकिन आपके बच्चे के लिए क्या सही है, इसका चुनाव आपको बहुत सोच-समझकर करना चाहिए. बच्चे को छुट्टियों में बिज़ी रखने के लिए किसी भी क्लासेस में भेज देना सही नहीं है. बच्चों की समर वेकेशन का सही प्रयोग कैसे किया जा सकता है, ये जानने के लिए हमने बात की काउंसलर, साइकोथेरेपिस्ट काव्यल सेदानी से. उन्होंने बताया कि समर वेकेशन में सबसे पहले अपने बच्चों को गैजेट्स से दूर रखें, क्योंकि इनका बच्चों के शरीर और दिमाग़ पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है.

ऐसे प्लान करें बच्चों का समर वेकेशन

काव्यलजी कहती हैं, समर वेकेशन में बच्चे को किसी भी क्लासेस में भेजने से पहले अपने बच्चे की पर्सनैलिटी को समझें, उसकी रुचि और क्षमता के अनुसार ही उसे समर क्लासेस में भेजें. यदि आपके घर में सभी संगीतकार हैं और आपके बच्चे को संगीत में रुचि नहीं है, तो वो बहुत जल्दी बोर हो जाएगा. ऐसे में पैरेंट्स शिकायत करते हैं कि उनका बच्चा एक जगह बैठकर काम नहीं कर पाता, लेकिन उस काम में जब बच्चे की रुचि ही नहीं है, तो वो उस काम में मन कैसे लगा पाएगा. पैरेंट्स के लिए सबसे पहले ये जानना ज़रूरी है कि आपके बच्चे की रुचि किस चीज़ में है.

पब्लिक स्पीकिंग

पब्लिक स्पीकिंग बच्चों के लिए ही नहीं, हर किसी के लिए ज़रूरी है. बच्चों को ये सिखाना ज़रूरी है कि अपनी बात दूसरों के सामने कैसे रखें. पब्लिक स्पीकिंग से बच्चों का आत्मविश्‍वास बढ़ता है और वो किसी भी प्ऱेजेंटेशन के लिए घबराते नहीं हैं.

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डांस/ड्रामा/एक्टिंग

ये वो क्षेत्र हैं जहां बच्चे को स्टेज प्रेज़ेंस मिलता है और उसका कॉन्फिडेंस बढ़ता है और बॉडी लैंग्वेंज पॉज़िटिव हो जाती है. डांस, ड्रामा व एक्टिंग आगे चलकर भले ही आपके बच्चे का करियर न बनें, लेकिन इनसे उसकी क्रिएटिविटी और कॉन्फिडेंस बढ़ता है, साथ ही बच्चे की पर्सनैलिटी में पॉज़िटिव बदलाव आते हैं.

स्पोर्ट्स

आपके बच्चे की जिस स्पोर्ट्स में रुचि हो, उसे उसके लिए प्रोत्साहित ज़रूर करें. आजकल अधिकतर बच्चों में विटामिन डी3 और विटामिन बी12 की कमी इसीलिए पाई जाती है, क्योंकि वो सारा दिन घर के अंदर अपने गैजेट्स के साथ बिज़ी रहते हैं और उनकी फिज़िकल एक्टिविटी नहीं हो पाती. समर वेकेशन में बच्चों को ख़ासकर ऐसे क्लासेस में भेजें, जहां उन्हें आउटडोर स्पोर्ट्स सिखाए जाएं और उनकी फिज़िकल एक्टिविटी हो सके.

प्रैक्टिकल साइंस

प्रैक्टिकल साइंस से जुड़े क्लासेस बच्चों के लिए बहुत फ़ायदेमंद हैं. किताबें पढ़कर बच्चे उतना नहीं समझ पाते, जितना वो ख़ुद एक्सपेरिमेंट करके सीखते हैं. यदि आपके बच्चे को साइंस में रुचि है, तो उसे ऐसे क्लासेस में भेजें जहां उसे साइंस के एक्सपेरिमेंट्स कराए जाएं. इससे बच्चे की साइंस में रुचि और बढ़ जाएगी और वो किताबी ज्ञान के साथ ही प्रैक्टिकल साइंस को भी समझ पाएगा.

कुकिंग

आपको अपने बच्चों को कुकिंग ज़रूर सिखानी चाहिए. चाहे बेटा हो या बेटी, बेसिक कुकिंग हर बच्चे को आनी चाहिए. यदि आप अपने बेटे को भी कुकिंग सिखाती हैं, तो उसे ये पता चलता है कि कुकिंग में कितनी मेहनत लगती है और जितने प्यार से आप कुकिंग करते हैं, उसमें उतना ही स्वाद आता है. कुकिंग सीखने के बाद आपके बच्चे भोजन का महत्व समझ पाएंगे और खाना बर्बाद नहीं करेंगे.

गार्डनिंग

यदि आप अपने बच्चे को कहीं बाहर नहीं ले जा पा रहे हैं या किसी क्लासेस में नहीं भेज पा रहे हैं, तो उसे घर पर ही किचन गार्डनिंग सिखाएं. गार्डनिंग करने से बच्चे को ये पता चलता है कि हम जो भी खाते-पीते हैं, वो इतनी आसानी से नहीं मिलता, उसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है. आप अपने बच्चे को घर में ही आसानी से उगनेवाले पौधे जैसे- हरी मिर्च, हरा धनिया, टमाटर आदि उगाना सिखा सकते हैं. जब आपका बच्चा ख़ुद गार्डनिंग करेगा, तो उसकी घर में बने खाने में रुचि बढ़ेगी, क्योंकि बच्चे अपनी उगाई हुई हर चीज़ चखना चाहते हैं. गार्डनिंग सिखाकर आप अपने बच्चे को भोजन का महत्व और हेल्दी ईटिंग हैबिट सिखा सकते हैं.

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समर कैम्प

गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों को ऐसे समर कैम्प में भेजें, जहां बच्चों को 4-5 दिन के लिए घर और पैरेंट्स से दूर ले जाया जाता है. वहां बच्चों को किसी भी तरह के गैजेट्स ले जाने की इजाज़त नहीं होती. ऐसे कैम्प में बच्चों को ढेर सारी फिज़िकल एक्टिविटीज़ कराने के साथ ही बच्चों से उनके बेसिक काम ख़ुद करवाए जाते हैं. ऐसे कैम्प में बच्चे आत्मनिर्भर बनना सीखते हैं और गैजेट्स से भी दूर रहते हैं. बच्चों के सेल्फ मैनेजमेंट के लिए ऐसे समर कैम्प बहुत फ़ायदेमंद होते हैं. कैम्प में अपने परिवार से दूर रहकर जब बच्चे अपनी लाइफ को मैनेज करते हैं, तो इससे उनका आत्मविश्‍वास बढ़ता है और मानसिक विकास भी होता है.

– कमला बडोनी

अधिक पैरेंटिंग टिप्स के लिए यहां क्लिक करेंः Parenting Guide

Usha Gupta

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