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मुझे अब भी बहुत कुछ सीखना है- राहुल द्रविड़! (“I still have to learn a lot”: Rahul Dravid)

यदि नियमों में बदलाव किए जाएं और मुझे आंखों पर पट्टी बांधकर क्रिकेट खेलने की अनुमति मिल जाए, तो भी मैं इतना बेहतरीन क्रिकेट कभी नहीं खेल पाऊंगा, जितना ये तमाम क्रिकेटर्स खेलते हैं... ये बात कही भारतीय क्रिकेट की दीवार कहे जानेवाले राहुल द्रविड़ ने. आख़िर क्यों कहा उन्होंने ऐसा, आइए जानें-

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  • दरअसल भारत की मेज़बानी में अगले वर्ष होनेवाले नेत्रहीन टी20 वर्ल्ड कप के लिए के लिए भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट संघ यानी सीएबीआई ने राहुल द्रविड़ को अपना ब्रांड एंबेसेडर बनाया है.
  • इस अवसर पर राहुल ने अपने मन की बात कही, “मैं नेत्रहीन क्रिकेट खेलने के लिए सक्षम ही नहीं हूं. उनकी क्षमताएं असाधारण हैं.”
  • गौरतलब है कि यह टूर्नामेंट 28 जनवरी से 12 फरवरी तक चलेगा. टूर्नामेंट का उद्घाटन समारोह नई दिल्ली में और ग्रांड फिनाले बैंगलुरू में होगा.
  • इसमें 10 देश हिस्सा ले रहे हैं- इंडिया, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, न्यूज़ीलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, साउथ अफ्रीका, वेस्ट इंडीज़, इंग्लैंड और पाकिस्तान.
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  • राहुल द्रविड़ ने ब्लाइंड क्रिकेट के भविष्य पर बात करते हुए कहा कि कुछ समय पहले तक जागरूकता, सुविधाओं व संभावनाओं की कमी के चलते यह अधिक पॉप्युलर नहीं था, लेकिन पिछले 4-5 सालों में इसका काफ़ी विस्तार हुआ है और अब यह सही दिशा में आगे बढ़ रहा है.
  • मैं उन लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जो इस पर काम कर रहे हैं और इसे आगे बढ़ाने की दिशा में मेहनत कर रहे हैं. ख़ासतौर से सीएबीआई के अध्यक्ष जीके महंतेश से मुझे काफ़ी कुछ सीखना है, क्योंकि उनकी उपलब्धियां मेरी उपलब्धियों से बड़ी हैं. मैं स़िर्फ जागरूकता पैदा कर सकता हूं, जबकि उन्होंने ब्लाइंड क्रिकेट का काफ़ी विकास किया है.

- गीता शर्मा

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