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आर्ट ऑफ ईटिंग राइट: सही खाना और कैलोरीज़ गिनना एक-दूसरे के विपरीत है- रुजुता दिवेकर (Indian Food Wisdom And The Art Of Eating Right By Rujuta Diwekar)

Rujuta Diwekar
आर्ट ऑफ ईटिंग राइट: सही खाना और कैलोरीज़ गिनना एक-दूसरे के विपरीत है- रुजुता दिवेकर (Indian Food Wisdom And The Art Of Eating Right By Rujuta Diwekar)
वेटलॉस को लेकर बहुत-से मिथ्स हैं. जब तक इन्हें दूर कहीं करेंगे, ग़लतियों करते रहेंगे. इस विषय पर जानीमानी स्पोर्ट्स साइंस और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट रुजुता दिवेकर ने बहुत कुछ बताया और लोगों को सही मार्गदर्शन दिया है. रुजुता दिवेकर न स़िर्फ भारत बल्कि विश्‍व के सबसे अधिक फॉलो किए जानेवाले न्यूट्रिशनिस्ट्स में से एक हैं. वो बेस्ट सेलिंग ऑथर भी हैं और हेल्थ व वेलनेस पर बेहतरीन स्पीकर भी. यही वजह है कि उन्हें एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएनटेरोलॉजी द्वारा न्यूट्रिशन अवॉर्ड से भी नवाज़ा जा चुका है. जी हां, हम अक्सर डायटिंग और वेटलॉस का मतलब यही समझते हैं कि कैलोरीज़ गिन-गिनकर खाओ और कम खाओ. बहुत-सी चीज़ें न खाओ, जबकि यह सोच ही ग़लत है. सही खाना और सही एक्सरसाइज़ ही आपको सही रिज़ल्ट दे सकते हैं. यही नहीं हर किसी की ज़रूरत व शरीर अलग होता है. अगर कोई डायबिटीज़ या हार्ट पेशेंट है तो उसका खान-पान अलग होगा. क्या है सही खाना और सही डायट प्लान? - लोकल फूड खाएं. आप जहां रहते हैं, वहां के वातावरण व लाइफस्टाइल के हिसाब से खाना आपको अधिक सूट करता है. भारत में रहकर यदि आप विदेशी फल व सब्ज़ियां खाएंगे, तो आपको उतना लाभ नहीं मिलेगा, जितना भारतीय फल व सब्ज़ियां खाने से मिलेगा. - मौसमी चीज़ें खाएं. मौसमी फल व सब्ज़ियां खाने से हिचकें नहीं. - अपने हाथों से बनाकर हेल्दी खाना खाएं. - अपनी ज़रूरतों व आसपास के वातावरण के अनुसार अपना डायट प्लान बनाएं. - हर किसी का शरीर अलग होता है, क्योंकि उनके रहन-सहन का तरीक़ा, उनका स्ट्रेस लेवल, उनकी ईटिंग हैबिट्स, डायट पैटर्न आदि भी अलग होता है. - ऐसे में उनके सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सही डायट प्लान और एक्सरसाइज़ प्लान सिलेक्ट करना ज़रूरी है. - आपको एक्सपर्ट बता पाएंगे कि आपके लिए क्या सही है. - बिना सोचे-समझे खाना कम कर देने से फ़ायदे की जगह नुक़सान हो सकता है. हो सकता है सही पोषण न मिलने पर कमज़ोरी आ जाए. बेतहर होगा पूरी सजगता व सही जानकारी के आधार पर ही डायट व एक्सरसाइज़ करें. यह भी पढ़ें: Personal Problems: बेटी को यूरिन पास करते समय बहुत तकलीफ़ होती है (Child Pain When Urinating) कैलोरीज़ नहीं, प्राण गिनें... जहां एक तरफ़ वेस्टर्न कल्चर ने हमें कैलोरीज़ गिनना सिखाया है, वहीं हमारी सांस्कृतिक धरोहर ने हमें प्राणों यानी प्राणिक वैल्यू का महत्व बताया है. पेड़, पौधों और फसलों को प्राण कहां से मिलता है- हवा, पानी, सूर्य और मिट्टी में जो पोषक तत्व हैं उससे. जब उन्हें यह सही मात्रा में नहीं मिलेगा, तो ज़ाहिर है वो बीमार होंगे. ठीक इसी तरह हमें भी यदि ज़रूरी तत्व सही मात्रा में नहीं मिलेंगे, तो हम भी बीमार होंगे. प्राण क्या है? वो जीने का तत्व यानी जीने की ऊर्जा है. लेकिन यह ऊर्जा पश्‍चिम के शब्द एनर्जी से बिल्कुल अलग है. उनके लिए एनर्जी कैलोरीज़ होती हैं, जिन्हें गिनना ज़रूरी है, जबकि प्राण वो जीवनी शक्ति है, जो आपको संतुलित ऊर्जावान, ताज़ा व हल्का महसूस कराती है. इस वीडियो से आप इसे बेहतर तरी़के से समझ सकते हैं और हेल्दी लाइफ की ओर बढ़ सकते हैं. https://www.youtube.com/watch?time_continue=96&v=Y_iqyybAFG4&feature=emb_logo सौजन्य: https://www.rujutadiwekar.com यह भी पढ़ें: वेट लॉस टिप ऑफ द डे: वज़न कम करने के लिए ऐसे करें शहद का इस्तेमाल (Weight Loss Tip Of The Day: How To Use Honey For Weight Loss)

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