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जन्माष्टमी स्पेशल: कृष्ण भजन (Janmashtmi Special: Krishna Bhajan)

  जन्माष्टमी स्पेशल: कृष्ण भजन जन्माष्टमी स्पेशल: कृष्ण भजन (Janmashtmi Special: Krishna Bhajan) हे आनंद उमंग भयो जय हो नन्द लाल की
नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल कीहे ब्रज में आनंद भयो  जय यशोदा लाल की नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल कीहे आनंद उमंग भयो जय हो नन्द लाल की गोकुल में आनंद भयो जय कन्हैया लाल कीजय यशोदा लाल की जय हो नन्द लाल की हाथी, घोड़ा, पालकी जय कन्हैया लाल कीजय हो नन्द लाल की जय यशोदा लाल की हाथी, घोड़ा, पालकी जय कन्हैया लाल की हे आनंद उमंग भयो जय कन्हैया लाल की हे कोटि ब्रह्माण्ड के अधिपति लाल की हाथी, घोड़ा, पालकी जय कन्हैया लाल की हे गौऐं चराने आये जय हो पशुपाल की नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की आनंद से बोलो सब जय हो ब्रज लाल की हाथी, घोड़ा, पालकी जय कन्हैया लाल की जय हो ब्रज लाल की पावन प्रतिपाल की हे नन्द के आनंद भयो जय हो नन्द लाल की यह भी पढ़ें: धार्मिक कार्यों में शंख बजाने की परंपरा क्यों है? यह भी पढ़ें: लक्ष्मी जी की आरती 
तेरे लाला ने माटी खाई जसोदा सुन माई
तेरे लाला ने माटी खाई जसोदा सुन माई। अद्भुत खेल सखन संग खेलो, छोटो सो माटी को ढेलो, तुरत श्याम ने मुख में मेलो, याने गटक गटक गटकाई॥ दूध दही को कबहुँ न नाटी, क्यों लाला तेने खाई माटी,जसोदा समझावे ले सांटी, याने नेक दया नही आई॥ मुख के माँही आंगुली मेली, निकल पडी माटी की ढेली।भीर भई सखियन की भेली, याने देखे लोग लुगाई॥ मोहन को मुखडो खुलवायो, तीन लोक वामे दरसायो । तब विश्वास यसोदाहिं आयो, यो तो पूरण ब्रह्म कन्हाई॥ ऐसो रस नाहि माखन में, मेवा मिसरी नही दाखन में । जो रस ब्रज रज के चाखन में, याने मुक्ति की मुक्ति कराई॥ या रज को सुर नर मुनि तरसे, बडभागी जन नित उठ परसें । जाकी लगन लगी रहे हरि से, यह तो घासीराम कथ गई॥ यह भी पढ़ें: मैं शिव हूँ। मैं शिव हूँ। मैं शिव हूँ।
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