Health & Fitness

अब आप भूल जाएंगे भूलना (Memory Problems at a Young Age)

अल्ज़ाइमर (Alzheimer) आमतौर पर बुज़ुर्गों को होने वाली बीमारी (Disease) मानी जाती है, जिसमें याद्दाश्त (Memory) कमज़ोर हो जाती है. इसे भूलने की बीमारी भी कह सकते हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि वृद्धावस्था में होनेवाली यह बीमारी अब युवाओं में भी देखी जा रही है. आख़िर युवाओं में क्यों बढ़ रही है भूलने की बीमारी?

एक्सपर्ट्स के अनुसार, युवाओं में याद्दाश्त कमज़ोर होने या अल्ज़ाइमर के संकेत दिखाई देने का मुख्य कारण तनाव और बढ़ते काम का बोझ है. आजकल युवाओं पर काम का इतना प्रेशर रहता है, जिसके कारण वो स्ट्रेस और डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं. ऐसे में काम के बोझ और तनाव के चलते वे चीज़ें भूलने लगते हैं. यही वजह है कि आजकल युवाओं में कम उम्र में ही अल्ज़ाइमर के संकेत देखने को मिल रहे हैं. तनाव के कारण ही आजकल युवाओं में अल्ज़ाइमर, हाई ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन, डायबिटीज आदि बीमारियां देखने को मिल रही हैं.

अल्ज़ाइमर क्या है?
अल्ज़ाइमर एक भूलने का रोग है. इस बीमारी के लक्षणों में याद्दाश्त कमज़ोर हो जाना, चीज़ें भूल जाना (यहां तक कि अपना नाम, घर का पता, परिवार के लोगों को भूल जाना), निर्णय न ले पाना, बोलने में दिक्कत आदि समस्याएं शामिल हैं. इसके अलावा ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़, तनाव या सिर में चोट लग जाने से भी इस बीमारी के होने की संभावना बढ़ जाती है. अल्ज़ाइमर अमूमन 60 साल की उम्र के आसपास शुरू होने वाली बीमारी है, लेकिन आजकल यह बीमारी युवाओं में भी देखने को मिल रही है. अल्ज़ाइमर का फिलहाल कोई स्थायी इलाज नहीं है इसलिए इससे बचाव बेहद ज़रूरी है. हां, अल्ज़ाइमर के लक्षणों को यदि शुरुआती दौर में ही पहचान लिया जाए, तो नियमित जांच और इलाज से इस पर काबू पाया जा सकता है.

अल्ज़ाइमर के लक्षण
अचानक मूड बदल जाना, बिना वजह ग़ुस्सा करना, बेवजह घंटों तक एक ही काम में व्यस्त रहना आदि अल्ज़ाइमर रोग के लक्षण हैं. अल्ज़ाइमर यानी भूलने की बीमारी होने पर पीड़ित व्यक्ति को बोलने, लिखने, हिसाब करने, रास्ते याद रखने में, खाना पकाने में, निर्णय लेने आदि में कठिनाई होने लगती है. ऐसे लोग चीज़ें रखकर भूल जाते हैं, अपने घर का पता तक भूल जाते हैं, कोई भी निर्णय नहीं ले पाते.

युवाओं में अल्ज़ाइमर होने के कारणयुवाओं में अल्ज़ाइमर होने के कारणयुवाओं में अल्ज़ाइमर होना अच्छा संकेत नहीं है, लेकिन भागदौड़ भरी ज़िंदगी में आजकल युवा भी अल्ज़ाइमर के शिकार हो रहे हैं. युवाओं में अल्ज़ाइमर होने के निम्न कारण हैं:

  1. अल्ज़ाइमर रोग होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन हाई ब्लड प्रेशर  डायबिटीज़ होना और लाइफस्टाइल खराब होना भी इसकी एक बड़ी वजह है. 
  2.   काम के प्रेशर और तनाव के कारण आजकल कम उम्र में ही युवाओं में अल्ज़ाइमर के संकेत देखने को मिल रहे हैं. इससे बचने के लिए काम के प्रेशर और तनाव से दूर रहने की कोशिश करना बहुत ज़रूरी है.
  3.   श्र कुछ मामलों में युवाओं में अल्ज़ाइमर होने का कारण आनुवांशिक भी होता है.
  4. एक साथ बहुत सारे काम करने से भी अल्ज़ाइमर यानी भूलने की बीमारी की शिकायत हो सकती है. कई युवा एक साथ बहुत सारे काम करते हैं, जिसके कारण उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती. दिमाग़ को आराम देने के लिए पर्याप्त नींद लेना बहुत ज़रूरी है.
  5. किसी दुर्घटना के दौरान सिर में चोट लगने से भी भूलने का रोग हो जाता है.
    ये भी पढ़ेंः किस हेल्थ प्रॉब्लम में क्या खाएं, क्या न खाएं? (Health Problems Associated With Foods)अल्ज़ाइमर से बचने अल्ज़ाइमर से बचने के उपाय

    लाइफ स्टाइल में बदलाव करके अल्ज़ाइमर से बचा जा सकता है. यदि आपकी याद्दाश्त भी कमज़ोर होने लगी है, तो आप भी ये उपाय ज़रूर ट्राई करें:
    1. रोज़ाना योग और एक्सरसाइज़ करके अल्ज़ाइमर रोग के प्रभाव को कम किया जा सकता है. दिमाग़ तेज़ करने, याद्दाश्त तथा एकाग्रता बढ़ाने के लिए सर्वांगासन, भुजंगासन, कपालभाति आदि योग किए जा सकते हैं.
    2. नियमित रूप से मेडिटेशन करके भूलने की समस्या को काफ़ी हद कम किया जा सकता है.
    3. एक रिसर्च के मुताबिक, जो लोग बढ़ती उम्र में अपना काम खुद करते हैं, उन्हें अल्ज़ाइमर रोग होने का ख़तरा कम होता है. अपने काम ख़ुद करने से दिमाग़ सक्रिय रहता है और स्मरणशक्ति तेज़ होती है.
    4. भोजन में फल, सब्ज़ियां, साबूत अनाज आदि की मात्रा बढ़ाकर अल्ज़ाइमर से बचा जा सकता है. इनके सेवन से न स़िर्फ दिल संबंधी ख़तरे कम होते हैं, बल्कि डिमेंशिया के ख़तरे को कम करने में भी मदद मिल सकती है.
    5. तनाव से दूर रहकर, संतुलित भोजन करके और पर्याप्त नींद लेकर भी अल्ज़ाइमर से बचा जा सकता है.
    ये भी पढ़ेंः  कहीं आप ईटिंग डिसऑर्डर के शिकार तो नहीं?(Are You Suffering From Eating Disorder?)याद्दाश्त कमजोर होने पर क्या खाएं?
    ऐसे कई सुपरफूड हैं जो याद्दाश्त तेज़ करने में सहायक हैं. यदि आपकी याद्दाश्त कमज़ोर हो रही है, तो आप भी ये सुपरफूड ज़रूर खाएं.
    1.  बादाम और ड्राईफ्रूट्स दिमाग़ तेज़ करने और याद्दाश्त बढ़ाने के लिए बहुत सहायक हैं. इसलिए अपने डेली डायट में इसे ज़रूर शामिल करें.
    2. दिमाग़ को सक्रिय बनाए रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर स्ट्रॉबेरी और ब्लूबेरी खाएं. विटामिन ई से भरपूर स्ट्रॉबेरी और ब्लूबेरी खाने से न स़िर्फ तनाव कम होता है, बल्कि मानसिक समस्याओं से भी निजात मिलती है.
    3.  ब्रोकोली का सेवन करने से दिमाग़ तेज़ होता है. ब्रोकोली में मैग्नीशियम, कैल्शियम, ज़िंक  और फास्फोरस प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिससे दिमाग़ तेज़ होता है और हड्डियां भी मज़बूत होती हैं.
    4. अल्ज़ाइमर के दौरान दिमाग़ में बढ़ने वाले जहरीले बीटा-एमिलॉयड नामक प्रोटीन के प्रभाव को ग्रीन टी के सेवन से कम किया जा सकता है.
    5. हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, बींस, साबूत अनाज, मछली, जैतून का तेल आदि अल्ज़ाइमर  रोग से लड़ने में मदद करते हैं.

 

Shilpi Sharma

Recent Posts

मराठीतील विक्रमी चित्रपट ‘माहेरची साडी’चे निर्माते विजय कोंडके यांचा ३४ वर्षानंतर नवा चित्रपट ‘लेक असावी तर अशी’ (‘Lek Asavi Tar Ashi’ Is New Film Of Producer- Director Vijay Kondke : His Comeback After 34 Years Of Blockbuster Film ‘Maherchi Sadi’)

मोठमोठ्या कलाकारांना एकत्र घेऊन चांगल्या दर्जाचा सिनेमा बनवणं हे निर्माता दिग्दर्शकांसाठी मोठं आव्हान असतं. काही…

April 18, 2024

‘मन धागा धागा जोडते नवा’ मालिकेत स्मिता तांबेची वकिलाच्या भूमिकेत एन्ट्री (Actress Smita Tambe Enters As A Lawyer In “Man Dhaga Dhaga Jodte Nava” Serial)

स्टार प्रवाहवरील ‘मन धागा धागा जोडते नवा’ मालिकेत सार्थक-आनंदीचं नातं अतिशय नाजूक वळणावर आहे. काही…

April 18, 2024

वळवाचा पाऊस (Short Story: Valvacha Pause)

निशा नंदन वर्तक हा अचानक आलेला वळवाचा पाऊस !! अवंतिकेचा उदासपणा कुठच्या कुठे पळून गेला..…

April 18, 2024

आई कुठे काय करते फेम मिलिंद गवळींनी शेअर केल्या लक्ष्या मामा, रमेश भाटकर अन् विजय चव्हाण यांच्या आठवणी ( Aai kuthe Kay Karte Fame Milind Gawli Share Lkshmikant Berde, Ramesh Bhatkar And Vijay Chavan Memories)

लक्ष्मीकांत बेर्डे, विजय चव्हाण, रमेश भाटकरमराठी चित्रपट व नाट्य सृष्टीतले दिग्गज असे कलाकार, ज्यांच्याबरोबर मला…

April 18, 2024
© Merisaheli