आज प्रतिशोध, डर, प्यार-रोमांस, उलझते रिश्ते, खेल इन तमाम विषयों से जुड़ी कई फिल्में रिलीज़ हुईं. जहां दर्शक इंसानी फ़ितरत, एहसास के समंदर, भूत की दहशत, जात-पात के मकड़जाल इन तमाम स्थितियों से रू-ब-रू होते हैं. रिलीज़ फिल्मों की इस फेहरिस्त में है- लाल कप्तान, घोस्ट, प से प्यार फ से फरार, याराम, जंक्शन वाराणसी और क्रिकेट.
लाल कप्तान- सैफ अली ख़ान अभिनीत इस फिल्म के पोस्टर, ट्रेलर को लोगों ने ख़ूब पसंद किया था और उन्हें सैफ के जटाधारी अघोरी के अवतार को देखते हुए इसका बेसब्री से इंतज़ार भी था. 17-18 वीं शताब्दी के समय की कहानी है. अंग्रेज़ों का राज, मराठे, नवाब, रुहेलखंडी, निजाम की आपसी लड़ाई व रंजिश के ताने-बाने के साथ प्रतिशोध, रहस्य-रोमांच से भरपूर है लाल कप्तान. यदि आप पीरियड फिल्म देखना पसंद करते हैं और सैफ के फैन हैं, तो एक बार फिल्म ज़रूर देखें. निर्देशन नवदीप सिंह ने इसे हॉलीवुड फिल्मों के अंदाज़ में बनाने की कोशिश की है, जिसमें वे सफल भी रहे हैं. सैफ तो प्रभावित करते ही हैं, साथ ही सोनाक्षी सिन्हा, मानव विज, दीपक डोबरियाल, ज़ोया हुसैन, सिमोन सिंह ने भी अपने क़िरदार के साथ न्याय किया है.
घोस्ट- विक्रम भट्ट तो हॉरर मूवी स्पेशलिस्ट बन गए हैं. राज़, 1920 जैसी बेहतरीन डरावनी फिल्में उन्होंने बनाई है और अब घोस्ट लेकर आए हैं. वासु भगनानी की भूत की यह फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है, जो लोगों को डराती है, तो रोमांचित भी करती है. पति पर अपनी पत्नी के क़त्ल का इल्ज़ाम है, जबकि उसका कहना है कि वो उसने नहीं किया, बल्कि भूत द्वारा उससे करवाया गया है. शिवम भार्गव व शनाया ईरानी ने अपनी पहली ही फिल्म में प्रभावशाली अभिनय किया है.
प से प्यार फ से फरार- यह फिल्म प्यार को लेकर जाति की दीवार पर कटाक्ष करती है. आए दिन इस पर खाप पंचायत का फरमान में देखने-सुनने मिलता है. जहां ऊंची जाति की लड़की व छोटी जाति के लड़के का प्रेम जाति-बिरादरी को पसंद नहीं आता. इसे लेकर हिंसा, ख़ून-ख़राब आम-सी बात हो गई लगती है. इसमें सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार किया गया है. मनोज तिवारी के निर्देशन में जिमी शेरगिल, कुमुद मिश्रा, भावेश कुमार, संजय मिश्रा, ज्योति सिंह, बृजेंद्र काला, गिरीश कुलकर्णी ने ठीकठाक काम किया है.
यारम- ट्रिपल तलाक़, दोस्ती, दोस्त की पत्नी से लगाव, फिर हर रिश्ते में उलझन से घिरी है फिल्म यारम. प्रतीक बब्बर, इशिता राज, सिद्धांत कपूर, अनीता राज, दिलीप ताहिल, शुभा राजपूत सभी के अभिनय को देख ऐसा लगता है, जैसे सभी को फिल्म को जैसे-तैसे पूरी करनी की जल्दी थी. उस पर निर्देशक ओवैस ख़ान ने गंभीर विषय को हास्यस्पद बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी.
इसी के साथ जंक्शन वाराणसी व क्रिकेट फिल्म भी प्रदर्शित हुईं. एक में भोजपुरी क्रिकेट व भुखमरी से लड़ते संघर्ष को दिखाया गया है, तो धीरज पंडित निर्देशित जंक्शन वाराणसी, जिसकी शूटिंग उत्तर प्रदेश के भदोही के पिपरी गांव में हुई है, अपना आंशिक प्रभाव ही छोड़ पाती है. देव शर्मा, जरीना वहाब, अंजन श्रीवास्तव, अंजलि अबरोल ने अपनी भूमिकाओं के साथ खानापूर्ति की है.
व्यूवर्स अलर्ट: आज रिलीज़ हुई इन सभी फिल्मों में से लाल कप्तान, घोस्ट और कुछ हद तक प से प्यार फ से फरार ही आपका मनोरंजन कर सकते हैं. अन्य बस समय बिताने के लिए कुछ न होने की स्थिति में देखा जा सकता है.
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