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Movie Review: मणिकर्णिका, भव्य ऐतिहासिक फिल्म (Movie Review Of Manikarnika)

स्टार कास्ट: कंगना रनौत, अतुल कुलकर्णी, अंकिता लोखंडे, डैनी डेंगजोंग्पा, जिस्सू सेनगुप्ता अन्य

 निर्देशक: राधा कृष्ण, जगरलामुडी, कंगना रनौत

 निर्माता : कमल जैन और निशांत पिट्टी

कहानी
मणिकर्णिका एक पीरियड ड्रामा है. बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन के वॉइस ओवर के साथ फिल्म की कहानी की शुरुआत होती है.  फिल्म की कहानी मणिकर्णिका (कंगना रनौत) के जन्म से शुरू होती है. कंगना बचपन से शस्त्र चलाने में बेहद ही निपुण हैं. उनकी इसी योग्यता को देखकर झांसी के राजा गंगाधर राव (जिस्सू सेनगुप्ता) का रिश्ता आता है और उनकी शादी हो जाती है. शादी के बाद उनका नाम ‘लक्ष्मीबाई’ हो जाता है. सबकुछ ठीक चलता है. रानी लक्ष्मीबाई झांसी को उसका उत्तराधिकारी देती है, जिसका नाम होता है ‘दामोदर दास राव’. लेकिन मात्र 4 महीने की उम्र में उनका निधन हो जाता है. इसके बाद गंभीर बीमारी से उनके पति का भी निधन हो जाता है. बच्चे और पति के निधन होने की वजह से अंग्रेज झांसी को हड़पने की कोशिश करते हैं. अपने राज्य को बचाने के लिए रानी लक्ष्मीबाई झांसी के गद्दी पर बैठती हैं और ऐलान करती हैं कि झांसी किसी को नहीं देंगी. इसके बाद रानी लक्ष्मीबाई कैसे युद्ध लड़कर दुश्मन को खदेड़ती हैं और कैसे अपनी मातृभूमि के लिए शहीद होती हैं, इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी.

अभिनय
परफॉर्मेंस की बात करें तो रानी लक्ष्मीबाई के किरदार में कंगना रनौत ने बेहतरीन काम किया है. रानी लक्ष्मीबाई के किरदार को उन्होंने बखूबी निभाया है. झलकारी बाई का किरदार निभाने वाली अंकिता लोखंडे ने भी अच्छा अभिनय किया और इस पहली फिल्म में उनकी प्रबल मौजदूगी दर्ज करवाई है. पेशवा बने सुरेश ओबेरॉय, राजगुरु के किरदार में कुलभूषण खरबंदा, गौस बाबा के किरदार में डैनी डेंगजोंग्पा, सदाशिव की भूमिका मेंमोहम्मद जीशान अयूब और जिस्सू सेनगुप्ता ने शानदार अभिनय से हमेशा की तरह प्रभावित किया है.

निर्देशन
निर्देशन की बात करें, तो सभी जानते है कि इसकी जिम्मेदारी राधा कृष्ण, जगरलामुदी के अलावा मुख्य रूप से कंगना ने निभाई है और इसमें कोई शक नहीं कि इस भार को बखूबी उठाया है. इंटरवल तक फिल्म धीमी गति से आगे बढ़ती है. अलग-अलग किरदारों को स्टैब्लिश करने की कोशिश में फिल्म खिंच जाती है, मगर सेकंड हाफ में जैसे ही स्वंत्रता संग्राम का बिगुल बजता है, फिल्म का ऐक्शन, टर्न ऐंड ट्विस्ट, रणभूमि की ज्वाला माहौल को रोमांचक बना देती है.

कुल मिलाकर मणिकर्णिका एक ऐतिहासिक फिल्म है जो रानी लक्ष्मीबाई की साहस, बलिदान और उनकी शौर्यगाथा को बखूबी बड़े परदे पर दर्शाती है. यह एक भव्य फिल्म है, जिसे एक बार जरूर देखा जा सकता है.

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Shilpi Sharma

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