युवाओं में तेज़ी से बढ़ रहे हैं विटामिन D की कमी के मामले, क्या आपको भी पर्याप्त सनलाइट नहीं मिलती? इन 4 तरीकों से विटामिन D की ज़रूरत को पूरा कर सकते हैं (Not Getting Enough Sunlight? Here Are 4 Tips To Up Your Vitamin D Intake)

विटामिन डी के कई लाभ हैं- हड्डियों, मांसपेशियों और दांतों को मज़बूती देने से लेकर इम्यूनिटी बढ़ाने तक में ये लाभकारीहै. सबसे अच्छी बात तो यह है कि हमारा शरीर धूप के द्वारा खुद ही विटामिन डी का निर्माण कर सकता है. लेकिनआजकल की लाइफ़स्टाइल और कम फ़िज़िकल एक्टिविटी के चलते हमें सूरज की रोशनी पर्याप्त रूप में नहीं मिल पाती.

इसके अलावा और भी कई तरह की रुकावटें आती हैं जिनमें से बढ़ती उम्र भी एक है, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ हीविटामिन डी का निर्माण कम होने लगता है. इसके अलावा वायु प्रदूषण जो कि भारत में बहुत ज़्यादा है वो भी हमारे औरसूरज की रोशनी के बीच रुकावट का काम करता है और फिर सर्दियों में तो वैसे ही विटामिन डी का स्तर कम हो जाता है.

इसीलिए भले ही भारत गर्म प्रदेशों में आता है लेकिन भारतीयों में विटामिन डी की कमी काफ़ी पाई जाती है.

डॉक्टर संजीव गोयल द्वारा की गई एक स्टडी में पाया गया कि 76% भारतीय आबादी में विटामिन डी की कमी है, जिनमेंसे 18-30 वर्ष के लोग सबसे अधिक प्रभावित हैं, लगभग 82.5%.

इस शोध पर एबॉट के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर श्रीरूपा दास ने कहा है कि शोध से ये बात साफ़ हो जाती है कि सिर्फ़उम्रदराज़ लोगों में ही नहीं, युवाओं में भी विटामिन डी की कमी सोचनीय है. ये एक तरह से लोगों की सेहत के साथ जोखिमवाली बात है. विटामिन डी की कमी हृदय संबंधी रोग, डायबिटीज़, उच्च रक्तचाप, ऑस्टीओपरोसिस व अन्य हड्डियों से जुड़े रोगों को जन्म दे सकती है. 

ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि विटामिन डी के महत्व के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाई जाए ताकि हर कोई इसमहत्वपूर्ण पोषक तत्व को प्राप्त करने की दिशा में क़दम उठा सके और स्वस्थ रह सके.

यहां कुछ बेहद आसान टिप्स हैं जिन पर आप फ़ौरन अमल करके विटामिन डी का स्तर बढ़ाने की दिशा में क़दम उठासकते हैं.

1. सूर्य के प्रकाश में अधिक समय बिताएं 

सबसे पहला समाधान यही है कि सूरज की रोशनी में अधिक देर तक रहें लेकिन ये भी ज़रूरी है कि आप सही समय परधूप लें जिससे सबसे अधिक लाभ मिले. दोपहर के समय 35-40 मिनट की सीधी धूप सबसे बेहतर होगी. आप अपनी छतया बाल्कनी का उपयोग कर सकते हैं, वो भी अपना लैपटॉप लेकर आप वहां काम भी जारी रख सकते हैं जिससे माहौल मेंभी बदलाव महसूस होगा… या आप ख़ाली समय में वहां कोई बुक पढ़ सकते हैं और इस तरह से आसानी से अपनी सेहतकी ज़रूरतों का भी ख़्याल रख सकते हैं.

2. बाहरी गतिविधियों को तवज्जो दें 

आजकल की लाइफ़स्टाइल ने शारीरिक गतिविधियों को कम कर दिया है और इसी वजह से विटामिन डी का स्तर कम होरहा है और मोटापा भी बढ़ रहा है. नियमित रूप से वॉक, साइकल, योगा या अन्य कसरत करने से ना सिर्फ़ धूप के संपर्कमें अधिक रहेंगे बल्कि बनाने भी नियंत्रण में रहेगा और सेहत भी बनी रहेगी.

हालाँकि आज जब लोग घर से काम कर रहे हैं और कम्प्यूटर व ऑनलाइन ही सारी मीटिंग्स होती हैं तो बाहर जाना इतनाआसान भी नहीं, इसलिए यहां कुछ विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ हम दे रहे हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं.

3. अपनी ग्रोसरी शॉपिंग लिस्ट में इन पदार्थों को शामिल करें 

विटामिन डी के बेहतरीन स्रोत हैं ये- सालमन, टूना और सर्ड़िन जैसी मछलियां, कॉड लिवर ऑइल और झींगा. ये तमामपदार्थ ओमेगा-3 फैटी एसिड से भी भरपूर हैं. शाकाहारी लोगों को भी परेशान होने की ज़रूरत नहीं, क्योंकि मशरूम औरचीज़ भी विटामिन डी से भरपूर होते हैं.

4. अपने डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें ताकि आप सही दिशा की ओर बढ़ सकें 

अगर आपकी लाइफ़स्टाइल आपको नियमित रूप से धूप के अधिक संपर्क में रहने या फिर डायट को सही दिशा में बदलनेकी इजाज़त नहीं देती तो एक अन्य विकल्प ये है कि आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें जो आपको विटामिन डी सप्लीमेंट्सलेने की सलाह दे सकते हैं. डॉक्टर द्वारा बताया गया सप्लीमेंट किसी भी प्रकार की कमी को प्रभावी ढंग ठीक कर सकताहैं और भविष्य में भी विटामिन डी का सही व स्वस्थ स्तर बनाए रखने में मददगार साबित होगा.

युवाओं में भी विटामिन डी की कमी के तेज़ी से बढ़ते मामलों को देखते हुए ये ज़रूरी हो जाता है कि ना सिर्फ़ अपने लिएअभी से ही कदम उठाया जाए बल्कि दूसरों को भी लगातार जागरुक किया जाए कि उन्नके लिए भी आख़िर विटामिन डीक्यों ज़रूरी है और किन तरीक़ों से वो इस ज़रूरी विटामिन के स्तर को बनाए रख सकते हैं. इन टिप्स को अपने परिवारऔर दोस्तों के साथ भी शेयर करें  ताकि विटामिन डी की तेज़ी से फैलती कमी के प्रति लोगों को जागरुक के इसको रोकाजा सके.


– भोलू शर्मा

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