मेरी आवाज़ ही पहचान है… वाक़ई लता मंगेशकर की आवाज़ पूरे हिंदुस्तान की आवाज़ है. भारत रत्न लता दीदी भारत का वो चमकता सितारा हैं, जिसकी रोशनी पूरी दुनिया में फैली है. लता का 87वां जन्मदिन है, लेकिन इस बार वो अपना जन्मदिन नहीं मना रही हैं. लता मंगेशकर ने ट्वीट करके सबसे निवेदन किया है कि जो पैसे उनके फैन्स फूल, मिठाईयों और केक पर ख़र्च करते हैं, उन पैसों को उनके लिए ख़र्च करने की बजाय सीमा पर तैनात जवानों के लिए डोनेट करें.
लता के पिता शास्त्रीय संगीत के बहुत बड़े प्रशंसक थे, इसीलिए शायद वह लता दीदी के फिल्मों में गाने के ख़िलाफ़ थे. वर्ष 1942 में उनके पिता का देहांत हो गया. इसके बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और परिवार की ज़िम्मेदारी निभाने के लिए उन्होंने मराठी और हिंदी फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं निभानी शुरू कर दीं.
विवाह के बंधन में क्यों नहीं बंधी लता मंगेशकर?
बचपन में कुंदनलाल सहगल की एक फिल्म चंडीदास देखकर लता कहती थीं कि वह बड़ी होकर सहगल से शादी करेंगी, लेकिन उन्होंने शादी नहीं की. उनका कहना है कि घर के सभी सदस्यों की ज़िम्मेदारी उन पर थी, ऐसे में जब शादी का ख़्याल आता भी तो वह उस पर अमल नहीं कर सकती थीं.
इस बार लताजी ने अपने 87वें जन्मदिन पर प्रशंसकों से ख़ास गुजारिश की है, जो काबिले तारीफ़ है. मेरी सहेली की ओर से लता दीदी को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं.
On my birthday, remember and donate for soldiers: Lata Mangeshkar
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