ऑर्गन डोनेशन- अंगदान करके आप किसी का जीवन बचा सकते हैं, ऐसे करें अंगदान (Organ Donation: After Death You Can Give Someone New Life – Dr. Sunil M. Keswani)

अंग दान को महादान कहा गया है. अंगदान करके आप किसी की ज़िंदगी बचा सकते हैं. ऑर्गन डोनेशन आज हमारे देश की बहुत बड़ी जरूरत है. ऑर्गन डोनर के इंतज़ार में कई लोग ज़िंदगी की जंग हार जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि एक व्यक्ति को अंगदान करके आप आठ जानें बचा सकते हैं. हमारे देश में ज़्यादातर लोग अंगदान करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती. कैसे करें अंगदान, इसके बारे में बता रहे हैं डॉक्टर सुनील केसवानी

आपके इस दुनिया से जाने के बाद आप अपने करीबियों की यादों में ज़िंदा रहेंगे, लेकिन आप यदि किसी को अपना अंगदान करते हैं, तो आपके अंग उसके शरीर के अंदर ज़िंदा रहेंगे और आपको दुनिया में इससे पड़ा पुण्य नहीं मिल सकता. आपके जाने के बाद आपका दिल, आंखें, लंग्स, किडनी, पेनक्रियाज, लिवर, स्किन जैसे महत्वपूर्ण अंग किसी के काम आ जाते हैं और उसे नई ज़िंदगी दे सकते हैं, इसीलिए अंगदान को महादान कहा जाता है

क्या है अंगदान?

किसी दूसरे व्यक्ति को अपने अंग देना ही ऑर्गन डोनेशन है यानी अंगदान कहलाता है. मानव शरीर के कई ऐसे अंग हैं, जिनके निष्क्रिय हो जाने पर उन्हें बदला जा सकता है. इसके लिए किसी दूसरे स्वस्थ व्यक्ति से अंग लेकर उसे बीमार व्यक्ति में प्रत्यारोपित किया जाता है. प्रत्यारोपण के लिए अंगों का मिलना तभी संभव है, जब कोई अंग देने के लिए तैयार हो. आंखें और स्किन डोनेशन को छोड़कर बाकी अंगों के मामले में यह तभी मुमकिन है, जब डोनर के दिल की धड़कनें चलती रहें, भले ही उसके ब्रेन ने काम करना बंद कर दिया हो. 18 वर्ष के बाद कोई भी व्यक्ति ऑर्गन डोनेशन कर सकता है.  

अंगदान से जुड़ी जरूरी जानकारी के लिए देखें ये वीडियो:

ब्रेन डेड और सामान्य मौत में क्या अंतर है?

जब किसी व्यक्ति के शरीर के बाकी अंग काम कर रहे हों, लेकिन किसी वजह से उसके ब्रेन ने काम करना बंद कर दिया हो और उसके ब्रेन की फिर से काम करने की संभावना न हो, तो ऐसे व्यक्ति को ब्रेन डेड माना जाता है. ब्रेन ट्यूमर, सिर में गंभीर चोट लगना, लकवा आदि के कारण व्यक्ति ब्रेन डेड की स्थिति में पहुंच सकता है. ब्रेन डेड के मामले में व्यक्ति के अंगों का दान किया जा सकता है.

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कोई भी डोनेट कर सकता है आंखें और स्किन

मृत व्यक्ति की आंखें और स्किन छह घंटे के भीतर डोनेट किए जा सकते हैं. ख़ास बात ये है कि आंखें और स्किन डोनेशन के लिए किसी भी तरह के मैचिंग की ज़रूरत नहीं पड़ती इसलिए कोई भी व्यक्ति अपनी आंखें और स्किन किसी को भी डोनेट कर सकता  है. स्किन डोनेशन में सिर्फ पीठ और जांघ से स्किन की पतली लेयर निकाली जाती है, लेकिन आपकी इस पहल से कई लोगों की जान बच सकती है. एसिड से जलाई गई महिलाएं, दुर्घटना से जले बच्चे, फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर जैसे कई लोग आपकी स्किन से नया जीवन पा सकते हैं. दूसरों को नया जीवन देने के लिए आप भी स्किन डोनेशन जरूर करें. इसके लिए आपको व्यक्ति की मृत्यु के तुरंत बाद ऑर्गन डोनेशन सेंटर या नेशनल बर्न्स सेंटर में फोन करके उन्हें इसकी जानकारी देनी होगी, उनकी टीम आपके घर आकर आपका काम कर देगी.  

स्किन डोनेशन से जुड़ी जरूरी जानकारी के लिए देखें ये वीडियो:

अंगदान से जुड़ी जरूरी बातें

*  18 वर्ष के बाद कोई भी व्यक्ति ऑर्गन डोनेशन कर सकता है.

*हेपेटाईटिस बी और सी, एचआईवी पॉजिटिव, सिफलिस, रैबीज जैसी बीमारियों से पीड़ित लोग ऑर्गन डोनेट नहीं कर सकते.

* किडनी, आंखें, लंग्स, हार्ट, लिवर आदि अंगों का दान अधिक मात्रा में होता है.

* पैनक्रियाज़, छोटी आंत और त्वचा यानी स्किन का दान कम होता है.

* ज़्यादातर अंगदान व्यक्ति की मौत के बाद ही होता है, लेकिन ब्रेन डेड की स्थिति में भी अंगदान हो सकता है, क्योंकि ब्रेन डेड को भी मौत के बराबर ही माना जाता है. अगर कोई इंसान ब्रेन डेड है तो जितनी जल्दी हो उसके शरीर से अंगों को निकालने की कोशिश की जाती है. 

* ज़िंदा रहते हुए इंसान अपनी दो किडनी में से एक का दान कर सकता है. एक किडनी के साथ इंसान सामान्य ज़िंदगी जी सकता है, ऐसे में हेल्दी इंसान अपनी एक किडनी दान कर सकता है.  

* लिवर में से एक छोटा-सा हिस्सा भी दान किया जा सकता है.

* मरने के बाद होने वाले अंगदान में सबसे ज़्यादा आंखों का दान होता है. दरअसल, सामान्य मौत के मामले में भी आंखें लगभग छह घंटे तक खराब नहीं होती हैं.

* मरने के बाद स्किन डोनेशन भी आसानी से हो जाता है, लेकिन अधिकतर लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती. आंखों की तरह ही मरने के छह घंटे के भीतर स्किन डोनेशन किया जा सकता है. स्किन डोनेशन में सिर्फ पीठ और जांघ से स्किन की पतली लेयर निकाली जाती है और ये बहुत ही आसान प्रक्रिया है.

* बोन मैरो डोनेशन की जरूरत अमूमन ब्लड कैंसर के केस में होती है. इसके लिए हेल्दी व्यक्ति को सिर्फ 300 मिली ब्लड डोनेट करना होता है. अगर कोई चाहे तो नॉर्मल रक्तदान करते समय भी बोन मैरो डोनेशन के लिए सहमति दे सकता है.

* शरीर के अन्य अंगों का दान तभी कामयाब होता है, जब अंगदान करने वाला व्यक्ति ब्रेन डेड हो.

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अंगदान के लिए यहां संपर्क करें:

यदि आप भी अंगदान का पुण्य कमाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको बस नेशनल बर्न्स सेंटर के  022 27793333 नंबर पर फोन करना है. उनकी टीम आपको अंगदान की पूरी जानकारी देगी और इस नेक काम में आपकी मदद करेगी. दूसरों को नया जीवन देने के लिए आप भी अंगदान यानी ऑर्गन डोनेशन  जरूर करें.

– कमला बडोनी

Kamla Badoni

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