Others

पहला अफेयर: फासला प्यार का (Pahla Affair: Fasla Pyar Ka)

पहला अफेयर: फासला प्यार का (Pahla Affair: Fasla Pyar Ka)

पहला प्यार… ये शब्द सुनते ही 58 वर्ष की उम्र में भी एक अजीब-सा एहसास होता है. क्या पहला और क्या आख़िरी… प्यार तो प्यार ही होता है. कभी न भुलाया जा सकनेवाला एहसास. इतना ज़रूर है कि दायित्वों के ढेर तले सुप्त पड़ी चिंगारी की तरह धीरे-धीरे सुलगता रहता है. कभी-कभी हॉस्टल में रहनेवाली मेरी बिटिया द्वारा अपने किसी आत्मीय दोस्त का वर्णन करते सुन पति सशंकित से हो उठते हैं. पर मैं सोचती हूं, उसको ज़रूर उसका प्यार नसीब हो.

22 वर्ष की ताज़गीभरी उम्र जब सब कुछ मोहित करता है, उस समय अगर वास्तव में कोई आकर्षक और समझदार शख़्स मिल जाए, तो ज़िंदगी गुनगुनाने लगती है. ऐसा ही था ‘अभि’ के साथ मेरा साथ. नाम तो उसका ‘अभिनव’ था, पर मेरे लिए स़िर्फ अभि.

हमारी पांच की मित्र-मंडली में चार लड़के और मैं अकेली लड़की. कभी एहसास ही नहीं था कि लड़की और लड़कों में कुछ फ़र्क़ है. निश्छल दोस्ती थी हमारी. उस समय मैथ्स लेकर ग्रैजुएशन करनेवाली लड़कियों की संख्या न के बराबर होती थी. इसलिए भी मेरी मित्र-मंडली में लड़के ही थे सब.

साधारण, सांवला-सा रंग, दुबला-पतला शरीर… जाने क्या था मुझमें जो अभि को आकर्षित करता था. उसने कुछ कहा नहीं, मैंने कुछ सुना नहीं. व़क्त ने कभी मौक़ा ही नहीं दिया. मुलाक़ात स़िर्फ कॉलेज की लाइब्रेरी में होती थी. बातें वही साधारण-सी हालचाल पूछना घर-परिवार का. हर बार आते समय मैं उसे बताना न भूलती कि अगली बार कब आऊंगी. हर बार वह कोई क़िताब खोजता हुआ लाइब्रेरी में ही मिल जाता था. फेयरवेल में उसका गाया गीत- जीवन से भरी तेरी आंखें… वह लगातार मुझे देख रहा था.

यह भी पढ़ें: पहला अफेयर: हरसिंगार के फूल 

यह भी पढ़ें: पहला अफेयर: यादों का झोंका

धीरे-धीरे समय बीतता गया. हमने कॉलेज पूरा कर लिया. उसकी नौकरी विदेश में लगी और मेरी भारत में. हर बार वो आकर मिलता ज़रूर था, कुछ न कुछ उपहार भी लाता था. एक बार अचानक आया, तो बताया कि उसकी शादी तय हो गई. मुझे अच्छा भी नहीं लगा और बुरा भला किस बात का लगता… किस भरोसे उससे या भगवान से शिकायत करती मैं? आख़िर क्या था हमारे बीच, जो हम हमेशा मिलने की कोशिश करते थे?

शायद ‘प्यार’ ही था… पर कहने की हिम्मत न मुझमें थी, न उसमें. अभी भी आंखों में बसा है उसका आकर्षक व्यक्तित्व. न जाने क्यों जाते व़क्त वह एक फोटो दे गया था अपनी.

मेरे पास अब भी सुरक्षित है तस्वीर भी और उसकी यादें भी. मेरे बालों में अब स़फेदी झांकने लगी है. उस समय स्ट्रेट-सिल्की बाल मेरी ख़ूबी थे, आज भी उसी स्टाइल में रखा है, जिससे वह कभी मिले, तो आसानी से पहचान ले मुझे. बेहद चाहनेवाले धीर-गंभीर पति, होनहार बच्चे व कामयाब ज़िंदगी… सब कुछ होते हुए भी कहीं कोई कसक-सी होती है. तुमसे आया न गया… हमसे बुलाया न गया… फासला प्यार का… मिटाया न गया.

– अलका

पहले प्यार के मीठे एहसास से भीगे ऐसे ही अफेयर्स के लिए यहां क्लिक करें: Pahla Affair
Geeta Sharma

Share
Published by
Geeta Sharma

Recent Posts

प्रेरक कथा- राजा की बीमारी (Short Story- Raja Ki Bimari)

साधु ने कहा कि वह जंगल में ही रहना चाहते हैं, वह किसी राजा का…

March 28, 2024

जोडीनं घ्या आनंद (Enjoy Together)

जोडीदारापेक्षा चांगला फिटनेस पार्टनर कोण होऊ शकतो? या प्रकारे दोघांनाही फिटनेस राखता येईल, शिवाय सध्याच्या…

March 28, 2024

जोडीनं घ्या आनंद

जोडीनं घ्या आनंदजोडीदारापेक्षा चांगला फिटनेस पार्टनर कोण होऊ शकतो? या प्रकारे दोघांनाही फिटनेस राखता येईल,…

March 28, 2024

मन्नत आणि जलसापेक्षाही आलिशान असणार आहे कपूरांचं घर? (Ranbir Kapoor Aalia Bhatt New Home Named As Their Daughter Raha Getting Ready In Bandra)

बॉलीवूडमधील क्युट कपल म्हणजेच रणबीर कपूर आणि आलिया भट्ट हे त्यांच्या अफेरपासूनच  फार चर्चेत होतं.…

March 28, 2024
© Merisaheli