एज्युकेटेड और करियर को लेकर सचेत रहनेवाले कपल्स की संख्या जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे परिवार और छोटे होते जा रहे हैं. कभी ‘हम दो हमारे दो’ का हिट स्लोगन अब ‘हम दो हमारा एक’ तक आ पहुंचा है. समय, जगह या पैसों की कमी… वजहें चाहे जो हों, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि एक ही बच्चा पैदा करने वाले कपल्स की संख्या अब तेज़ी से बढ़ रही है. बच्चों की परवरिश वैसे ही बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है, उस पर जब एक ही बच्चा हो तो यह ज़िम्मेदारी और ख़ास बन जाती है कि उसे किस तरह सही परवरिश मिले.
यदि आप इकलौते बच्चे के पैरेंट्स हैं, तो सबसे पहले अपना नज़रिया बदलें और मन में किसी भी तरह की हीनभावना न पालें. अकेला बच्चा होने के सकारात्मक पहलुओं पर ग़ौर करें, जैसे- यदि दो या अधिक बच्चे होते, तो आपको उनके साथ भी क्वालिटी टाइम बिताना होता, लेकिन चूंकि वो अकेला है, इसलिए आप अपना सारा व़क़्त उसके साथ बिताकर पैरेंटिंग का पूरा लुत्फ़ उठा सकते हैं. आपके पास उपलब्ध सभी साधनों का इस्तेमाल आप बच्चे को ज़िम्मेदार नागरिक बनाने में कर सकते हैं आदि. आपकी सोच सकारात्मक होगी तो बच्चे को कभी अकेलापन महसूस नहीं होगा और यक़ीनन उसकी परवरिश करना आपके लिए आसान होगा.
बच्चे की अच्छी परवरिश के लिए उसके साथ समय बिताएं. केवल अच्छे-अच्छे उपहार देने भर से आपकी ज़िम्मेदारी ख़त्म नहीं हो जाती. माना आप अपने करियर की वजह से ही परिवार नहीं बढ़ा रहे हैं, लेकिन अपने बच्चे को सही-ग़लत की जानकारी देना भी आपकी ही ज़िम्मेदारी है और इसके लिए आपको उसके साथ समय बिताना ही होगा. समय न दे पाने की जगह यदि आप पॉकेटमनी, उसके जन्मदिन पर फैंसी बर्थडे पार्टी या ग़िफ़्ट दे कर अपनी ज़िम्मेदारी से बचेंगे तो बच्चे को ग़लत संदेश मिलेगा. यदि आपके ऑफ़िस आवर्स ज़्यादा हैं तो घर के कामों के लिए कोई हेल्पर रखें और ऑफ़िस के बाद का अधिकांश समय बच्चे के साथ ही बिताएं.
अकेले बच्चे अक्सर बोर होने लगते हैं और बोरियत दूर करने के लिए अमूमन उन्हें टीवी, वीडियो गेम या इंटरनेट आदि का चस्का लग जाता है. इससे उनकी सेहत को नुक़सान पहुंचता है और उनके विकास पर भी नकारात्मक असर पड़ता है. अतः बच्चे को किसी रचनात्मक कार्य में व्यस्त रखें. आजकल सभी शहरों में बच्चों के लिए क्रिएटिव क्लासेज़ उपलब्ध हैं. बच्चे की रुचि के अनुसार आप उसे इन क्लासेज़ में भेज सकते हैं. क्लास का समय वह चुनें, जब आप ऑफ़िस में रहते हों, ताकि आपकी ग़ैरमौजूदगी में बच्चा रचनात्मक कार्य में लगा रहे और ऑफ़िस से लौटने के बाद तो आप उसके साथ होंगे ही.
बच्चे के मनोरंजन का पूरा ख़्याल रखें. टीवी, इंटरनेट, खेल-कूद और क़िताबें सभी बच्चों का भरपूर मनोरंजन करते हैं. बस, ज़रूरत है कि आप उन्हें इस तरह ग्रूम करें कि वे टीवी, इंटरनेट या वीडियो गेम जैसे मनोरंजन के साधनों का कम और खेल-कूद व क़िताबों का ज़्यादा उपयोग करें. अकेले बच्चों का क़िताबों से बेहतर कोई साथी नहीं हो सकता और उनमें क़िताबों के प्रति रुचि जगाना भी आसान है, लेकिन इसकी शुरुआत तभी कर दें, जब वे छोटे हों.
अधिकतर अकेले बच्चे रिश्तों को निभाने में थोड़ा पीछे रह जाते हैं. अतः आप शुरू से ही उन्हें रिश्तों की जानकारी दें, उन्हें फ्रेंड्स बनाने को प्रोत्साहित करें और दोस्तों तथा दोस्ती का महत्व भी बताएं. अकेले बच्चों को दूसरों के साथ अपना सामान शेयर करना भी पसंद नहीं होता, लेकिन यदि आप रोल मॉडल बन कर उन्हें सिखाएंगे तो वे आसानी से अपनी चीज़ों को शेयर करना सीख जाएंगे.
बच्चा इकलौता हो तो स्वाभाविक रूप से पैरेंट्स उस पर ज़्यादा ध्यान देने लगते हैं, ख़ासतौर पर तब, जब मां होममेकर हो. इससे बचने लिए ज़रूरी है कि ऐसी मांएं केवल बच्चों की ओर ही नहीं, बल्कि अपनी हॉबीज़ की ओर भी ध्यान दें. यदि पूरे व़क़्त बच्चे पर ध्यान दिया जाए तो उसके व्यक्तित्व का समग्र विकास नहीं हो पाता. अतः पैरेंट्स को अकेले बच्चे पर ज़रूरत से ज़्यादा ध्यान देने से बचना चाहिए.
– ऊषा गुप्ता
-ऋषिकेश वांगीकरआपणच फक्त मागे राहिलो हे कळल्यावर त्या मुलाचे अवसान गळाले आणि कुठलाही विचार न…
सलमान खान आणि ईद हे समीकरण गेली बरीच वर्ष बॉलिवूडमध्ये पाहायला मिळतं. पण यंदाची ईद…
पटौदी खानदान (Pataudi family) की सबसे लाडली सोहा अली खान (Soha Ali Khan) भले ही…
मराठमोळी अभिनेत्री भाग्यश्री मोटे सध्या तिच्या खासगी आयुष्यामुळे चर्चेत आली आहे. भाग्यश्री हिने सोशल मीडियावर…
वाढता असह्य उन्हाळा, घामाच्या धारा नि थकलेलं शरीर ह्यामुळे जीव अगदी नको नकोसा होतो. परंतु…
गेल्या काही दिवसांपासून जान्हवी कपूर आणि शिखर पहाडिया यांच्या डेटिंगच्या बातम्या सोशल मीडियावर चर्चेत होत्या.…