हिंदी सिनेमा में कई ऐसी फिल्में बनी हैं जो इतिहास की यादों को ताज़ा करने के साथ ही दिल में देशभक्ति का जज़्बा जगाती हैं. दिलों में देशभक्ति और भारतीय होने का गर्व कराने वाली फिल्म ‘परमाणु: द स्टोरी ऑफ पोखरण’ आज सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है. इसी के साथ डैनी डेन्जोंगपा की फिल्म ‘बायोस्कोपवाला’ भी रिलीज़ हुई है जो अतीत की यादों की सैर कराती है.
फिल्म- परमाणु: द स्टोरी ऑफ पोखरण
स्टार कास्ट- जॉन अब्राहम, डायना पेंटी, बोमन ईरानी.
डायरेक्टर- अभिषेक शर्मा
अवधि- 2 घंटे 8 मिनट
रेटिंग- 4/5
एक्टर जॉन अब्राहम की फिल्म ‘परमाणु: द स्टोरी ऑफ पोखरण’ साल 1998 में हुए पोखरण परमाणु परीक्षण की कहानी पर आधारित है,जो 1995 से शुरू होती है. जहां पीएम ऑफिस में चीन के परमाणु परीक्षण के बारे में चर्चा होती है और तभी आईएएस ऑफिसर अश्वत रैना (जॉन अब्राहम) भारत को एक न्यूक्लियर पावर बनने की सलाह देते हैं, लेकिन अमेरिकी हस्तक्षेप के कारण यह परीक्षण सफल नहीं हो पाता है. जिसके बाद अश्वत रैना को बर्खास्त कर दिया जाता है. कुछ समय बाद अश्वत अपनी पत्नी, बेटा और माता-पिता के साथ मसूरी चला जाता है.
इस घटना के तीन साल बाद पीएम के सचिव के तौर पर हिमांशु शुक्ला (बोमन ईरानी) की एंट्री होती है और एक बार फिर परमाणु परीक्षण पर बात होने लगती है. जिसके बाद हिमांशु अश्वत को ढूंढता है और परमाणु परीक्षण के लिए टीम बनाने को कहता है. अश्वत अपनी टीम बनाता है जिसमें BARK, DRDO, आर्मी के साथ अंतरिक्ष के वैज्ञानिक और इंटेलिजेंस के लोग शामिल होते हैं. इन सभी के साथ 1998 में परमाणु परीक्षण की तैयारी शुरू हो जाती है. इस बीच अमेरिका और पाकिस्तान के जासूस इस परीक्षण को असफल करने का भरसक प्रयास करते हैं, लेकिन उनके मंसूबों पर पानी फेरते हुए भारत एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरकर दुनिया के सामने आता है.
इस फिल्म में जॉन अब्राहम ने गंभीर, लेकिन दमदार अभिनय किया है. उनकी पत्नी के रूप में अनुजा साठे ने भी सराहनीय एक्टिंग की है. एक्ट्रेस डायना पैंटी, बोमन ईरानी के साथ-साथ विकास कुमार, योगेंद्र टिंकू, दर्शन पांडेय समेत फिल्म के बाकी सभी कलाकारों में सराहनीय एक्टिंग की है.
निर्देशक अभिषेक शर्मा ने 1998 में राजस्थान के पोखरण में हुए परमाणु परीक्षण को काफ़ी ख़ूबसूरती के साथ दिखाने की कोशिश की है. फिल्म का स्क्रीनप्ले क़ाबिले तारीफ़ है, यह फिल्म आपको भारतीय होने पर गर्व महसूस कराती है. फिल्म का डायरेक्शन, सिनेमेटोग्राफी और लोकेशन बढ़िया है. इसी के साथ 90 के दशक की फुटेज को स्क्रीनप्ले में ख़ूबसूरती से इस्तेमाल किया गया है.
फिल्म- बायोस्कोपवाला
कलाकार- डैनी डेन्जोंगपा,गीतांजलि थापा,आदिल हुसैन, ब्रिजेंद्र काला
लंबे अर्से के बाद डैनी डेन्जोंगपा ने बड़े पर्दे पर वापसी की है. हमेशा नेगेटिव रोल में नज़र आने वाले डैनी ने अपनी दमदार एक्टिंग से यह साबित कर दिया है कि अब भी उनमें काफ़ी दम है. उधर, नेशनल अवॉर्ड विनर गीतांजलि थापा ने मिनी का किरदार बहुत ही ख़ूबसूरती से जिया है. उधर, आदिल हुसैन और ब्रिजेंद्र काला ने भी बढ़िया एक्टिंग की है.
बतौर डायरेक्टर देब मधेकर की यह पहली फिल्म है, इससे पहले वो विज्ञापन की दुनिया के जाने-माने डायरेक्टर माने जाते रहे हैं. बता दें कि फिल्म की कहानी और स्क्रीनप्ले उन्होंने ख़ुद ही लिखा है. उन्होंने पर्दे पर बीते दौर के कोलकाता और अफगानिस्तान दोनों को बहुत ही ख़ूबसूरती से दिखाने की कोशिश की है. बहरहाल, अगर आप लीक से हटकर अतीत की यादों की सैर करना चाहते हैं, तो बायोस्कोपवाला आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
यह भी पढ़ें: विराट कोहली चाहते हैं कि उनके बच्चे हों, लेकिन इस शर्त पर…
रेटिंगः *** अक्षय कुमार और टाइगर श्राफ की फिल्म बड़े मियां छोटे मियां को लेकर…
अभिनेते महेश कोठारे यांच्या संकल्पनेतून तयार झालेला 'झपाटलेला' हा चित्रपट तुफान हिट ठरला होता. आता…
अंकिता लोखंडे और विक्की जैन ने बिग बॉस 17 में अपने झगड़े और विवादों के…
कुठे कुठला उमेदवार हवा होता-नको होता, या वादात आपण सर्वसामान्य माणसांनी अडकायला नको. महाराष्ट्रात या…
सलमान खान (Salman khan) और उनके पापा सलीम खान (Salim Khan) की दरियादिली के कई…
अभिनेता संकर्षण कऱ्हाडे सोशल मीडियावर खूप सक्रिय असतो. नुकताच त्याने त्याला साताऱ्याला आलेला त्याच्या खास…