काव्य- नए साल का पहला दिन है… (Poetry- Naye Saal Ka Pahla Din Hai…)

जी हां, सही समझा आपने
आज एक जनवरी है
नए साल का पहला दिन है
चारों तरफ़ उमंग और उत्साह है
चारों तरफ़ चेहरों पर मुस्कुराहट है
और, चारों तरफ़ शुभकामनाओं का तांता सा है…

क्या कोई संकल्प लिया है आपने?
हां, लेना है ना कोई भी संकल्प क्योंकि
नए साल का पहला दिन है
सब लोग कुछ सोच-विचार कर संकल्प ले रहे हैं
सब लोग छुप-छुप के दूसरे से पूछ रहे हैं
साथ ही, सब लोग क़समें खा रहे हैं और
वादे भी कर रहे हैं…

तो बताइए क्या संकल्प लिया आपने?
अरे! बता भी दीजिए क्योंकि
नए साल का पहला दिन है
कोई अपनी बुरी आदत छोड़ना चाहता है
कोई पुरानी यादों को भूलना चाहता है
और, कोई बहुत सारे पैसे कमाना चाहता है…

परंतु कभी सोचा है आपने?
क्या संकल्प होने चाहिए हमारे क्योंकि
नए साल का पहला दिन है
मुझे दूसरों के दुखों को दूर करने का प्रयास करना है
मुझे संसार के सभी जीवों से प्रेम करना है
और सबसे महत्वपूर्ण,
मुझे एक और बेहतर इंसान बनना है…

अमृता सिन्हा

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Usha Gupta

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