अक्सर आप ये भूल कर बैठती हैं. जैसे-जैसे बेटी बड़ी होती है, आप उसके सामने क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए की लिस्ट हर दिन पकड़ाती रहती हैं, लेकिन वहीं दूसरी ओर अपने बेटे पर आपका ध्यान ही नहीं जाता. क्या कभी आपने सोचा कि लड़के और लड़कियों की उम्र समान है, तो ग़लतियां दोनों से हो सकती हैं. ऐसे में स़िर्फ लड़कियों को समझाने की बजाय अपने बेटे को भी समझाएं कुछ ज़रूरी बातें.
आमतौर पर परिवार में शिष्टाचार की सारी शिक्षा लड़कियों को ही दी जाती है, लेकिन अब ज़माना आ गया है कि आप अपने लड़कों को भी सारे पाठ सिखाएं. सबसे पहले उन्हें ये सिखाएं कि कैसे लड़कियों से व्यवहार करना चाहिए. किस तरह से उनसे बात करनी चाहिए और कैसे उनके साथ समय बिताना चाहिए. इन सारी बातों को बड़ी ही बारीक़ी से अपने लाड़ले को सिखाएं.
घर-घर की कहानी है ये. लड़कियों से कोई ग़लती होने से पहले ही उन्हें ग़लती न करने की सीख दी जाती है, लेकिन लड़कों को कभी एहसास भी नहीं कराया जाता कि उनसे भी ग़लती हो सकती है. शायद इसीलिए लड़कियां हर काम करने से पहले कई बार सोचती हैं और लड़कों के दिमाग़ में ये बात आती ही नहीं कि उनसे भी कोई ग़लती हो सकती है.
भारतीय परिवेश में आज भी लड़कियों की अपेक्षा लड़कों को ज़्यादा आज़ादी दी जाती है. कॉलेज में दोस्त बनाने की आज़ादी, दोस्तों के साथ ज़्यादा देर तक घूमने की आज़ादी, किसी भी लड़की पर कमेंट करने की आज़ादी, अपने मन मुताबिक़ हेयरस्टाइल रखने की आज़ादी, स्टाइलिश कपड़े पहनने की आज़ादी आदि. लेकिन जैसे ही बात लड़कियों पर आती है, पैरेंट्स टोका-टाकी करने लगते हैं. घर में आपका दोहरा व्यवहार देखने पर ही लड़के बाहर लड़कियों से अच्छी तरह से पेश नहीं आते. अब से आप उन्हें भी इस बात का एहसास कराएं कि आज़ादी उन्हें भी उतनी ही मिलेगी, जिससे किसी का नुक़सान न हो.
बचपन से ही लड़के जब ग्रुप में खेलते हैं, तो किसी लड़की के आने पर वो उसके साथ न खेलने की बात कहते हैं. उन्हें ऐसा लगता है कि लड़कियां उनके साथ खेल नहीं सकतीं. बचपन में लड़के की इस बात पर हंसने की बजाय उसे उसी समय टोकें और कहें कि वो भी उनके समान है. यही बात जब आपका बेटा टीनएज में हो, तो उसे समझाएं. स्कूल के नोट्स शेयर करने से लेकर सारी बातों में वो उसे अपने समान ही समझे.
ये उम्र ऐसी होती है कि जब लड़कों के मन में कई तरह की भावनाएं उमड़ने-घुमड़ने लगती हैं. अपनी उम्र से थोड़े बड़े लड़कों में उनका उठना-बैठना होने लगता है. बड़े लड़कों की संगत से वो भी लड़कियों को देखकर कई तरह के कमेंट करने लगते हैं. लड़कियों की ड्रेस, उनकी बॉडी पर कमेंट करना लड़कों को आम बात लगती है. अपने बेटे को समझाएं कि ये ग़लत है.
लड़कों को ये बात समझाना बहुत ज़रूरी है कि लड़कियां उनके लिए किसी वस्तु की तरह नहीं हैं. वो भी उन्हीं की तरह हैं. अपने लाड़लों को इस उम्र में ये ज़रूर सिखाएं. उन्हें ऐसा लगता है कि वो आसानी से किसी भी लड़की को अपनी गर्लफ्रेंड बना सकते हैं, वो ना नहीं कह सकती. लड़के उसके साथ घूमने जा सकते हैं. ऐसे में उन्हें ये समझाना ज़रूरी है कि वो किसी भी लड़की को अपने कंफर्ट के अनुसार यूज़ नहीं कर सकते.
टीनएज लड़कों को लगता है कि वो बहुत मज़बूत हैं. वो लड़कियों को अपने से कमज़ोर समझते हैं और कई बार किसी बात पर बहस होने पर वो हाथ भी चला देते हैं. ऐसा नहीं है कि वो ये घर से बाहर करते हैं. ज़रा ग़ौर कीजिए, जब घर में बहन के साथ झगड़ा होता है, तब भी लड़के हाथा-पाई पर उतर आते हैं. बहन के साथ झगड़ा होने पर आप स़िर्फ बेटी को बोलने की बजाय बेटे को भी डांटें और कहें कि ऐसा करना ग़लत है. घर से ही ऐसी रोक लगने पर वो बाहर भी किसी लड़की से झगड़ा करने पर हाथ नहीं उठाएंगे.
लड़कों को लगता है कि दुनिया का कोई भी काम वो कर सकते हैं, लेकिन लड़कियां नहीं. इतना ही नहीं, टीनएज लड़के लड़कियों को ये कहकर भी चिढ़ाते हैं कि वो कमज़ोर हैं और कोई भी काम वो लड़कों के बिना नहीं कर सकतीं. अपने होनहार को इस बात से अवगत कराएं कि लड़कियां हर काम कर सकती हैं. बस, वो लड़कों को रिसपेक्ट देने के लिए उनसे मदद लेती हैं.
* टीनएज में लड़कों को सेक्स से जुड़ी बातें भी समझाएं.
* उनके शरीर में होनेवाले बदलाव से उन्हें अवगत कराएं.
* शारीरिक बदलाव के साथ उन्हें किस तरह से कोपअप करना चाहिए, ये
भी बताएं.
* लड़के होने का मतलब उन्हें समझाएं. उनके दिमाग़ में भरें कि लड़के होने से वो ज़्यादा आज़ाद नहीं, बल्कि ज़िम्मेदार हैं.
* अगर उनके साथ कोई लड़की है और उसे मदद की ज़रूरत हो, तो उसे पूरा सहयोग करें.
* घर में अपने से बड़ों की बातों का आदर करें और उसका अनुकरण करें.
* उन्हें समझाएं कि अभी उनकी उम्र प्यार करने और ढेर सारी गर्लफ्रेंड बनाने की नहीं है.
* उन्हें इस बात से भी अवगत कराएं कि अगर उन्हें कोई ग़लत तरी़के से अप्रोच करता है, तो वो उससे दूरी बनाएं.
* स्कूल में भी बच्चे गुंडा गैंग बनाते हैं. अपने लाडले से कहें कि इस तरह के ग्रुप में शामिल होने से उसकी ज़िंदगी बर्बाद हो सकती है.
* इस उम्र में उन्हें पढ़ाई का महत्व समझाएं.
हेड ऑफ द फैमिली होने के नाते आपकी ये ज़िम्मेदारी बनती है कि आप अपने बेटे को सही तरह से ये बात बताएं कि उसे महिलाओं की इज़्ज़त कैसे करनी चाहिए. ख़ुद आप भी अपनी पत्नी और मां को सम्मान दें, तभी आपका बेटा भी वैसा ही करेगा. हो सके तो बेटे को शारीरिक बदलाव के बारे में आप ख़ुद ही बताएं.
आजकल के लड़कों को सबसे ज़रूरी है ये सिखाना कि कैसे वो किसी महिला का सम्मान करें. ऐसा उन्हें घर से ही करना सिखाएं. घर में पुरुष सदस्य को लड़के सम्मान तो देते हैं, लेकिन जब बात महिलाओं की आती है, तो वो उन्हें सम्मान देना तो दूर, उनसे डरते भी नहीं हैं. पापा की बात वो झट से मानकर काम को पूरा कर लेते हैं, लेकिन आपके किसी काम को कई बार कहने के बावजूद नहीं करते. आप इसे अगर लाड समझती हैं, तो ग़लत है. इससे बच्चा अपनी लाइफ में आनेवाली हर महिला के साथ वैसा ही व्यवहार करेगा. उसे लगेगा कि महिलाओं को सम्मान देना उचित नहीं है.
[amazon_link asins=’1451663889,819217980X,B0090XAHMO,B00F5U3W28′ template=’ProductCarousel’ store=’pbc02-21′ marketplace=’IN’ link_id=’9771cbf9-1d1b-11e8-a6ba-5fd859dee730′]
आज दिवंगत एक्टर सतीश कौशिक का बर्थडे है. अपने बेस्ट फ्रेंड के बर्थडे के अवसर…
बिपाशा बसु (Bipasha Basu) और करण सिंह ग्रोवर (Karan Singh Grover) जब से प्यारी सी…
मैं हुआ रिटायरसारे मोहल्ले में ख़बर हो गईसब तो थे ख़ुश परपत्नी जी ख़फ़ा हो…
अक्षय कुमार इन दिनों 'बड़े मियां छोटे मियां' को लेकर सुर्ख़ियों में हैं. उनका फिल्मी…
बोनी कपूर हे कायमच चर्चेत असणारे नाव आहे. बोनी कपूर यांचे एका मागून एक चित्रपट…
ईद के मौके पर टीवी एक्ट्रेस समबुल तौकीर ने हाउस पार्टी होस्ट कर ईद सेलिब्रेट…