पीवी सिंधु, साक्षी मलिक और दीपा करमाकर के रियो ओलंपिक 2016 में शानदार प्रदर्शन के बाद पूरा देश उनकी तारीफ़ कर रहा है. देश की बेटियां मेडल लेकर आई हैं, इस बात से हर देशवासी गर्व महसूस कर रहा है. लेकिन देश में कई ऐसी जगह है जहां महिलाओं को पुरुषों से कम आंका जाता है. ओलंपिक में तिरंगा लहराने वाली बेटियों ने साबित कर दिया है कि वो पुरुषों से किसी मामले में कम नहीं. महिलाओं और लड़कियों के प्रति समाज के दोगले रवैये पर प्रसून जोशी ने अपनी कविता के ज़रिए तीखी प्रतिक्रिया की है. कुछ ही घंटों में ये कविता सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है.
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