Close

ग़ज़ल (Shayari: Gazal)

दग़ाबाज़ दुनिया हसीं दिख रही है बता साकिया तूने क्या दे दिया है दराज़-ए-उमर की दुआ देने वालों न दो बद्दुआएं, बहुत जी लिया है Shayari क़यामत बने या 1 हशर वो बला से हमें क्या, गिरेबान को सी लिया है   बहुत देख ली है फ़रेबों की दुनिया उठा ले ख़ुदाया, बहुत जी लिया है निगाहों में 2 वहशत, ज़बां बहकी-बहकी न जाने ‘कंवल’ ने ये क्या पी लिया है Vedprakash Pahwa वेद प्रकाश पाहवा ‘कंवल’
  1. मुसीबत 
  2. पागलपन
यह भी पढ़े: Shayeri

Share this article