दग़ाबाज़ दुनिया हसीं दिख रही हैबता साकिया तूने क्या दे दिया हैदराज़-ए-उमर की दुआ देने वालोंन दो बद्दुआएं, बहुत जी लिया हैक़यामत बने या 1 हशर वो बला सेहमें क्या, गिरेबान को सी लिया हैबहुत देख ली है फ़रेबों की दुनियाउठा ले ख़ुदाया, बहुत जी लिया हैनिगाहों में 2 वहशत, ज़बां बहकी-बहकीन जाने ‘कंवल’ ने ये क्या पी लिया हैवेद प्रकाश पाहवा ‘कंवल’