टेनिस को स्पोर्ट्स जगत का सबसे ग्लैमरस खेल माना जाता है और यह सच भी है. यहां प्लेयर अपने खेल के साथ-साथ अपने लुक्स का भी पूरा ध्यान रखते हैं. स्टेडियम में बैठकर मैच देखनेवाले हों या टीवी पर सभी को ये प्लेयर बड़ी ही आसानी से आकर्षित करते हैं. खेल और आकर्षण का मिश्रण टेनिस गेम के इतिहास में कुछ ऐसा हुआ, जो पहले कभी नहीं हुआ. आप सोच भी नहीं सकते कि इस तरह की घटना कभी हो भी सकती है.
डब्ल्यूटीए फाइनल्स में खेले गए अपने मुकाबले में जीत हासिल करने के लिए उत्सुक रूस की महिला टेनिस खिलाड़ी स्वेतलाना कुजनेत्सोवा ने अपनी चोटी को ही काट दिया. फाइनल खेलना और जीतना अपने आप में एक प्रेशर की तरह होता है. एग्निएस्का रदवांस्का के साथ चल रहे इस फाइनल मैच में कुजनेत्सोवा ने ने बड़ी ही मशक़्क्क़त के साथ पहला सेट जीता, लेकिन रदवांस्का ने दूसरा सेट सीधे सेट में कुजनेत्सोवा को हरा दिया. दूसरा सेट हारने के बाद कुजनेत्सोवा को बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने अंपायर से इजाज़त लेकर कोर्ट पर ही एक कैंची मंगवाई और अपने सुनहरे बालों को काट दिया. यह देखकर कोर्ट पर मौजूद सभी लोग आश्चर्य से कुजनेत्सोवा को देखने लगे, लेकिन कुजनेत्सोवा के चेहरे पर किसी तरह के भाव नहीं थे. बड़ी ही आसानी से उन्होंने अपने बाल काटे और फिर तीसरे सेट का मैच शुरू कर दिया.
देखिए कैसे काटा कुजनेत्सोवा ने अपने बाल? एक नज़र इस वीडियो पर.
बाल काटते ही जीता मैच
आपको जानकर हैरानी होगी कि बाल काटने के बाद कोर्ट पर वापसी करते हुए कुजनेत्सोवा ने मैच में वापसी की और तीसरा सेट जीतने के साथ ही ट्रॉफी पर अपना हक़ जमाया. लगता है कुजनेत्सोवा को पहले ही अंदर से यह फील हो गया था कि उनके बाल ही उनेक दुश्मन हैं. तभी तो बाल काटते ही वो जीत गईं.
कैंची देखकर क्या डर गई थीं रदवांस्का?
चलते मैच के बीच मेडिकल ट्रीटमेंट लेना, तो सभी जानते हैं, लेकिन जब कुजनेत्सोवा ने अंपायर से कैंची मांगी, तो स़िर्फ अंपायर ही नहीं, बल्कि कुजनेत्सोवा की विरोधी खिलाड़ी रदवांस्का भी हैरान रह गईं. कोर्ट पर मौजूद सभी लोग हैरानी से देख रहे थे. अंपायर ने कैंची मांगने की बात की स्वीकृति रदवांस्का भी ली. रदवांस्का ने हामी भर दी. पोस्ट मैच के बाद दिए गए इंटरव्यू में रदवांस्का ने कहा कि उन्हें डर तो नहीं लगा, लेकिन हां, इस घटना का उन्हें ज़रा भी अंदेशा नहीं था.
बाल काटने के बाद क्या कहा कुजनेत्सोवा ने?
खेल के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कुजनेत्सोवा ने कहा, हर बार अच्छा शॉट लगाने के बाद मेरी चोटी बार-बार मेरी आंखों पर आ जाती. इससे मुझे परेशानी होने लगी. तब मैंने सोचा कि आख़िर इस समय मेरे लिए क्या ज़रूरी है- मेरे बाल या मैच? तब मैंने निर्णय लिया किया कि बाल तो बढ़ सकते हैं, लेकिन मैच… मैंने बहुत ज़्यादा नहीं सोचा इसके बारे में और अपने बाल काट दिए. मुझे कोर्ट पर अच्छा प्रदर्शन करना था. सच कहूं तो मुझे भी नहीं पता कि मैंने कितने बाल काटे.
कोर्ट पर बाल काटकर कुजनेत्सोवा ने यह तो बता ही दिया है कि खेल के बीच वो किसी ऐसी चीज़ को बर्दाश्त नहीं करेंगी, जो खेल में बाधा सिद्ध होगी. इसके अलावा उन्होंने अपने प्रतिद्वंदियों को यह भी दर्शा दिया है कि उनके लिए खेल ज़्यादा मायने रखता है, न कि खेल के दौरान लुक्स.
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