लघुकथा- वाह! क्या नियोजन है… (Short Story- Wah! Kya Niyojan Hai…)

चौथे जन्मदिन पर ही दादी ने उसके विवाह के लिए गहनों का सेट ख़रीद डाला. प्यार से तितली को सजाया और उसे निहारते हुए ख़ुशी के आंसू आ गए. बोलीं, “मैं तब तक रहूं न रहूं, जी भरकर देख लूं.” उन्हें अपने नियोजन पर गुमान हो आया.

पापा की परी, मम्मी की गुड़िया और दादी-बाबा की तितली… एक शिक्षित और समृद्ध परिवार का इकलौता खिलौना.
चालीस दिन की हुई थी कि पिता कुछ काग़ज़ात लाए. तितली को दुलराते हुए आंखों में आंसू लेकर बोले, “इंश्योरेंस के पेपर हैं. ज़िंदगी न भी रहे, तो भी तितली की शिक्षा का कोई सपना अधूरा नहीं रहना चाहिए.”
उन्हें अपने नियोजन पर गुमान हो आया.


यह भी पढ़ें: स्पिरिचुअल पैरेंटिंग: आज के मॉडर्न पैरेंट्स ऐसे बना सकते हैं अपने बच्चों को उत्तम संतान (How Modern Parents Can Connect With The Concept Of Spiritual Parenting)

चौथे जन्मदिन पर ही दादी ने उसके विवाह के लिए गहनों का सेट ख़रीद डाला. प्यार से तितली को सजाया और उसे निहारते हुए ख़ुशी के आंसू आ गए. बोलीं, “मैं तब तक रहूं न रहूं, जी भरकर देख लूं.” उन्हें अपने नियोजन पर गुमान हो आया.
यूं तो तितली को खांसी-ज़ुकाम लगा ही रहता था, पर पिछले दो महीनो से ये ठीक ही नहीं हो रहा था. तभी जगमग दीवाली आई. अपने खिलौने तितली के लिए घर का हर सदस्य पटाखे लाया. फिरकी के साथ थिरकती, अनार के साथ कूदती, इठलाती तितली सबके मनोरंजन का केंद्र थी.
लेकिन…
रात होते-होते तितली की सांसें घुटने लगीं. वो इतना खांस चुकी थी कि हर खांसी उसके सीने में जानलेवा दर्द बनकर उमड़ने लगी थी. रात के बारह बजे तितली आईसीयू में ऑक्सीजन मास्क लगाए लेटी थी.
दो महीने बाद…
“डॉक्टर साहब, मेरी बेटी की खांसी आख़िर पूरी तरह ठीक क्यों नहीं होती? क्यों मेरी बेटी की क़िस्मत में सामान्य जीवन नहीं है?”
“अगर आप अपने बैंक में पैसे न डालें, तो क्या एटीएम से निकाल पाएंगे?”

यह भी पढ़ें: नई मांओं के लिए बेबी केयर गाइड (Mother Guide- Baby Care Tips)


तितली के पिता को भौचक्का देखकर डॉक्टर ने बात आगे बढ़ाई, “प्रदूषण को लेकर जो लेख आप आए दिन पढ़ते होंगे, आपका बच्चा उस त्रासदी का उदाहरण है. अगर ऐसे ही चलता रहा, तो वो दिन दूर नहीं जब हमें बच्चों को ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ घूमने की आदत डालनी पड़ेगी. हम पर्यावरण के बैंक में सांसें डाल नहीं रहे, सिर्फ़ निकाल रहे हैं.”
मम्मी-पापा दादी-बाबा का अपनी संतान के सुखद भविष्य के लिए नियोजित होने का गुमान टूट चुका था.

भावना प्रकाश

अधिक कहानियां/शॉर्ट स्टोरीज़ के लिए यहां क्लिक करें – SHORT STORIES

Photo Courtesy: Freepik

Usha Gupta

Share
Published by
Usha Gupta

Recent Posts

रंग माझा वेगळा : सव्वा लाख सुनांची सासू… कोण होत्या त्या? असं काय केलं त्यांनी? (Mother-In-Law Of 1.25 Lakh Daughter-In-Laws : Who Is She? What Did She Achieve?)

आज १६ सप्टेंबर. पाकशास्त्रात अद्वितीय कामगिरी केलेल्या एका जगावेगळ्या कर्तबगार महिलेचा जन्मदिन! त्या आहेत ‘रुचिरा’…

March 25, 2024

जलसामध्ये मोठ्या उत्साहात साजरी झाली बच्चन कुटुंबाची होळी, नव्याने शेअर केले खास फोटो ( Navya Naveli Nanda Share Inside Pics Of Bachchan Family Holi)

प्रत्येकजण होळीच्या रंगात आणि आनंदात मग्न असल्याचे पाहायला मिळत आहे. २४ मार्च रोजी होळी साजरी…

March 25, 2024
© Merisaheli