Jeene ki kala (Motivational Stories)

चेहरे पर न बांधें अहंकार की पट्टी (Signs Of An Arrogant Person)

किसी को ख़ूबसूरती का घमंड होता है, किसी को शिक्षा का तो किसी को धन का. अहंकार चाहे किसी भी चीज़ को हो ये व्यक्ति की सेहत के लिए अच्छा नहीं होता. अहंकार के नशे में चूर व्यक्ति स्वयं को ही सर्वोपरी समझता है और दूसरों को छोटा, लेकिन अहं के इस मद में वो ये भूल जाता है कि अहंकार ने बड़े-ब़डे संत महात्माओं का भी सर्वनाश कर दिया. सफलता के शिखर पर पहुंच आसान नहीं है लेकिन उससे भी ज़्यादा मुश्किल हैं वहां टिके रहना. जिसके लिए अहंकार से कोसो दूर रहना ज़रूरी है, क्योंकि जिस दिन आपके अंदर अंह आ गया समझ लीजिए उसी दिन से आपके पतन की उल्टी गिनती शुरू हो गई.

अहंकार से होता है विनाश
अहंकार किस तरह मनुष्य का विनाश कर सकती है इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण रावण है. महाज्ञानी रावण को अपनी शक्ति और ज्ञान का इतना अंह हो गया था कि वो ख़ुद को ईश्‍वर से भी ऊपर समझने लगा था और उसके इसी अहंकार ने उसका अस्तित्व मिटा दिया. आप कितने भी ज्ञानी व परोपकारी क्यों न हो अगर आप में अहंकार का ज़रा सा भी समावेश वो गया तो आपके सारे गुण अवगुण समान हो जाएंगे. जैसे आपने आज सुबह किसी गरीब व्यक्ति को दान तो किया लेकिन आप मन ही मन सोच रहे थे कि आप बहुत श्रेष्ठ हैं इसलिए आपके पास धन हैं, तो आपको दान का फल नहीं मिलेगा. अहंकार की पट्टी आंखों पर बंध जाने पर इंसान को अच्छे-बुरे, सही-ग़लत का भी ज्ञान नहीं रहता. अहंकार में अंधे व्यक्ति को अपना ग़लत काम भी सही लगने लगता है, और उसका यही रवैया उसो लोगों की नफ़रत का पात्र बना देती है.

यह भी पढ़ें: क्या आप भी करते हैं दूसरों की बुराई?

प्रगति में बाधक है अंहकार
कई लोगों को ये बात बिल्कुल अच्छी नहीं लगती कि कोई उनके काम पर उगंली उठाएं. वो हर हाल में ख़ुद को सही साबित करने की कोशिश करते हैं (चाहे वो ग़लत ही क्यों न हों). अगर कोई उनसे कह दे “आपका ये काम ठीक नहीं है” तो उन पर आसमान टूट पड़ता है, उनके अहं को ठेस पहुंच जाती हैं और ग़लती सुधारने की बजाय वो सोचने लगते हैं “उसकी इतनी मजाल कि वो मेरे काम में ग़लती निकाले.” ऐसे लोग जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ पातें, क्योंकि वो अपनी ग़लती स्वीकार करके उसे सुधारने की कोशिश ही नहीं करतें. उल्टे ग़लती बताने वाले को ही भला-बुरा कहने लगते हैं. शायद इन लोगों को ज़रूरत है कबीर का ये दोहा पढ़ने की.
निंदक नियरे राखिए, आंगन कुटी छवाय
बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय

अहंकार से बचाती है विनम्रता
अगर आप जीवन में सफल होना चाहते हैं तो अहंकार को त्याग कर विनम्रता का दामन थाम लें. विनम्रता अहंकार को दूर रखती हैं. और ये संकट से भी बचाती है. आंधी-तूफान में एक सूखा पेड़ तो तुरंत टूट जाता है लेकिन फलों से लदा पेड़ नहीं टूटता, क्यों? क्योंकि वो झुका रहता है सूखे पेड़ की तरह अकड़कर खड़ा नहीं रहता. इसी तरह आप भी विनम्र बनकर मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं. आज से आप भी विनम्रता को अपने जीवन का हिस्सा बना लीजिए फिर देखिए ज़िंदगी कितनी बदल जाती है. कल तक आपसे नफ़रत करने वाले लोग भी अब आपकी तरफ़ प्यार भरी नज़रों से देखने लगेंगे.

यह भी पढ़ें: ख़ुश रहना है तो सीखें ये 10 बातें
Kamla Badoni

Share
Published by
Kamla Badoni

Recent Posts

राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू यांच्या हस्ते मिथुन चक्रवर्तींना पद्म भूषण पुरस्कार प्रदान ( Mithun Chakraborty Recive Padma Bhushan Award From Rashtrapati Draupadi Murumu )

राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू यांनी सोमवारी माजी उपराष्ट्रपती एम. व्यंकय्या नायडू यांच्यासह विविध क्षेत्रातील मान्यवर व्यक्तींना…

April 23, 2024

5 डाइजेशन प्रॉब्लम्स, 25 होम रेमेडीज़ (5 Digestion Problems, 25 Home Remedies)

पेटदर्द, उल्टी, बदहज़मी और एसिडिटी जैसी डाइजेशन संबंधी प्रॉब्लम्स से यदि आप भी परेशान रहते…

April 22, 2024

यावर्षी नाही दिसणार मेट गाला इव्हेंटमध्ये प्रियांका चोप्राचा क्लासी लूक, अभिनेत्रीनेच सांगितले कारण (Priyanka Chopra Will Not Attend Met Gala 2024, Actress Reveals The Reason)

तिच्या ताज्या मुलाखतीत, प्रियांका चोप्राने खुलासा केला की ती या वर्षी म्हणजेच 2024 मध्ये होणाऱ्या…

April 22, 2024
© Merisaheli