* स्क्रब का इस्तेमाल करने से डेड स्किन निकल जाती है और स्किन सॉफ्ट हो जाती है.
ऐसा नहीं है. स्क्रब के बहुत ज़्यादा इस्तेमाल से स्किन ड्राई हो सकती है. झुर्रियां और पिग्मेंटेशन बढ़ सकता है. इसलिए सबसे अच्छा उपाय यही है कि अपनी स्किन टाइप के अनुसार ही स्क्रबिंग करें. यदि आपकी स्किन ऑयली है, तो हफ़्ते में एक दिन से ज़्यादा स्क्रब न करें. यदि स्किन ड्राई है, तो दो से तीन हफ़्ते में एक बार स्क्रब किया जा सकता है.
* स्किन को ख़ूबसूरत और फ्रेश बनाए रखने के लिए चेहरे को बार-बार धोना चाहिए.
कई महिलाएं सोचती हैं कि बार-बार चेहरा धोकर वे अपने चेहरे पर मौजूद धूल-मिट्टी व ऑयल को हटा रही हैं. कुछ हद तक तो यह सही भी है, पर बार-बार फेस वॉश करने से स्किन को पोषण देनेवाले ज़रूरी ऑयल्स भी हट जाते हैं, इसलिए स्किन को पीएच बैलेंस्ड सोप से ही धोएं और हल्के हाथों से पोंछें, ताकि त्वचा की नमी बरक़रार रहे.
* स्पाइसी और ऑयली खाने की वजह से ही मुंहासे होते हैं.
चेहरे पर मुंहासे सीबम द्वारा ऑयल के अधिक सेक्रीशन से आते हैं, जिस वजह से रोमछिद्र (स्किन पोर्स) बंद हो जाते हैं और मुंहासे होने लगते हैं. सीबम के अधिक सक्रिय होने के लिए केवल हमारे हार्मोंस ही ज़िम्मेदार होते हैं, न कि हमारा भोजन चॉकलेट, तेल-मसालेदार खाना, सोडा या फास्ट फूड.
* सन एक्सपोज़र केवल धूप में ही होता है.
कार, ऑफिस और घर की खिड़कियों से आनेवाली सूर्य की किरणों के अलावा बादलों वाले मौसम में जब सूरज दिखाई ही नहीं देता, तब भी अल्ट्रा वायलेट किरणें आपकी त्वचा को नुक़सान पहुंचाती हैं. इसलिए हमेशा 15 एसपीएफवाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल ज़रूर करें.
* रिंकल रिमूविंग क्रीम से रिंकल्स (झुर्रियां) पूरी तरह से मिट सकती हैं.
उम्र बढ़ती है, तो त्वचा पर झुर्रियां यानी रिंकल्स आ ही जाते हैं, लेकिन यदि आप यह सोचती हैं कि रिंकल रिमूविंग क्रीम लगाने से आपकी झुर्रियां पूरी तरह मिट जाएंगी, तो यह सही नहीं है. हां, थोड़ा फ़र्क़ ज़रूर पड़ सकता है.
* प्रेग्नेंसी के दौरान बालों को कलर कराने में कोई नुक़सान नहीं है.
प्रेग्नेंसी के दौरान बालों को कलर कराने में विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है. यदि आपको इससे एलर्जी की शिकायत हो, तो इस दौरान हेयर कलर न कराएं. बेहतर होगा कि आप इस दौरान केमिकल युक्त हेयर कलर के इस्तेमाल से बचें.
* अधिक पानी पीने से कॉम्प्लेक्शन निखरता है और स्किन ख़ूबसूरत होती है.
हम जो पानी पीते हैं, उसका बहुत थोड़ा हिस्सा ही सीधे हमारी स्किन तक पहुंचता है. लेकिन हक़ीक़त यह भी है कि जितना अधिक पानी हम पीते हैं, उतनी ही अधिक मात्रा में हमारे शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं, जिससे हमारी स्किन ग्लो करती है.
* कुछ लोगों का मानना है कि महंगी क्रीम सस्ती क्रीम से ज़्यादा इफेक्टिव होती है.
शॉप्स पर मिलनेवाली क्रीम्स में महंगे या सस्ते द्वारा अच्छी क्रीम होने का अंदाज़ा लगाने की बजाय आप उसके इंग्रेडिएन्ट्स (उसमें मौजूद तत्व) देखें. यदि इंग्रेडिएन्ट्स एक से हैं, तो इनका प्रभाव भी एक-सा ही होगा.
* क्रीम का इस्तेमाल करके रोमछिद्रों (पोर्स) को छोटा कर सकते हैं यानी वे सिकुड़ सकते हैं.
अब तक ऐसी कोई स्किन क्रीम नहीं बनी है, जो स्किन के पोर्स को छोटा कर सके. उम्र बढ़ने के साथ इन पोर्स का बड़ा होना तय है.
* स्किन की ख़ूबसूरती के लिए चेहरे को हमेशा गर्म पानी से धोना चाहिए.
गर्म पानी चेहरे की स्किन को नुक़सान पहुंचा सकता है, इसके लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना बेहतर है.
* ख़ूबसूरत स्किन जिनेटिक देन है.
हां, यह कुछ हद तक सही है, पर स़िर्फ इसलिए कि आपकी मां की स्किन बेहद ख़ूबसूरत और अच्छी है, तो आपकी भी होगी, ऐसा नहीं है. इसलिए बेहतर होगा कि आप अपनी स्किन के प्रति लापरवाही न बरतें.
* यह एक आम मिथ है कि गर्मियों में स्किन वैसे ही ऑयली रहती है, इसलिए इसे अतिरिक्त मॉइश्चराइज़र की ज़रूरत नहीं रहती.
यदि आपकी स्किन ऑयली है, तब भी आपको वॉटर बेस या माइश्चराइज़र जेल का इस्तेमाल करना चाहिए.
– ऊषा गुप्ता
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