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कहानी- मन के बंधन… 5 (Story Series- Mann Ke Bandhan… 5)

 

कल्पना में ही सही पर दिल की सारी बातें, पहले तुमसे ही कहता,जैसे तुम मेरे आस-पास ही हो. शायद यह मन का बंधन था, जिसकी डोर तुमसे बंधी थी. सोचा था, नौकरी मिलते ही तुम्हारे पास पहुंच कर तुम्हें सरप्राइज़ दूंगा. जैसे ही मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर जाॅब में आया, सबसे पहले तुम्हें ढूंढ़ते हुए पटना गया, पर नियति का खेल देखो, सरप्राइज़ देने गया था, पर वहां एक दूसरा सरप्राइज़ मेरी प्रतिक्षा कर रहा था.

        ... "याददाश्त तो तुम्हारी बहुत अच्छी है,पर जल्दबाज़ी में तुम्हारी कोई सानी नहीं. चट मगनी, पट ब्याह कर लिया और मेरे विषय में पता करने की कोशिश तक नहीं की." ‘‘पता उसकी करते हैं, जिसका कोई अता-पता हो.’’ तर्क अच्छा देती हो, पर तुम अच्छे से जानती थी कि मेरे दिल्ली आने के बाद से मेरे फोन पर पाबंदियां लग गई थी. इसलिए चाह कर भी मैं तुम से बातें नहीं कर पा रहा था, पर तुम्हे भूला देना मेरे वश में नहीं था. अपने जीवन के हर ख़ुशी और ग़म में मैंने सबसे पहले तुम्हे ही याद किया. कल्पना में ही सही पर दिल की सारी बातें, पहले तुमसे ही कहता,जैसे तुम मेरे आस-पास ही हो. शायद यह मन का बंधन था, जिसकी डोर तुमसे बंधी थी. सोचा था, नौकरी मिलते ही तुम्हारे पास पहुंच कर तुम्हें सरप्राइज़ दूंगा. जैसे ही मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर जाॅब में आया, सबसे पहले तुम्हें ढूंढ़ते हुए पटना गया, पर नियति का खेल देखो, सरप्राइज़ देने गया था, पर वहां एक दूसरा सरप्राइज़ मेरी प्रतिक्षा कर रहा था. मेरे सारे सपने बिखर गए.. तुम अधीर की हो चुकी थी. इस समाचार से ऐेसी व्याकुलता का अनुभव हुआ जैसे मेरी चेतना ही विलुप्त हो गई हो. किसी तरह मैं घर लौटा. तुम्हारी जगह मैं किसी और को नहीं दे सकता था, इसलिए मैंने शादी न करने का फ़ैसला कर लिया. जिस फ़ैसले को आज तक कोई नहीं बदल सका. बैंगलोर में ही इसरो में साइंटिस्ट के पोस्ट पर ज्वाइन कर लिया. फिर मैंने अपने आपको रिसर्च के कामों में झोंक दिया. तुम्हारा मोहक एहसास ही अब मेरे जिने का एकमात्र आधार था. कभी-कभी आंटी को फोन कर तुम्हारा हालचाल पूछ लेता, पर उन्हें मना कर दिया था कि तुम्हें मेरे विषय में न बताएं. तभी एक दिन आंटी ने तुम्हारी शादी टूटने की बात बताई और साथ में तुम्हें बैंगलौर में नौकरी मिलने की बात बताते हुए मुझसे बैंगलोर में तुम्हारे लिए एक फ्लैट ढूंढ़ने की ज़िम्मेदारी भी सौंपी।व. जिस फ्लैट में तुम रह रही हो, उसे मैंने ही किराया पर दिलवाया था, पर आंटी को तुम्हें बताने से मना कर दिया था. तुम्हारे यहां आने के कुछ ही दिनों बाद ही पूरे शहर में कोरोना के कारण लाॅकडाउन हो गया, पर मैं तुम्हारा हालचाल उन्हें बताता रहता हूं.’’ "इतनी बड़ी साजिश की तुम दोंनो ने.’’ माधवी तुनकते हुए बोली. https://www.merisaheli.com/monsoon-makeup-tips-10-expert-tips-to-make-your-makeup-last-longer-during-monsoon-season/ यह भी पढ़ें: मॉनसून मेकअप टिप्स: बरसात में मेकअप को ऐसे बनाएं लॉन्ग लास्टिंग (Monsoon Makeup Tips: 10 Expert Tips To Make Your Makeup Last Longer During Monsoon Season) तभी हल्की बारिश होने लगी थी. आकाश पूरी तरह काले बादलों से ढकने लगा था. हल्की बारिश का आनंद उठाती माधवी वही खड़ी भीगती रही. तभी अचानक बढ़कर हेमंत ने उसका हाथ थामा और तेजी से लिफ्ट की तरफ़ बढ़ गया. थाड़ी देर बाद ही दोंनो माधवी के फ्लैट में थे. माधवी एक तौलिया हेमंत को थमा, ख़ुद भी अपने भीगे कपड़े बदलने वाॅशरूम में चली गई थी... अगला भाग कल इसी समय यानी ३ बजे पढ़ें... रीता कुमारी रीता कुमारी         अधिक शॉर्ट स्टोरीज के लिए यहाँ क्लिक करें – SHORT STORIES  

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