Story Category: कहानी- मम्मी बस... (Short Story- Mummy Bas...)
“डॉक्टर मैं उसे बहुत प्यार करती हूं.”
“हां ज़रूर, पर एक बच्ची, एक इंसान की तरह नहीं, अपनी सबसे महंगी गुड़िया की तरह, जिसे आप उसके पिता से भी नहीं बांट पातीं. इससे बच्ची अपने पिता को आपके सामने खुलकर प्यार भी नहीं कर सकती. मिसेज स्वामी आप जैसी मांएं मैं ह़फ़्ते में चार-पांच देख रहा हूं.