उमा शंकर दुबे “नल खुला छोड़ दिया. पानी व्यर्थ में बह रहा है. इस देश में तमाम लोग…
आमतौर पर लोगों की सोच होती है कि रक्तदान यानी ब्लड डोनेट करने से उन्हें कमज़ोरी आ जाएगी या उनकी…
न सपनों की ये दुनिया है, न ख़्वाबों का आसमान... अंधे हैं तमाम रास्ते यहां, अंधा है ये जहां... रूह…