बॉडी पेन होना नॉर्मल है और हम सभी को होता है, लेकिन लंबे समय तक शरीर के किसी हिस्से में…
आज की तारीख़ के फिटनेस पर ध्यान तो सभी देना चाहते हैं लेकिन उसके लिए समय नहीं निकाल पाते, इसलिए वो जिम जॉइन करलेते हैं, क्योंकि अक्सर लोगों की यही धारणा होती है कि जिम में पैसे भरेंगे तो वो समय निकालकर ज़रूर जाएंगे. वहीं उनको ये भीसुविधा होती है कि अपने रूटीन के अनुसार वो अपनी सुविधा को देखते हुए टाइम स्लॉट चुन सकते हैं. लेकिन फिटनेस का मतलब सिर्फ़शरीर, मसल्स बनाना, जिम जाना और एक्सरसाइज़ करना ही नहीं होता, बल्कि ये इससे कहीं ज़्यादा व्यापक है. स्वास्थ के लिए आप जो भी करें उससे आपके तन के साथ-साथ मन, मस्तिष्क और दिल को भी बेहतर महसूस होना चाहिए. इसीलिएअगर वाक़ई गुड हेल्थ चाहिए तो योगा को अपने जीवन का नियमित हिस्सा बनाएं, क्योंकि योगा आपके शरीर को स्वस्थ और मन को भी प्रसन्न रखेगा. डेली लाइफ़ में योगा के फायदे योगा आपके शरीर को रीलैक्स करता है. मन को शांत करता है. भाग-दौड़ के बीच आपको आराम और ठहराव का एहसास कराता है. ये आपके ब्लड सर्क्यूलेशन को बेहतर करता है. आपके हार्ट को हेल्दी रखता है. स्ट्रेस दूर करने का बेहतरीन ज़रिया है योगा. इम्युनिटी बूस्ट करने में बेहद कारगर है. बॉडी की फ़्लेक्सिबिलिटी बेहतर करके मसल स्टिफ़्नेस और क्रैंप्स से बचाता है. डाइजेशन बेहतर करता है. अच्छी नींद में सहायक होता है. एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है. जोड़ों के दर्द, कमर दर्द व डायबीटीज़ जैसी समस्याओं की रोकथाम में मदद करता है. मेंटल हेल्थ को बूस्ट करता है. वेट मैनेजमेंट में बहुत कारगर है. एनर्जी बूस्ट करता है. आपको सजग और सतर्क बनाता है. …
पैरेंट्स बनना हर कपल का सपना होता है, एक बच्चा उनके रिश्ते को और भी मज़बूत और खास बना देता है, लेकिन इन दिनों पुरुष औरमहिलाओं दोनों में ही इन्फ़र्टिलिटी की समस्या बढ़ रही है, लेकिन अगर आप अपनी लाइफ़स्टाइल और ख़ानपान में थोड़ा सा बदलावलाएं तो इस समस्या को कम किया जा सकता है. क्यों कम हो रही है फर्टिलिटी? लाइफ़स्टाइल एक बड़ी वजह है. स्ट्रेस, अनहेल्दी खाना-पीना, नींद पूरी न होना आदि कई वजह हैं जो हार्मोन्स पर असर डालतीहैं. आजकल शादियां भी लेट होती हैं. लड़का-लड़की पहले अपने करियर पर फ़ोकस करते हैं और शादी होने व फ़ैमिली प्लान करनेतक वो लगभग 30 की उम्र पार कर जाते हैं. ज़ाहिर है कि एक उम्र के बाद फर्टिलिटी पर असर होता ही है. अल्कोहल और स्मोकिंग भी फर्टिलिटी पर दुष्प्रभाव डालते हैं. अनहेल्दी डाइट से पोषण की कमी होती है जिसका सीधा असर महिलाओं और पुरुषों की प्रजनन क्षमता और उससे जुड़े अंगों परपड़ता है. ओवरीज़, अंडाशय व शुक्राणुओं की क्वॉलिटी पर भी अनहेल्दी चीज़ों का असर पड़ता है. मोटापा भी एक बहुत बड़ा कारण है. अगर आप ओवर वेट हैं तो सबसे पहले अपना वज़न कम करें. महिलाओं में पीसीओडी, गर्भाशय में फाइब्रॉयड, टीबी या अन्य समस्या के चलते भी मां बनने में दिक़्क़तें आती हैं. मोबाइल और लैपटॉप को अपनी पॉकेट या गोद में न रखें. उनकी रेज़ से फर्टिलिटी पर असर होता है. क्या हैं उपाय? सबसे पहले तो अपनी लाइफ़स्टाइल हेल्दी बनाएं. डाइट से लेकर नींद सही लें. पोषणयुक्त आहार लें. हरी सब्ज़ियां, नट्स स्प्राउट्स, सलाद आदि ज़रूर लें. दालचीनी महिलाओं में बांझपन को दूर करने में काफ़ी कारगर है. यह ओवरीज़ की कार्यक्षमता को बेहतर करती है. 1 टी स्पूनदालचीनी पाउडर को गर्म दूध में मिलाकर नियमित रूप से कुछ महीनों तक सेवन करें. आप चाहें तो दूध की जगह गर्म पानी भी लेसकती हैं. चाहें तो इसमें एक चम्मच शहद भी मिला लें. दिन में दो बार इसका सेवन करें. ध्यान रहे, ज़्यादा न लें वर्ना परेशानी होसकती है. दालचीनी न सिर्फ़ अंडाशय की क्षमता बढ़ाती है बल्कि यह पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम को ठीक करने में भी काफ़ीकारगर है. इसके अलावा ये पीरियड्स को भी सामान्य करने में लाभदायक है. अनार भी इन्फ़र्टिलिटी के इलाज में काफ़ी लाभदायक है. यह गर्भाशय को मज़बूत करता है. ब्लड फ्लो को बेहतर करता है. प्रजनन अंगों तक रक्त प्रवाह को बेहतर तरीक़े से ले जाने में मदद करता है. सेंधा नमक एक ग्लास पानी में रातभर भिगो दें और सुबह इसका सेवन करें. यह गर्भाशय को मज़बूत बनाता है और पीरियड्स कोभी नॉर्मल करता है. हो सकता है इसके सेवन से आपको शुरुआत में उल्टी हो लेकिन घबराने की बात नहीं, यह सामान्य है. खजूर भी बहुत फ़ायदेमंद है. ये विटामिन ए, बी, ई और आयरन से भरपूर होते हैं. दूध में कुछ खजूर उबाल लें और दूध पीकरउनको चबा-चबाकर खाएं. यह महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए अच्छा है. आप रातभर दूध में खजूर को भिगोकर भी सुबहइसका सेवन कर सकते हैं. इसके अलावा एक अन्य उपाय महिलाओं के लिये काफ़ी कारगर है. खजूर के बीज निकालकर उसेधनिये की जड़ के साथ पीस लें. इस पेस्ट को दूध के साथ उबाल लें और ठंडा होने पर इसका सेवन करें. पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और क्वालिटी बढ़ाने के लिए लहसुन बहुत कारगर है. रोज़ सुबह-शाम लहसुन की एक कली कासेवन करें.…
Let’s face it; as much as we all have become health conscious, a visit to the doctor is still the…
बदलती लाइफस्टाइल, गलत खानपान की आदतें, इनएक्टिव लाइफस्टाइल, बढ़ता केमिकल एक्सपोज़र आई कई कारण हैं, जिसकी वजह से आजकल कम…
कम उम्र में बच्चों की आंखों को चश्मे से दूर रखने के लिए उनके डेली डायट रूटीन में शामिल कीजिए…
यदि आप हेल्दी तरीके से वेट लॉस करना चाहते हैं, तो ज़रूरी है बॉडी को डिटॉक्स और क्लींज़ करना. ये…
अगर आप भी इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि आपको अपने बेटे से पीरियड्स के बारे में बात…
बिगड़ी लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतों की वजह से आजकल यंग महिलाओं को भी घुटनों की प्रॉब्लम्स होने लगी…
गर्मी का मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर आता है. ऐसे में समर सीज़न में हेल्थ प्रॉब्लम्स से…
इंफर्टिलिटी यानी बांझपन की समस्या. इंफर्टिलिटी को हमारे यहां हमेशा महिलाओं से जोड़ा जाता है. पर सच तो ये है…
हेल्दी और फिट रहने के लिए हेल्दी आदतों का होना अच्छी बात है, लेकिन जब यही अच्छी आदतें हद से ज़्यादा बढ़कर सनक बन जाती हैं तो आपको फिट रखने की बजाय नुक़सान ही ज़्यादा पहुंचाती हैं. ऐसे में बेहतर होगा कि कुछ चीज़ों केओवर डोज़ से बचा जाए… बहुत ज़्यादा डायटिंग करना: अपने बढ़ते वज़न पर नज़र रखना और उसको कंट्रोल में रखने के लिए डायटिंग करना अच्छी बात है, लेकिन जब ये डायटिंग हद से ज़्यादा बढ़ जाती है तो वो आपको फिट और स्लिम रखने की बजाय कमज़ोर करने लगती है. कुछ लोग पतले बने रहने के चक्कर में खाना-पीना ही बंद कर देते हैं, जबकि डायटिंग का मतलब खाना बंद करना नहीं होता, बल्कि अनहेल्दी खाने को हेल्दी खाने से रिप्लेस करना होता है. लेकिन जब आप खाना एकदम ही कमकर देते हो, तो शरीर में पोषण की कमी होने लगती है और आप कमज़ोर होकर कई हेल्थ प्रॉब्लम्स से घिर जाते हो. बहुत ज़्यादा एक्सरसाइज़ करना: फिट रहने के लिए एक्सरसाइज़ करना बहुत ही हेल्दी हैबिट है, लेकिन ओवरएक्सरसाइज़ से आपको फ़ायदा कम और नुक़सान ज़्यादा होगा. यह न सिर्फ़ आपको थका देगी, बल्कि इससे आपकीमसल्स या बॉडी डैमेज तक हो सकती है. हेवी वर्कआउट के बाद बॉडी को रेस्ट की भी ज़रूरत होती है, वरना शरीर थकजाएगा और आप ऊर्जा महसूस नहीं करेंगे. बहुत ज़्यादा सप्लीमेंट्स खाना: कुछ लोगों की आदत होती है कि वो अपनी हेल्थ को लेकर ज़्यादा ही सोचते हैं और इसओवर कॉन्शियसनेस की वजह से खुद को फायदे की बजाय नुक़सान पहुंचा लेते हैं. बिना किसी सलाह के सिर्फ़ यहां-वहांसे पढ़कर या किसी की सलाह पर सप्लीमेंट्स खाना आपको गंभीर रोगों के ख़तरे तक पहुंचा सकता है. अगर आप फिट हैंऔर हेल्दी खाना खाते हैं तो सप्लीमेंट की ज़रूरत ही क्या है. इसी तरह से जो लोग बहुत ज़्यादा मल्टी विटामिंस लेते हैं उन्हेंकैंसर का ख़तरा अन्य लोगों की तुलना में अधिक होता है, क्योंकि इनके अधिक सेवन से कोशिकाओं का सामान्य निर्माणक्रम प्रभावित होकर रुक जाता है. अगर आप विटामिन सी अधिक मात्रा में लेते हैं, तो डायरिया का ख़तरा बढ़ जाता है, इसी तरह बहुत ज़्यादा विटामिन बी6 नर्व को डैमेज कर सकता है और अगर गर्भावस्था में विटामिन ए की अधिकता हो गईतो उससे बच्चे में कुछ बर्थ डिफ़ेक्ट्स हो सकते हैं. बेहतर होगा जो भी खाएं सीमित और संतुलित मात्रा में ही खाएं. पानी बहुत ज़्यादा पीना: पानी सबसे हेल्दी और सेफ माना जाता है, लेकिन अति किसी भी चीज़ की अच्छी नहीं होती. बहुतज़्यादा पानी पीने से रक्तप्रवाह में सोडियम को पतला कर देता है, जिससे मस्तिष्क की कार्य प्रणाली बिगड़ सकती है औरयहां तक कि व्यक्ति की मौत भी हो सकती है. इस अवस्था को हाईपोरिट्रेमिया कहते हैं जो उन लोगों में अधिक पाई जातीहै, जो खुद को बहुत ज़्यादा हाइड्रेट करते हैं, जैसे- एथलीट्स वग़ैरह. इसी तरह जिन लोगों को कुछ मेडिकल कंडिशन होतीहै उनको भी ज़्यादा पानी मना है, जैसे- कोरॉनरी हार्ट डिसीज़ वालों को अधिक पानी के सेवन से बचना चाहिए. दरअसलआपके शरीर को जब भी किसी चीज़ की ज़रूरत होती है, तो वो खुद ही आपको सिग्नल दे देता है, इसीलिए जब शरीर कोपानी की ज़रूरत होती है, तो आपको प्यास लगती है, लेकिन कुछ लोगों की आदत ही होती है कि वो बिना सोचे-समझेगिन-गिनकर नाप-तोलकर ज़बर्दस्ती पानी पीते रहते हैं ये सोचकर कि इससे उनका पाचन अच्छा होगा और स्किन भी ग्लोकरेगी. शुगर की जगह आर्टिफ़िशियल स्वीटनर का ज़्यादा प्रयोग: माना शुगर कम करना हेल्दी हैबिट है, लेकिन इसकी जगह आर्टिफ़िशियल स्वीटनर का ही इस्तेमाल करना शुरू देना वज़न कम करने की बजाए बढ़ाता है. इसके अलावा शुगर काएकदम ही प्रयोग बंद करने से आपका शुगर लेवल कम होकर कमज़ोरी का एहसास कराएगा. ऊर्जा के लिए शुगर भी ज़रूरी है. दांतों को बहुत ज़्यादा और देर तक ब्रश करना: कई लोगों की ये मान्यता है कि दांतों को जितना घिसेंगे, वो उतने हीचमकेंगे. लेकिन बहुत ज़्यादा देर तक ब्रश करने से आप दांतों के इनामल को नुक़सान पहुंचाते हैं और साथ ही मसूड़े भीडैमेज होते हैं इससे. बेहतर होगा सॉफ़्ट ब्रिसल्स वाला टूथ ब्रश यूज़ करें और बहुत ज़ोर लगाकर ब्रश न करें. हेल्दी फल व सब्ज़ियों का ज़्यादा सेवन: चाहे फल हों या सब्ज़ियां या कोई भी हेल्दी फूड उनका ज़रूरत से ज़्यादा सेवन भीख़तरनाक हो सकता है. हरी सब्ज़ियां जहां आपका पर अपसेट कर सकती हैं, वहीं गाजर से आपको ऑरेंज स्किन कीसमस्या हो सकती है. इसी तरह इन दिनों ऑलिव ऑइल भी बहुत पॉप्युलर है लेकिन इसके ज़्यादा प्रयोग से आप सिर्फ़अधिक कैलरीज़ और फ़ैट्स ही बढ़ाएंगे. साबुन-पानी की बजाय बहुत ज़्यादा सैनिटायज़र का इस्तेमाल: माना आज COVID के चलते सैनिटायज़र बेहद ज़रूरीऔर मस्ट हैव प्रोडक्ट बन चुका है, लेकिन अगर आप घर पर हैं और साबुन से हाथ धोने का ऑप्शन है तो बेहतर होगा कि साबुन-पानी का उपयोग करें, क्योंकि सैनिटायज़र के अत्यधिक इस्तेमाल से कीटाणु, वायरस और बैक्टीरीया अपनीप्रतिरोधक शक्ति उसके ख़िलाफ़ बढ़ा लेते हैं और फिर एक समय के बाद सैनिटायज़र उनके ख़िलाफ़ अपना असर खोदेता है. बहुत ज़्यादा सोना: यह सच है कि अच्छी और गहरी नींद बेहतर स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी है. साथ ही हेल्दी स्किन केलिए भी आपकी ब्यूटी स्लीप वरदान है, लेकिन अगर आप ये सोचकर ज़रूरत से ज़्यादा ही सोते हैं तो आप सिर्फ़ मोटापेऔर हेल्थ समस्याओं को न्योता देंगे. शोध बताते हैं कि ज़्यादा सोने से बहुत सी हेल्थ समस्या हो सकती हैं. सोया का बहुत ज़्यादा सेवन: माना ये प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है और काफ़ी हेल्दी माना जाता है, लेकिन स्टडीज़ बतातीहैं कि इसके ज़्यादा इस्तेमाल से रिप्रोडक्टिव सिस्टम कर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. घी-तेल बंद कर देना: माना इनमें फैट्स होता है और इनका बहुत ज़्यादा सेवन नुक़सान करता है, लेकिन देसी घी स्वास्थ्यके लिए और शरीर में नमी बनाए रखने के लिए ज़रूरी है. सीमित मात्रा में इनका प्रयोग ज़रूर करें, वर्ना शरीर भीतर से तोड्राई होगा ही, आपकी स्किन और बाल भी ड्राई होते जाएंगे. बेहतर होगा अच्छे घी और तेल का इस्तेमाल संतुलित मात्रा मेंकरें और वैसे भी गुड फ़ैट्स तो हेल्दी रहने के लिए बहुत ज़रूरी है, इनसे वज़न को कंट्रोल में रखने के लिए मदद ही मिलती. हनी…