healthy lifestyle

फेस योगा: अपने फेस को दें यंग और हेल्दी लुक (Face Yoga For Young And Healthy Look)

फेस पर हेल्दी और यंग लुक तो हम सभी चाहते हैं, लेकिन यह सिर्फ़ स्किन केयर और मेकअप से नहीं होगा, अपने चेहरे से अनवांटेडफैट्स, फ़ाइन लाइंस, पफी या अंदर धंसी हुई आईज़ और झुर्रियां कम करने के लिए आप कुछ ईज़ी फ़ेस योगा और एक्सरसाइज़ ट्राईकरें. फ़िश फेस सबसे पहले मैट पर आरामदायक अवस्था में बैठ जाएं.  आप सुखासन या पद्मासन में बैठ सकते हैं. अब अपने होंठों और गालों को अंदर की ओर सिकोड़ें यानी फेस को फ़िश के होठों का शेप दें.  होंठ मछली की तरह बने हों. लगभग 30 सेकेंड तक होल्ड करें और फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं.  शुरुआत में इसे 3-5 बार करें. बाद में थोड़ा बढ़ा सकते हैं. किसिंग हाई  सुखासन में बैठ जाएं या आप खड़े होकर भी इसे कर सकते हैं. धीरे-धीरे सिर को पीछे की ओर ले जाएं. मुंह ऊपर छत की ओर होना चाहिए.  अब होंठों से किसिंग शेप बनाएं. ऐसा लगे कि आप छत की ओर किस कर रहे हों. 5-7 सेकेंड इसी अवस्था में रहें. फिर रिलैक्स करें. शुरुआत में 5-7 बार दोहराएं. बाद में बढ़ा दें. किसिंग स्ट्रेट सुखासन में बैठ जाएं.  सांस सामान्य रखते हुए सिर को पीछे की तरफ़ झुकाएं और पहले ऊपर की तरफ़ किस करें. फिर रिलैक्स करें. अब सांस बाहर छोड़ते हुए सामने की तरफ़ किस करें. रिलैक्स करें और फिर यही प्रक्रिया दोहराएं.…

July 16, 2023

योगा इन डेली लाइफ: योगा को अपने रूटीन का हिस्सा बनाएं और गुड हेल्थ पाएं (Importance Of Yoga: Incorporate Yoga In Daily Life For Better Health And Immunity)

आज की तारीख़ के फिटनेस पर ध्यान तो सभी देना चाहते हैं लेकिन उसके लिए समय नहीं निकाल पाते, इसलिए वो जिम जॉइन करलेते हैं, क्योंकि अक्सर लोगों की यही धारणा होती है कि जिम में पैसे भरेंगे तो वो समय निकालकर ज़रूर जाएंगे. वहीं उनको ये भीसुविधा होती है कि अपने रूटीन के अनुसार वो अपनी सुविधा को देखते हुए टाइम स्लॉट चुन सकते हैं. लेकिन फिटनेस का मतलब सिर्फ़शरीर, मसल्स बनाना, जिम जाना और एक्सरसाइज़ करना ही नहीं होता, बल्कि ये इससे कहीं ज़्यादा व्यापक है. स्वास्थ के लिए आप जो भी करें उससे आपके तन के साथ-साथ मन, मस्तिष्क और दिल को भी बेहतर महसूस होना चाहिए. इसीलिएअगर वाक़ई गुड हेल्थ चाहिए तो योगा को अपने जीवन का नियमित हिस्सा बनाएं, क्योंकि योगा आपके शरीर को स्वस्थ और मन को भी प्रसन्न रखेगा. डेली लाइफ़ में योगा के फायदे योगा आपके शरीर को रीलैक्स करता है. मन को शांत करता है. भाग-दौड़ के बीच आपको आराम और ठहराव का एहसास कराता है. ये आपके ब्लड सर्क्यूलेशन को बेहतर करता है. आपके हार्ट को हेल्दी रखता है. स्ट्रेस दूर करने का बेहतरीन ज़रिया है योगा. इम्युनिटी बूस्ट करने में बेहद कारगर है. बॉडी की फ़्लेक्सिबिलिटी बेहतर करके मसल स्टिफ़्नेस और क्रैंप्स से बचाता है. डाइजेशन बेहतर करता है. अच्छी नींद में सहायक होता है. एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है. जोड़ों के दर्द, कमर दर्द व डायबीटीज़ जैसी समस्याओं की रोकथाम में मदद करता है.  मेंटल हेल्थ को बूस्ट करता है. वेट मैनेजमेंट में बहुत कारगर है. एनर्जी बूस्ट करता है. आपको सजग और सतर्क बनाता है. …

July 5, 2023

इंफ़र्टीलिटी दूर करने के ईज़ी होम टिप्स (Best Home Remedies To Boost Fertility)

पैरेंट्स बनना हर कपल का सपना होता है, एक बच्चा उनके रिश्ते को और भी मज़बूत और खास बना देता है, लेकिन इन दिनों पुरुष औरमहिलाओं दोनों में ही इन्फ़र्टिलिटी की समस्या बढ़ रही है, लेकिन अगर आप अपनी लाइफ़स्टाइल और ख़ानपान में थोड़ा सा बदलावलाएं तो इस समस्या को कम किया जा सकता है. क्यों कम हो रही है फर्टिलिटी? लाइफ़स्टाइल एक बड़ी वजह है. स्ट्रेस, अनहेल्दी खाना-पीना, नींद पूरी न होना आदि कई वजह हैं जो हार्मोन्स पर असर डालतीहैं. आजकल शादियां भी लेट होती हैं. लड़का-लड़की पहले अपने करियर पर फ़ोकस करते हैं और शादी होने व फ़ैमिली प्लान करनेतक वो लगभग 30 की उम्र पार कर जाते हैं. ज़ाहिर है कि एक उम्र के बाद फर्टिलिटी पर असर होता ही है. अल्कोहल और स्मोकिंग भी फर्टिलिटी पर दुष्प्रभाव डालते हैं. अनहेल्दी डाइट से पोषण की कमी होती है जिसका सीधा असर महिलाओं और पुरुषों की प्रजनन क्षमता और उससे जुड़े अंगों परपड़ता है.  ओवरीज़, अंडाशय व शुक्राणुओं की क्वॉलिटी पर भी अनहेल्दी चीज़ों का असर पड़ता है. मोटापा भी एक बहुत बड़ा कारण है. अगर आप ओवर वेट हैं तो सबसे पहले अपना वज़न कम करें. महिलाओं में पीसीओडी, गर्भाशय में फाइब्रॉयड, टीबी या अन्य समस्या के चलते भी मां बनने में दिक़्क़तें आती हैं. मोबाइल और लैपटॉप को अपनी पॉकेट या गोद में न रखें. उनकी रेज़ से फर्टिलिटी पर असर होता है. क्या हैं उपाय? सबसे पहले तो अपनी लाइफ़स्टाइल हेल्दी बनाएं.  डाइट से लेकर नींद सही लें. पोषणयुक्त आहार लें. हरी सब्ज़ियां, नट्स स्प्राउट्स, सलाद आदि ज़रूर लें.  दालचीनी महिलाओं में बांझपन को दूर करने में काफ़ी कारगर है. यह ओवरीज़ की कार्यक्षमता को बेहतर करती है. 1 टी स्पूनदालचीनी पाउडर को गर्म दूध में मिलाकर नियमित रूप से कुछ महीनों तक सेवन करें. आप चाहें तो दूध की जगह गर्म पानी भी लेसकती हैं. चाहें तो इसमें एक चम्मच शहद भी मिला लें. दिन में दो बार इसका सेवन करें. ध्यान रहे, ज़्यादा न लें वर्ना परेशानी होसकती है. दालचीनी न सिर्फ़ अंडाशय की क्षमता बढ़ाती है बल्कि यह पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम को ठीक करने में भी काफ़ीकारगर है. इसके अलावा ये पीरियड्स को भी सामान्य करने में लाभदायक है. अनार भी इन्फ़र्टिलिटी के इलाज में काफ़ी लाभदायक है. यह गर्भाशय को मज़बूत करता है. ब्लड फ्लो को बेहतर करता है. प्रजनन अंगों तक रक्त प्रवाह को बेहतर तरीक़े से ले जाने में मदद करता है. सेंधा नमक एक ग्लास पानी में रातभर भिगो दें और सुबह इसका सेवन करें. यह गर्भाशय को मज़बूत बनाता है और पीरियड्स कोभी नॉर्मल करता है. हो सकता है इसके सेवन से आपको शुरुआत में उल्टी हो लेकिन घबराने की बात नहीं, यह सामान्य है. खजूर भी बहुत फ़ायदेमंद है. ये विटामिन ए, बी, ई और आयरन से भरपूर होते हैं. दूध में कुछ खजूर उबाल लें और दूध पीकरउनको चबा-चबाकर खाएं. यह महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए अच्छा है. आप रातभर दूध में खजूर को भिगोकर भी सुबहइसका सेवन कर सकते हैं. इसके अलावा एक अन्य उपाय महिलाओं के लिये काफ़ी कारगर है. खजूर के बीज निकालकर उसेधनिये की जड़ के साथ पीस लें. इस पेस्ट को दूध के साथ उबाल लें और ठंडा होने पर इसका सेवन करें.  पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और क्वालिटी बढ़ाने के लिए लहसुन बहुत कारगर है. रोज़ सुबह-शाम लहसुन की एक कली कासेवन करें.…

May 29, 2023

लाइफ़ को फ़्रेश ट्विस्ट देने के लिए ज़रूर लें स्पिरिचुअल ब्रेक (Spiritual Wellness: How Important It Is To Indulge In Spirituality)

अक्सर ऐसा होता है कि हम दिन-रात काम करते-करते थक जाते हैं और तब हमें आराम की ज़रूरत महसूस होती है. ठीक इसी तरहहमारा मन भी तो दिन-रात भागता रहता है… न जाने कहां-कहां घूमता रहता है… ऐसे में मन भी थक जाता है, लेकिन क्या हम अपने मनकी थकान को दूर करने के लिए कुछ करते हैं? शायद नहीं… दरअसल हम अपने मन की ख़ुशियां बाहर ढूंढ़ते है और बस अपने मन में हीनहीं झांकते. जिस वजह से ग़ुस्सा, ऐंज़ायटी, डिप्रेशन जैसे भाव पनपने लगते हैं और हमारा मन बीमार होने लगता है. इसलिए बेहदज़रूरी है कि अपनी रोज़मर्रा और बिज़ी लाइफ़स्टाइल के बीच एक ब्रेक लें और वो ब्रेक होना चाहिए स्पिरिचुअल ब्रेक!  क्या, कैसे करें आइए जानते हैं… पहले तो ये जान लें कि ‘टाइम नहीं है’ वाला एटिट्यूड निकाल दें, क्योंकि टाइम किसी के पास नहीं होता, वो निकालना पड़ता है.  आप ये सोचें कि आप अपने लिए, सेल्फ़ केयर के लिए वक्त निकाल रहे हैं.  जीवन में ही नहीं अपने अंतर्मन की शांति के लिए भी यह ज़रूरी है.  खुद को महत्व देने के महत्व को समझें.  अपनी रूटीन लाइफ़ से ब्रेक लें और इस बार ब्रेक लेने के लिए मूवी या फिर शॉपिंग की बजाय स्पिरिचुअल ब्रेक के बारे में सोचें.  किसी महंगे होटेल में जाने की बजाय आप पहाड़ों की सैर पर जा सकते हैं.  नदियों के बहते पानी को देख सकते हैं.  आप अपने गांव भी जाकर खेतों में घूम सकते हैं.  अपना रूटीन बदलें और सुबह ध्यान-साधना में वक्त बिताएं.  थोड़ा प्राणायाम करें. खुली हवा में खुलकर सांस लें.  कोशिश करें कि किसी ऐसी जगह आप जाएं जो नेचर के क़रीब हो. फूलों को देखना, उगते सूरज को देखना, ढलती सांझ केसाथ वक्त बिताना आपको भीतर से रिफ़्रेश कर देगा.  यहां अपने शहर को पीछे छोड़कर आना. वहां की फ़िक्र और तमाम चिंताओं को अपने साथ न ले जाना.  चाहें तो अपने पार्टनर और बच्चों को भी साथ ले जाएं और वहां घर-बार व ऑफ़िस की बातें न करें. अपने जिस्म से अपने मन तक का रास्ता तय करने के लिए ज़रूरी नहीं कि आपको संन्यासी बनना होगा, एक सामान्य ज़िंदगीजीते हुए भी आप यह कर सकते हैं, बस ज़रूरत है इसे समझने की.  अपना मॉर्निंग रूटीन बदलें और नया हेल्दी रूटीन अपनाएं.  खाने में भी कोशिश करें कि व्यसनों से इस दौरान दूर रहें.  हेल्दी-शाकाहारी भोजन करें.  इस स्पिरिचुअल ब्रेक के दौरान आप किसी आश्रम में जा सकते हैं, धार्मिक, पौराणिक मंदिरों में भी जा सकते हैं. अपनी संस्कृतिव उस मंदिर से जुड़ी कारीगरी, नक़्काशी व उसके निर्माण से जुड़ी जानकरियां हासिल कर सकते हैं.…

April 9, 2023

मॉनसून में शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए डायबिटीज़ के रोगी करें ये 5 बेस्ट और ईज़ी एक्सरसाइज़…(5 Best And Easy Indoor Exercises For People With Diabetes During Monsoon)

डायबिटीज़ (diabetes) मैनेज (management) करने के लिए बेहद ज़रूरी है हेल्दी लाइफ़स्टाइल (healthy lifestyle), जिसमें डायट (diet), ट्रीटमेंट (treatment) के…

July 31, 2022

बच्चों से कराएं योग, ताकि दूर रहें उनसे सारे रोग… (Yoga For Kids: Improve Your Child’s Physical And Mental Well-Being)

हम सभी जानते हैं कि बच्चों के लिए भी आज की लाइफ़ स्टाइल काफ़ी तनावपूर्ण हो चुकी है, बढ़ते कॉम्पटिशन के बीच अनहेल्दी खान-पान और दिनचर्या बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को काफ़ी प्रभावित कर रही है. ऐसे में बेहतरहोगा कि बच्चों को हम कुछ बेसिक हेल्दी चीज़ें सिखाएं जिससे उनका शारीरिक विकास भी हो, वो हेल्दी और स्ट्रॉन्ग रहेंऔर इसके साथ ही उनकी मेंटल हेल्थ भी ठीक रहे. यहां हम बच्चों के लिए बेस्ट योगासन बताने जा रहे हैं जो उनकी बोंस, मसल्स को मज़बूती तो देंगे ही, साथ ही उनमें एकाग्रता, आत्मविश्‍वास बढ़ाकर उनको स्ट्रेस फ्री रखेंगे और अच्छी नींद लानेमें भी सहायक होंगे.  वृक्षासन यानी ट्रीपोज़ सीधे खड़े हो जाएं.दोनों हाथों को बग़ल में रखें.दाएं पैर को घुटने से मोड़कर बाएं पैर की जांघ या घुटने के के पास रखें.गहरी सांस लेते रहें. अब अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर लाएं और हथेलियों को एक साथ मिलाकर नमस्कार की मुद्रा में लाएं. रीढ़ गर्दन सीधी रहे. ये बैलेन्सिंग पोज़ है जिससे पैर, रीढ़ मज़बूत होते हैं और संतुलन करना हम सीखते हैं. भुजंगासन पेट के बल सीधे लेट जाएं.दोनों हथेलियों को सीने के पास रखें.दोनों पैर एक-दूसरे को टच करते हुए बिल्कुल सीधे हों.अब दोनों हाथों की हथेली की सहायता से शरीर का आगे का भाग यानी सिर, कंधे व धड़ को ऊपर की ओर उठाएं जैसे सांप का पोज़ होता है. इसी वजह से इसको कोबरा या स्नेक पोज़ कहते हैं.कुछ देर बाद वापस आ जाएं. अपनी क्षमता के हिसाब से करें.  त्रिकोणासन सीधे खड़े होकर सांस अंदर लें.दोनों पैरों के बीच 2-3 फीट की दूरी बनाते हुए सांस छोड़ें.दोनों हाथों को ऊपर उठाकर बाईं ओर झुकें.दाएं हाथ से बाएं पैर को छुएं और बाईं हथेली की ओर देखें.थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें, फिर पहलेवाली स्थिति में आ जाएं.दूसरी ओर से भी यही दोहराएं. धनुरासन पेट के बल लेट जाएं.दोनों हाथों को सीधा रखें.दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर लंबी सांस लें और सीने को ऊपर की ओर उठाएं.दोनों हाथों से दोनों पैरों की एड़ियों को इस तरह पकड़ें कि धनुष का आकार बन जाएगा.सांस छोड़कर पहलेवाली स्थिति में आ जाएं. सुखासन पालथी मारकर सीधे बैठ जाएं. हाथों को घुटनों के ऊपर रखें.आंखें बंद रखें और सांस सामान्य हो. रीढ़, गर्दन और सिर सीधे हों.मन से सारे विचार निकालकर शांति बनाए रखें. अपनी क्षमता के हिसाब से जितना देर तक बच्चे बैठ सकें बैठने दें.  बालासन घुटनों को मोड़कर घुटनों के बल एड़ी पर आराम से बैठ जाएं.टखनों और एड़ियों को आपस में टच कराएं और घुटनों को बाहर की तरफ जितना हो सके फैलाएं.सांस अंदर खींचकर आगे की ओर झुकें.जब पेट दोनों जांघों के बीच आ जाए तब सांस छोड़ दें.दोनों हाथों को सामने की तरफ रखें.हथेलियों को ज़मीन से टच होने दें. सिर को भी ज़मीन से टच करते हुए टिका लें. ताड़ासन आराम से खड़े हो जाएं.दोनों पंजों के बीच ज़्यादा फासला न रखें.शरीर का वज़न दोनों पैरों पर समान हो.अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए अपने हाथों को साइड से ऊपर उठाएं. हथेलियां खुली हों.हाथों को सिर के ऊपर उठा ले जाएं.धीरे-धीरे हथेली को, कलाई को, हाथों को, कंधे, सीने व पैरों को भी ऊपर की तरफ़ खींचें और अंत में पैरों के पंजों पर आ जाएं.पूरा शरीर ऊपर की तरफ़ खिंचा हुआ महसूस हो.कुछ क्षण इस स्थिति में रहें.संतुलन बनाए रखना शुरुआत में मुश्किल होगा लेकिन प्रयास करने से बेहतर तारीके से कर पाएंगे.अब धीरे-धीरे पैरों की एड़ियों को ज़मीन पर रखते हुए वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं. नटराजासन…

July 15, 2022

हेल्थ एंड फिटनेस: मेंटल हेल्थ की बेस्ट होम रेमेडीज़ (Health And Fitness: Best Home Remedies For Mental Health)

एक वक़्त था जब मेंटल हेल्थ यानी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति अब एकदम अनजान थे. न उस पर कभी बात होती थी, न हीकभी विचार-विमर्श, क्योंकि हमें ये ग़ैर ज़रूरी लगता था. लेकिन वक़्त बदलने के साथ ही थोड़ी जागरूकता आती गई, लेकिन फिर भी अन्य देशों के मुक़ाबले हम आज भी पीछे हैं. डाउनलोड करें हमारा मोबाइल एप्लीकेशन https://merisaheli1.page.link/pb5Z और रु. 999 में हमारे सब्सक्रिप्शन प्लान का लाभ उठाएं व पाएं रु.…

March 9, 2022

वर्ल्ड हार्ट डे: भारतीय युवाओं में तेज़ी से बढ़ रहे हैं हार्ट फेलियर के मामले, जानें इसे कैसे मैनेज करें, ताकि आपका दिल सुरक्षित रहे! (World Heart Day: Managing The Rise Of Failure In India)

हार्ट फेलियर धीरे-धीरे बढ़ने वाली बीमारी है. इसमें हृदय की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. इसका मतलब यह नहीं है…

September 29, 2021

पर्सनलाइज़्ड डायट प्लान व लाइफ़स्टाइल से जुड़े ये 6 तत्व रखेंगे आपके पेट और गट यानी आंतों को हमेशा हेल्दी! (6 Components For A Personalized Diet Plan To Achieve A Healthy Gut)

हमारा स्वास्थ्य काफ़ी हद तक पेट और आंतोंके स्वास्थ्य से संबंध रखता है, लेकिन आजकल हमारी लाइफ़स्टाइल और हमारा खानपान ऐसा हो चुका है कि पेट संबंधी कई तकलीफ़ें अब आम हो चुकी हैं, जैसे- गैस, एसिडिटी और पाचन संबंधी परेशनियां और जब ये समस्याएं लंबे समय तक बनी रहती हैं तो गंभीर रूप औरअन्य रोगों को हुई जन्म देती हैं, जैसे- फ़ैटी लिवर, मेटाबॉलिक सिंड्रोम और जब इन समस्याओं का समय पर इलाज नहींहो पाता तो ये और गंभीर होकर डायबिटीज़ टाइप 2 और हृदय रोगों ke जन्मों का कारण बन जातीं हैं.  इनसे बचने के लिए महत्वपूर्ण है कि आप अपनी ज़रूरत अनुसार अपनी लाइफ़स्टाइल और डायट चेंज करें ताकि आपकापेट और पाचन रहे फिट, हेल्दी और गैस्ट्रोइंस्टेस्टाइनल संबंधी समस्याओं से मुक्त! इसलिए गैस्ट्रोइंस्टेस्टाइनल संबंधी समस्याओं से ग्रसित रोगियों को उनकी स्थिति और व्यक्तिगत परिस्थितियों केअनुसार, आहार और जीवनशैली की में बदलाव की आवश्यकता होती है, जो एक्सपर्ट अड्वाइस से ही संभव है.  डॉ. रमेश गर्ग, सलाहकार गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट इस संदर्भ में दे रहे हैं ज़रूरी जानकारी- पूरे भारत में गैस्ट्रोइंस्टेस्टाइनल संबंधीसमस्याएं काफ़ी व्यापक हैं, जिसकी मुख्य वजह है- इनएक्टिव लाइफ़स्टाइल यानी गतिहीन जीवनशैली और अनहेल्दीडायट! इनसे निपटने का एक ही तरीक़ा है- दवाओं व इलाज के साथ-साथ डायट में बदलाव और एक्सरसाइज़, जिनमेंइस बात का पूरा ध्यान रखना होगा कि भारत भिन्नता का देश है, आपकी भौगोलिक स्थिति, जलवायु, मौसम, खान-पान, रहन-सहन आदि इसमें बड़ी भूमिका अदा करते हैं! इसलिए लाइफ़स्टाइल और डायट में बदलाव के लिए ये 6 तत्व हैं बेहदमहत्वपूर्ण-  खाना कितनी मात्रा में और कितनी बार खाया जाए: ये हर किसी की व्यक्तिगत ज़रूरत पर निर्भर करता है लेकिन जिन्हेंपेट और आंत संबंधी समस्या है वो 5-6 बार थोड़ा-थोड़ा खाएं और हाई बीपी से हो ग्रसित हैं वो दिन में 3 बार खाना खाएंजिससे एसिड का अधिक निर्माण और स्राव संतुलित हो. खाना बनाने का तरीक़ा: जी हां, आप खाने को उबालते हैं, स्टीम करते हैं या तलते हैं- ये तमाम बातें प्रभावित करती हैं. जैसेडीप फ़्राई यानी तला हुआ खाना डायबिटीज़, फ़ैटी लिवर और क़ब्ज़ से परेशान लोगों को अवॉइड करना चाहिए. इसकेअलावा सब्ज़ियों को अगर बिना छीले पकाया जाए तो वो सबसे बेहतर है क्योंकि धोने और साफ़ लेने के बाद बिनाछिलका निकाले उन्हें पकाया जाए तो हेल्दी होता है क्योंकि छिलके पोषण और फाइबर का बेहतरीन स्रोत होते हैं जिससेआंतों का स्वास्थ्य भी बना रहता है. …

April 15, 2021

ऐसे खाएंगे खाना, तो आसान होगा वज़न घटाना, ये 15 आदतें बदल देंगी वेट लॉस के प्रति आपका नज़रिया! (Top 15 Habits That Can Help You Lose Weight)

हेल्दी भला कौन नहीं रहना चाहता और यह ज़रूरी भी है, लेकिन हेल्दी रहने के लिए बेहद ज़रूरी है कि…

April 4, 2021

हेल्दी रहने के 50 सिंपल गोल्डन रूल्स, इन छोटे-छोटे स्टेप्स को फॉलो करें और रहें हमेशा फिट (50 Simple Tips To Stay Healthy & Fit)

हेल्दी रहना भले ही आज के दौर में इतना आसान नहीं लेकिन छोटी-छोटी कोशिशें बड़े रंग ला सकती हैं. आप…

March 30, 2021

युवाओं में तेज़ी से बढ़ रहे हैं विटामिन D की कमी के मामले, क्या आपको भी पर्याप्त सनलाइट नहीं मिलती? इन 4 तरीकों से विटामिन D की ज़रूरत को पूरा कर सकते हैं (Not Getting Enough Sunlight? Here Are 4 Tips To Up Your Vitamin D Intake)

विटामिन डी के कई लाभ हैं- हड्डियों, मांसपेशियों और दांतों को मज़बूती देने से लेकर इम्यूनिटी बढ़ाने तक में ये लाभकारीहै. सबसे अच्छी बात तो यह है कि हमारा शरीर धूप के द्वारा खुद ही विटामिन डी का निर्माण कर सकता है. लेकिनआजकल की लाइफ़स्टाइल और कम फ़िज़िकल एक्टिविटी के चलते हमें सूरज की रोशनी पर्याप्त रूप में नहीं मिल पाती. इसके अलावा और भी कई तरह की रुकावटें आती हैं जिनमें से बढ़ती उम्र भी एक है, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ हीविटामिन डी का निर्माण कम होने लगता है. इसके अलावा वायु प्रदूषण जो कि भारत में बहुत ज़्यादा है वो भी हमारे औरसूरज की रोशनी के बीच रुकावट का काम करता है और फिर सर्दियों में तो वैसे ही विटामिन डी का स्तर कम हो जाता है. इसीलिए भले ही भारत गर्म प्रदेशों में आता है लेकिन भारतीयों में विटामिन डी की कमी काफ़ी पाई जाती है. डॉक्टर संजीव गोयल द्वारा की गई एक स्टडी में पाया गया कि 76% भारतीय आबादी में विटामिन डी की कमी है, जिनमेंसे 18-30 वर्ष के लोग सबसे अधिक प्रभावित हैं, लगभग 82.5%. इस शोध पर एबॉट के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर श्रीरूपा दास ने कहा है कि शोध से ये बात साफ़ हो जाती है कि सिर्फ़उम्रदराज़ लोगों में ही नहीं, युवाओं में भी विटामिन डी की कमी सोचनीय है. ये एक तरह से लोगों की सेहत के साथ जोखिमवाली बात है. विटामिन डी की कमी हृदय संबंधी रोग, डायबिटीज़, उच्च रक्तचाप, ऑस्टीओपरोसिस व अन्य हड्डियों से जुड़े रोगों को जन्म दे सकती है.  ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि विटामिन डी के महत्व के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाई जाए ताकि हर कोई इसमहत्वपूर्ण पोषक तत्व को प्राप्त करने की दिशा में क़दम उठा सके और स्वस्थ रह सके. यहां कुछ बेहद आसान टिप्स हैं जिन पर आप फ़ौरन अमल करके विटामिन डी का स्तर बढ़ाने की दिशा में क़दम उठासकते हैं. 1. सूर्य के प्रकाश में अधिक समय बिताएं  सबसे पहला समाधान यही है कि सूरज की रोशनी में अधिक देर तक रहें लेकिन ये भी ज़रूरी है कि आप सही समय परधूप लें जिससे सबसे अधिक लाभ मिले. दोपहर के समय 35-40 मिनट की सीधी धूप सबसे बेहतर होगी. आप अपनी छतया बाल्कनी का उपयोग कर सकते हैं, वो भी अपना लैपटॉप लेकर आप वहां काम भी जारी रख सकते हैं जिससे माहौल मेंभी बदलाव महसूस होगा... या आप ख़ाली समय में वहां कोई बुक पढ़ सकते हैं और इस तरह से आसानी से अपनी सेहतकी ज़रूरतों का भी ख़्याल रख सकते हैं. 2. बाहरी गतिविधियों को तवज्जो दें  आजकल की लाइफ़स्टाइल ने शारीरिक गतिविधियों को कम कर दिया है और इसी वजह से विटामिन डी का स्तर कम होरहा है और मोटापा भी बढ़ रहा है. नियमित रूप से वॉक, साइकल, योगा या अन्य कसरत करने से ना सिर्फ़ धूप के संपर्कमें अधिक रहेंगे बल्कि बनाने भी नियंत्रण में रहेगा और सेहत भी बनी रहेगी. हालाँकि आज जब लोग घर से काम कर रहे हैं और कम्प्यूटर व ऑनलाइन ही सारी मीटिंग्स होती हैं तो बाहर जाना इतनाआसान भी नहीं, इसलिए यहां कुछ विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ हम दे रहे हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं. 3. अपनी ग्रोसरी शॉपिंग लिस्ट में इन पदार्थों को शामिल करें  विटामिन डी के बेहतरीन स्रोत हैं ये- सालमन, टूना और सर्ड़िन जैसी मछलियां, कॉड लिवर ऑइल और झींगा. ये तमामपदार्थ ओमेगा-3 फैटी एसिड से भी भरपूर हैं. शाकाहारी लोगों को भी परेशान होने की ज़रूरत नहीं, क्योंकि मशरूम औरचीज़ भी विटामिन डी से भरपूर होते हैं. 4. अपने डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें ताकि आप सही दिशा की ओर बढ़ सकें …

February 25, 2021
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