healthy lifestyle

एयर प्यूरिफायर: साइंस कहता है शुद्ध हवा के साथ-साथ कई ऐसे हेल्थ बेनीफिट्स भी हैं, जिन्हें शायद ही आप जानते हों! (Amazing, Unknown And Unbelievable Health Benefits Of Air Purifiers, According To Science)

जैसे-जैसे हम तऱक्क़ी करते जा रहे हैं, वैसे-वैसे उसकी क़ीमत भी चुका रहे हैं. औद्योगिक विकास हो या फिर तकनीकी,…

January 28, 2021

हेल्दी रहना है, तो रखें अपने पाचन तंत्र और मेटाबॉलिज़्म को फिट! (Maintaining Digestive Health: Easy Ways To Boost Your Metabolism)

हमारा स्वास्थ्य काफ़ी हद तक हमारे पेट और पाचन तंत्र से जुड़ा रहता है, इसलिए हेल्दी रहने के लिए पाचन तंत्र औरमेटाबॉलिज़्म का सही और हेल्दी रहना बेहद ज़रूरी है. कैसे रखें अपने पाचन तंत्र का ख़्याल आइए जाने. हो सही शुरुआत: जी हां, दिन की शुरुआत सही होगी तो पूरा दिन सही होगा और सेहत भी दुरुस्त रहेगी. सही शुरुआत केलिए हेल्दी और पौष्टिक नाश्ता ज़रूरी है. नाश्ता पौष्टिक होना ज़रूरी है- फल, ड्राई फ़्रूट्स, दलिया, उपमा, पोहा, कॉर्नफ़्लेक्स, दूध, फ़्रूट जूस, अंकुरित अनाज,दालें, अंडा, पराठे, दही आदि. पौष्टिक नाश्ता आपका दिनभर संतुष्ट रखताऔर इससे पाचन तंत्र संतुलित रहता है. ये दिनभर की ऊर्जा प्रदान करता है. एसिडिटी से राहत दिलाता है, क्योंकि अगरआप नाश्ता नहीं करते हैं, तो ऐसिड बनने लगती है, जो काफ़ी तकलीफ़ देती है. हेल्दी डायजेशन के लिए प्रोबायोटिक्स ज़रूरी है: क्या आप जानते हैं कि बैक्टीरिया भी हेल्दी और अनहेल्दी होते हैं. हेल्दीबैक्टीरिया पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं और पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं. हेल्दी बैक्टीरिया आपको प्रोबायोटिक्स सेमिलते हैं. आप प्रोबायोटिक्स के प्राकृतिक स्रोतों को भोजन में शामिल करें. दही, ख़मीर वाले प्रोडक्ट्स, छाछ व रेडीमेडप्रोबायोटिक्स ड्रिंक्स का सेवन करें. स्ट्रेस से दूर रहें: स्ट्रेस यानी तनाव पूरे शरीर व ख़ासतौर से पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. इससे गैस, ऐसिडिटी, क़ब्ज़ जैसी समस्या हो सकती है. तनाव के कारण पेट में ब्लड व ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है जिससेपेट में ऐंठन, जलन जैसी समस्या होने लगती है, साथ ही पेट में मैजूद हेल्दी बैक्टीरिया में भी असंतुलन आने लगता है. इसके अलावा तनाव से नींद भी नहीं आती और नींद पूरी ना होने से पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता.  प्रोटीन रिच फूड खाएं: ये मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाता है. प्रोटीन के लिए आप पनीर, चीज़ व अन्य डेयरी प्रॉडक्ट्स शामिल करसकते हें. इसके अलावा अंडा, चिकन, फिश भी प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं और ये मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाते हैं. सेब, केला और पपीता ज़रूर खाएं: सेब में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जो पेट के स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं. सेबफाइबर का अच्छा स्रोत भी है और गुड बैक्टीरिया को पनपाने में भी मदद करता है. पपीते में विटामिन ए, बी और सी औरकई तरह के एन्ज़ाइम्स होते हैं, जो खाने को डायजेस्ट करने में मदद करते हैं. रिसर्च बताते हैं कि पपीता खाने सेडायजेस्टिव सिस्टम में सुधार होता है. केले में फाइबर और पेक्टिन भरपूर मात्रा में होता है, जो आंतों के स्वास्थ्य के लिएबहुत फायदेमंद होता है. डायट में फाइबर शामिल करें: भोजन में फाइबर जितना ज़्यादा होगा पेट उतना ही स्वस्थ होगा क्योंकि आपको क़ब्ज़ कीसमस्या नहीं होगी. फाइबर कोलोन की कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है और पेट साफ़ रखता है. अपने भोजन में साबूतअनाज, दालें, गाजर, ब्रोकोली, नट्स, छिलके सहित आलू, मकई, बींस व ओट्स को शामिल करें. अदरक का सेवन करें: अदरक पेट के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है. यह पाचन को बेहतर करता है. अदरक के टुकड़ेकरके ऊपर से नींबू का थोड़ा सा रस डालें और भोजन के साथ खाएं. आपका हाज़मा बेहतर होगा. अपच की समस्या नहीं होगी. लहसुन मेटाबॉलिज़्म को बूस्ट करता है: लहसुन को भी डायट में शामिल करें. यह ना सिर्फ़ मेटाबॉलिज़्म को बेहतर करता है बल्कि वज़न कम करने में भी सहायक है और हार्ट को भी हेल्दी रखता है. जीरा भी है बेहद हेल्दी: जीरा आंतों को और गर्भाशय को भी साफ़ रखता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. जीरा भूख भीबढ़ाता है और पेट संबंधी कई समस्याओं से राहत दिलाता है. ग्रीन टी है मेटाबॉलिज़्म बूस्टर: जी हां, ग्रीन टी ज़रूर लें इससे पाचन बेहतर होता है. यह मेटाबॉलिज़्म बूस्टर मानी जाती हैऔर वज़न भी कम करती है. साबूत अनाज और बींस: यह पाचन तंत्र को ठीक रखने में सहायक होते हैं. क़ब्ज़ से बचाते हैं और पेट संबंधी कईसमस्याओं से राहत दिलाते हैं. इसी तरह बींस में भी फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को बेहतर करता है. बींस से गुड़बैक्टीरिया भी बढ़ते हैं और कब्ज़ की समस्या भी नहीं होती. हरी पत्तेदार सब्ज़ियां: ये प्रोटीन व आयरन का भी अच्छा सोर्स मानी जाती हैं और विटामिंस से भरपूर होती हैं. साथ ही साथये पेट को व पाचन तंत्र को हेल्दी रखती हैं. ये फाइबर का बेहतर स्रोत होती हैं, इनमें ख़ासतौर से पालक और गोभी में कईपोषक तत्व- फोलेट, विटामिन ए, सी और के होता है. शोध बताते हैं कि हरी पत्तेदार सब्ज़ियों में एक ख़ास तरह का शुगरहोता है जो आंतों के हेल्दी बैक्टीरिया (गट बैक्टीरिया) के निर्माण को बढ़ाता है. रसीले व मौसमी फल व ड्राई फ़्रूट्स खाएं: फल पेट को हेल्दी रखते हैं. क़ब्ज़ की समस्या नहीं होने देते. फाइबर से भरपूरहोते हैं. ड्राई फ़्रूट्स भी फाइबर से भरपूर होते हैं और आंतों को हेल्दी रखते हैं. हाल ही के रिसर्च से पता चला है कि प्रूनयानी सूखा आलूबखारा आंतों, मुंह और वजाइना में पाया जानेवाला ख़ास क़िस्म का बैक्टीरिया के निर्माण में सहायकहोता है जिससे पाचन तंत्र भी मज़बूत होता है. इसी तरह से खजूर भी पेट के लिए काफ़ी हेल्दी माना जाता है. हाईड्रेटेड रहें: पानी ख़ूब पिएं क्योंकि यह ज़हरीले तत्वों को बाहर करता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है. शरीर मेंपानी व नमी की कमी ना होने पाए. नींबू पानी, नारियल पानी या ताज़ा फल व सब्ज़ी का जूस भी लें.  एक्टिव रहें, एक्सरसाइज़ व योगा करें: रोज़ाना 30 मिनट एक्सरसाइज़ करें, वॉक करें, एक्टिव रहें. लिफ़्ट की बजायसीढ़ियों का इस्तेमाल करें. योगा भी कर सकते हैं. साइक्लिंग, स्विमिंग भी कर सकते हें. यह रूटीन आपकी मांसपेशियोंको लचीला बनाएगा और पाचन को बेहतर. वरना शारीरिक गतिविधियों की कमी से क़ब्ज़ जैसी समस्या होने लगेगी.…

December 5, 2020

हेल्दी लिविंग के सीक्रेट और स्मार्ट सूत्र! (Healthy Living: Secrets And Sutras For Healthy Life)

हेल्दी तो हम सभी रहना चाहते हैं लेकिन कुछ छोटे छोटे सूत्र हैं जिन पर हम ध्यान ही नहीं देते, अगर ये सूत्र और सीक्रेट हमसमझ जाएँ तो हेल्दी रहना आसान हो जाए.  आइए जानते हैं इन्हीं सीक्रेट सूत्रों को- सकारात्मक रहें और अपना महत्व समझें. खुद पर ध्यान देना ज़रूरी है इस तथ्य को समझ लें.दूसरों के लिए जीना अच्छी सोच है लेकिन उससे पहले खुद के लिए जीना सीखें.आप हेल्दी रहेंगे तभी तो दूसरों के लिए भी कुछ कर पाएँगे.हाईड्रेटेड रहें ताकि शरीर में पानी व नमी की कमी ना हो. पानी ज़हरीले तत्वों को बाहर करता है और पाचन क्रियाको बेहतर बनाता है.फ़िज़िकली एक्टिव रहें. एक्सरसाइज़ व योगा करें. आप भले ही कितना भी हेल्दी खा लें पर जब तक शरीर कोक्रियाशील नहीं रखेंगे तब तक कहीं न कहीं कोई कमी रह ही जाएगी. रोज़ाना कम से कम आधा घंटा कसरत करें. जॉगिंग और वॉकिंग करें.लिफ़्ट की बजाए सीढ़ियों का इस्तेमाल करें. यह रूटीन आपकी मांसपेशियों को लचीला बनाएगा और पाचन कोबेहतर. ध्यान और योगा भी कर सकते हैं. मेडिटेशन से ब्रेन में हैप्पी हार्मोंस रिलीज़ होते हैं और एक नई ऊर्जा का एहसासहोता है.ध्यान रहे फ़िज़िकल एक्टिविटी की कमी से क़ब्ज़ जैसी समस्या हो सकती है. हेल्दी खाना खायें. अपने दिन की शुरुआत पोषण भरे नाश्ते से करें. भले ही लंच ठीक से ना करें लेकिन नाश्ता अच्छी तरह और हेल्दी करेंगे तो फ़ैट्स से बचेंगे.रिसर्च बताते हैं कि जो लोग नाश्ता करते हैं उनका एनर्जी लेवल अधिक होता है और वो दिनभर ऐक्टिव बने रहते हैं.जंक फूड से बचें. हेल्दी खाना खाएँ. मंचिंग के लिए भी हेल्दी ऑप्शन पर ध्यान दें. फ़्राइड सनैक्स की बजाए ड्राई फ़्रूट्स, बेक्ड फ़ूड रखें.स्ट्रेस ना लें, क्योंकि तनाव पूरे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. इस से गैस, ऐसिडिटी, क़ब्ज़ जैसी समस्या होसकती है.स्ट्रेस के कारण पेट में रक्त व ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है जिससे पेट में ऐंठन, जलन जैसी समस्या होनेलगती है, साथ ही पेट में मैजूद हेल्दी बैक्टीरिया में भी असंतुलन आने लगता है. शराब व कैफेन का सेवन कम करें क्योंकि यह भीतर से शरीर को ड्राई और डीहाईड्रेट करते हैं.अपने भोजन में साबूत अनाज, गाजर, ब्रोकोली, नट्स, मकई, बींस, ओट्स, दालें व छिलके सहित आलू को शामिलकरें.मौसमी फल खाएँ और अपने खाने में हर रंग की फल-सब्ज़ियाँ शामिल करें.दही व छाछ का सेवन करें, क्योंकि इनमें हेल्दी बैक्टीरिया होते हैं जो पेट और आँतों को स्वस्थ रखते हैं.पनीर का सेवन करें क्योंकि यह वज़न को भी नियंत्रित रखने में कारगर है.हफ़्ते में एक या दो दिन अपनी क्रेविंग्स के लिए रखें. मनपसंद कुछ खाएँ क्योंकि अगर आप बहुत ज़्यादा स्ट्रिक्टडायट करते हो तो बहुत ज़्यादा समय तक उसको फ़ॉलो कर पाना बेहद मुश्किल है.हेल्दी सूप को अपने डायट का हिस्सा बनाएँ. किचन में मौजूद मसाले भी बहुत हेल्दी होते हैं , काली मिर्च, दालचीनी, लौंग, इलाइची,धनिया आदि को खाने में शामिल करें. अगर गले में ख़राश या सिर में दर्द हो तो चटकीभर दालचीनी पाउडर को पानी के साथ लें. यही नहीं दालचीनी वज़नभी कम करती है. इसे सलाद या दही में मिलाकर ले सकते हैं. यह मुँहासों को भी कम करता है. दालचीनी पाउडर कोपानी में मिलाकर पेस्ट तैयार करें और अप्लाई करें.अगर कफ़ की समस्या हो तो सरसों के तेल में लहसुन और सेंधा नमक मिलाकर गुनगुना करें और सीने पर मालिशकरें.वज़न को नियंत्रण में रखें क्योंकि बढ़ता वज़न कई बीमारियों को जन्म देता है. हार्ट से लेकर ब्लड प्रेशर औरडायबिटीज़ तक जैसी समस्याएँ बढ़ते वज़न के कारण हो सकती हैं.वज़न कम करने के लिए छोटे गोल्स सेट करें और धैर्य ना खोएँ.वज़न कम करने में नींबू और शहद बेहद कारगर हैं. गुनगुने पानी में रोज़ सुबह खाली पेट सेवन करें.स्पोर्ट्स, स्विमिंग या डांस क्लास से जुड़ सकते हैं.अपने शौक़ को ज़रूर पूरा करें, उन्हें मरने ना दें, क्योंकि यही शौक़ आपको जीवंत बनाए रखते हैं.पर्सनल हाइजीन से लेकर ओरल हाइजीन तक के महत्व को समझें और उनपर ध्यान भी दें. हेल्दी सोशल लाइफ़ मेंटेन करें, क्योंकि इससे आपको अकेलापन और डिप्रेशन नहीं होगा. लोगों की मदद करें यहआपको बेहतर महसूस कराएगा.पार्टी करें, दोस्तों से मिलें और रिश्तों में इंवेस्ट करें.धोखा ना दें क्योंकि यह आपमें अपराधबोध की भावना को जन्म देगा और आप भीतर से अनहेल्दी मेहसूस करेंगे.ज़िम्मेदारी लेना सीखें, यह आपमें आत्मविश्वास बढ़ाएगा.नींद पूरी लें, यह आदत आपको कई तरह के तनावों से बचाएगी और साथ ही दिनभर ऊर्जावान रखेगी. साथ ही यहडिप्रेशन जैसी नकारात्मक भावनाओं से भी आपका बचाव करती है.ओवर ईटिंग और ओवर स्लीपिंग से भी बचें, ये आपको अनहेल्दी बनाती हैं.बहुत ज़्यादा टीवी ना देखें, यह आपको आलसी और इनएक्टिव तो बनाएगा ही साथ ही रिसर्च बताते हैं कि ज़्यादाटीवी देखने वालों की लाइफ़ कम होती जाती है. इसी तरह मोबाइल और बहुत ज़्यादा सोशल साइट्स पर भी ना बने रहें. ये आपके रिश्तों की सेहत के लिएहानिकारक है जिसका असर आपने शरीर पर भी पड़ता है.कुकिंग थेरेपी आज़माएँ. रिसर्च के अनुसार जब आप खुद खाना बनाते हैं तो स्ट्रेस कम होता है, आप बेहतर महसूसकरते हैं, क्रिएटिव बनते हैं और हेल्दी रहते हैं.नए दोस्त बनाएँ और हो सके तो पेट्स रखें. ये आपको खुश और हेल्दी रखने में मदद करते हैं.खुश होने का मौक़ा ना छोड़ें. बड़ी चीज़ों की बजाए छोटी छोटी चीज़ों में ख़ुशियाँ देखें. यह आपको सकारात्मकबनाती है और मन के संतोष को दूर करती हैं.ये तमाम बातें आपको पहले से ही पता होती हैं लेकिन कमी सिर्फ़ जज़्बे की होती है. बेहतर होगा बिना देर किएआज से ही हेल्दी लाइफ़ के इन सीक्रेट और सूत्रोंको अमल में लाया जाए. सरस्वती शर्मा यह भी पढ़ें: हेल्थ अलर्ट- मास्क पहनते समय इन…

November 24, 2020

फिटनेस प्रोजेक्ट: घी खाएं बिना डरे, बिना शंका व अपराधबोध के… रुजुता दिवेकर का फिटनेस मंत्र (Eat Ghee Without Fear, Without Guilt, Without Doubt: The Fitness Project by Rujuta Diwekar)

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March 1, 2020

फिटनेस का मतलब वेटलॉस या पतला होना नहीं होता… रुजुता दिवेकर का फिटनेस मंत्र! (Theme- fitness is simple and uncomplicated- The Fitness Project by Rujuta Diwekar)

फिटनेस का मतलब वेटलॉस या पतला होना नहीं होता... रुजुता दिवेकर का फिटनेस मंत्र! (Theme- fitness is simple and uncomplicated-…

February 8, 2020

जानें क्या है मेटाबॉलिक सिंड्रोम… यूं कम करें पेट के फैट्स- इशी खोसला (About Metabolic Syndrome… How To Reduce Belly Fat- Ishi Khosla)

जानें क्या है मेटाबॉलिक सिंड्रोम... यूं कम करें पेट के फैट्स- इशी खोसला (About Metabolic Syndrome... How To Reduce Belly…

January 28, 2020

आर्ट ऑफ ईटिंग राइट: सही खाना और कैलोरीज़ गिनना एक-दूसरे के विपरीत है- रुजुता दिवेकर (Indian Food Wisdom And The Art Of Eating Right By Rujuta Diwekar)

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January 18, 2020

किस हेल्थ प्रॉब्लम में क्या खाएं, क्या न खाएं? (Health Problems Associated With Foods)

किस हेल्थ प्रॉब्लम में क्या खाएं, क्या न खाएं? (Health Problems Associated With Foods) रोज़मर्रा की व्यस्त जीवनशैली में हम…

November 11, 2018

मॉनसून में फिटनेस के लिए इंडोर एक्टिविटीज़ (Fitness Special: Indoor Activities For Monsoon)

मॉनसून में फिटनेस के लिए इंडोर एक्टिविटीज़ (Fitness Special: Indoor Activities For Monsoon) ख़ुद को फिट रखना आपका पैशन है, लेकिन…

August 12, 2018

मॉनसून में कैसे रखें सेहत का ख़्याल? (Monsoon Health Care)

  मॉनसून में कैसे रखें सेहत का ख़्याल? (Monsoon Health Care) गर्मी की तपिश से राहत दिलानेवाली बारिश की फुहारें…

August 5, 2018

लाइफस्टाइल ने कितने बदले रिश्ते? (How Lifestyle Has Changed Your Relationships?)

ज़िंदगी फास्ट ट्रैक हो गई है.... यानी तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी, मॉडर्न लाइफस्टाइल... तेज़ी से बढ़ रहीं ख़्वाहिशें... इन ख़्वाहिशों के…

March 24, 2018

रात की ये 10 आदतें बना सकती हैं आपको मोटा (10 Nighttime Habits That Make You Fat)

रात की ये 10 आदतें बना सकती हैं आपको मोटा (10 Nighttime Habits That Make You Fat) क्या आप मोटापा…

March 11, 2018
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