हम ख़ुद को अन्य जीवों से बेहतर मानते हैं और कहा भी जाता है कि मनुष्य योनि में जन्म बड़ी…
न सपनों की ये दुनिया है, न ख़्वाबों का आसमान... अंधे हैं तमाम रास्ते यहां, अंधा है ये जहां... रूह…