...चंद तस्वीर-ऐ-बुतां, चंद हसीनों के खतूत बाद मरने के मेरे घर से यह सामान निकला मिर्ज़ा ग़ालिब एक ऐसा नाम…
मैं शायर तो नहीं... (Hindi Shayari: Main Shayer to nahi...) मिर्ज़ा ग़ालिब की उम्दा शायरी चांदनी रात के ख़ामोश…
महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब (mirza ghalib) की बर्थ एनिवर्सरी पर पढ़ें उनकी लाजवाब शायरी... 27 दिसंबर 1796 को आगरा में…