Nazam

काव्य- कौन कहता है… (Kavay- Kaun Kahta Hai…)

  कौन कहता है अकेले ज़िंदगी नहीं गुज़रती मैंने चांद को तन्हा देखा है सितारों के बीच में   कौन…

March 24, 2019

ग़ज़ल- मेरे होंठों के तबस्सुम कहीं गुम हो गए हैं (Gazal- Mere Honthon Ke Tabassum Kahin Gum Ho Gaye Hain…)

  मेरे होंठों के तबस्सुम कहीं गुम हो गए हैं जब से सुना है ग़ैर के वो हो गए हैं…

March 10, 2019

काव्य- तुम सम्हालो ख़ुद को… (Kavay- Tum Samhalo Khud Ko…)

बेटी तो होती है एक कली अगर खिलेगी वह नन्ही कली तो बनेगी एक दिन फूल वह कली चाहे हो…

February 3, 2019
© Merisaheli